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गधे के दूध से 'जवान' रहने का नुस्ख़ा' बेच रहा सोलापुर का यह स्टार्टअप

गधे के दूध से 'जवान' रहने का नुस्ख़ा' बेच रहा सोलापुर का यह स्टार्टअप

Wednesday November 28, 2018 , 6 min Read

आज हम आपको सोलापुर की पूजा कौल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने गधे के दूध और सौंदर्य से जुड़े इस तथ्य को एक बिज़नेस आइडिया में तब्दील करते हुए ‘ऑर्गेनिको’ नाम से एक ब्रैंड की शुरुआत की, जो ब्यूटी प्रोडक्ट्स बेचता है।

गधे के दूध से बना प्रॉडक्ट औऱ पूजा कौल

गधे के दूध से बना प्रॉडक्ट औऱ पूजा कौल


भारत में गधों की आबादी लगभग 3.4 बिलियन है और गधे के एक लीटर दूध की क़ीमत 3 हज़ार रुपए तक होती है। पूजा कहती हैं कि उनके प्रोग्राम का उद्देश्य है कि गधा-पालन करने वाले किसानों सीज़नल इंप्लॉयमेंट की समस्या से निजात दिलाया जाए। 

इतिहास के मुताबिक़, ऐसा माना जाता है कि मिस्र (इजिप्ट) की रानी क्लियोपात्रा अपनी ख़ूबसूरती को बरकरार रखने के लिए गधे के दूध का इस्तेमाल करती थीं और इस काम के लिए उनके राज में 700 गधों को पाला गया था। इतना ही नहीं, इतिहास में कई महिलाओं का जिक्र मिलता है, जो बढ़ती उम्र के साथ अपनी ख़ूबसूरती को बनाए रखने के लिए गधे के दूध का सहारा लेती थीं। आज हम आपको सोलापुर की पूजा कौल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने गधे के दूध और सौंदर्य से जुड़े इस तथ्य को एक बिज़नेस आइडिया में तब्दील करते हुए ‘ऑर्गेनिको’ नाम से एक ब्रैंड की शुरुआत की, जो ब्यूटी प्रोडक्ट्स बेचता है। ऑर्गेनिको गधों के पालन से जुड़े किसानों से संपर्क बनाकर, ब्यूटी प्रोडक्ट्स की मैनुफ़ैक्चरिंग और सेलिंग कर रहा है। सोलापुर, ग़ाज़ियाबाद और दासना के किसान ऑर्गेनिको से जुड़े हुए हैं।

ऑर्गेनिको दावा करता है कि उनका ब्रैंड भारत का पहला 100 प्रतिशत शुद्ध नैचुरल साबुन बना रहा है, जिसे गधे के दूध से तैयार किया जाता है। रिसर्च के मुताबिक़, गधे के दूध में विटामिन ई, विटामिन ए, बी 1, सी, डी, ई, ओमेगा 3 और 6 और ऐमिना ऐसिड पर्याप्त मात्रा में मौजूद होता है। इनके साथ-साथ गधे के दूध में कैल्सियम और रेटिनॉल भी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जो बढ़ती उम्र के साथ चेहरे पर आने वाली झुर्रियों (रिंकल्स) और अन्य निशानों को हटाने में कारगर होते हैं।

अटल इनक्यूबेशन सेंटर में पूजा कौल

अटल इनक्यूबेशन सेंटर में पूजा कौल


टाटा इन्स्टीट्यूट से पोस्ट-ग्रैजुएशन डिग्री के दौरान पूजा की मुलाकात स्थानीय स्तर पर गधा-पालन करने वाले किसानों से हुई। वह बताती हैं, "मैं अपने कोर्स के बाद सोलापुर में ही रहना चाहती थी और अपने प्रोजेक्ट की शुरुआत करना चाहती थी, लेकिन मेरे परिवार वालों ने इस बात का समर्थन नहीं किया। एक तरफ़ मेरे पास अपना बिज़नेस आइडिया था और दूसरी तरफ़ सरकारी नौकरी और मुझे दोनों में से एक विकल्प का चुनाव करना था। इस कशमकश के बीच मैं जानती थी कि किसी भी चीज़ के लिए मैं अपने सपनों को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकती और इसलिए मैंने तय किया कि मैं अपने बिज़नेस आइडिया पर ही काम करना शुरू करूंगी।" इस आइडिया को साकार करने के पीछे पूजा का उद्देश्य सिर्फ़ पैसा कमाना नहीं था बल्कि वह गधा-पालन से जुड़े समुदायों को रोज़गार के बेहतर मौक़े भी दिलाना चाहती थीं।

पूजा बताती हैं कि भारत में गधों की आबादी लगभग 3.4 बिलियन है और गधे के एक लीटर दूध की क़ीमत 3 हज़ार रुपए तक होती है। वह कहती हैं कि उनके प्रोग्राम का उद्देश्य है कि गधा-पालन करने वाले किसानों सीज़नल इंप्लॉयमेंट की समस्या से निजात दिलाया जाए। ऑर्गेनिको किसानों से गधे का दूध 2 हज़ार रुपए प्रति लीटर की दर से ख़रीदता है। इसके बाद इस दूध की मदद से ऑर्गेनिक ब्यूटी प्रोडक्ट्स तैयार किए जाते हैं। ऑर्गेनिको गधे के दूध से तैयार किया गया साबुन, चारकोल और हनी सोप बेचती है। ऑर्गेनिको ऑफ़लाइन और ऑनलाइन दोनों ही माध्यमों से उत्पाद बेचती है। पिछले तीन महीनों में कंपनी ने 499 रुपए की दर से 1 हज़ार से अधिक साबुन बेचे हैं। कंपनी की टार्गेट ऑडियंस 25 साल से 50 साल तक की महिलाएं हैं।

पूजा ने अपने क्लासमेट ऋषभ यश तोमर के साथ मिलकर ऑर्गेनिको की शुरुआत की और हाल में उनके साथ सात लोगों की कोर टीम काम कर रही है। ऑर्गेनिको ने सोलापुर के बाद अब ग़ाज़ियाबाद और दासना में भी अपने ऑपरेशन्स शुरू कर दिए हैं। एक छोटे शहर से स्टार्टअप शुरुआत करने के अपने फ़ैसले से पूजा काफ़ी ख़ुश हैं। वह मानती हैं कि छोटे शहरों में ऑन्त्रप्रन्योर्स अपने प्रयासों से स्थानीय समुदायों के बीच एक सकारात्म संदेश भेज सकते हैं, लेकिन इसके साथ-साथ इस बात पर गौर करना भी महत्वपूर्ण है कि एक छोटे शहर में एक महिला के बिज़नेस की शुरुआत करना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है।

पूजा कौल

पूजा कौल


पूजा बताती हैं, "स्थानीय लोगों के बीच एक महिला होने के नाते अकेले जाकर उनसे बातचीत करना और अपनी मुहिम से जोड़ना, एक बेहद मुश्किल काम है। लोग अक्सर उन पर तंज कसते हैं और बुरी बाते कहते हैं। इतना ही नहीं, सुबह 5 बजे दूध लेने जाने के दौरान मुझे काफ़ी असुरक्षित भी महसूस होता है। मैं मानती हूं कि अगर मैं पुरुष होती तो शायद मुझे इन सब चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ता।" पूजा बताती हैं कि शुरुआत में गधे का नाम सुनकर लोग हिचकिचाते थे लेकिन धीरे-धीरे उन्हें दूध के फ़ायदों के बारे में बताकर उनका काम आसान हुआ।

ऑर्गेनिको फ़िलहाल बूटस्ट्रैप्ड फ़ंडिंग के सहारे बिज़नेस कर रहा है और विभिन्न प्रतियोगिताओं में जीतने वाली राशि को अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाने में इस्तेमाल करता है। पूजा ने जानकारी दी कि बिज़नेस के किसी भी ऑपरेशन के दौरान जानवरों को किसी भी तरह से नुकसान नहीं पहुंचाया जाता। एक गधा एक दिन में 500-700 मिली लीटर दूध देता है और एक किसान के पास लगभग 4-12 गधे होते हैं। ऑर्गेनिको एक गधे से 100-200 मिली. दूध लेता है। इतना ही नहीं, इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि एक जानवर से हर दूसरे दिन दूध निकाला जाए ताकि उनके बच्चों को भी पर्याप्त दूध मिल सके।

ऑर्गनिको औसत तौर पर 12 गधा-पालन करने वाले किसानों के साथ काम करता है। पूजा ने बताया कि कंपनी की योजना है कि 2019 तक कम से कम 50-95 गधा-पालकों के साथ व्यवसाय शुरू किया जाए और साथ ही गधे के दूध से तैयार होने वाले ऑर्गेनिक स्किन केयर प्रोडक्ट्स भी लॉन्च किए जाएं।

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