20 साल की समानिया भट्ट बनीं उत्तरी कश्मीर की सबसे कम उम्र की महिला RJ
समानिया ने मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद 250 अन्य उम्मीदवारों के साथ रेडियो जॉकी (RJ) की जॉब के लिए अप्लाई किया था जिसके बाद उनका तीन अन्य पुरुष प्रतिभागियों के साथ चयन हुआ है।
जम्मू-कश्मीर के बारामूला की 20 वर्षीय समानिया भट्ट उत्तरी कश्मीर की सबसे कम उम्र की महिला रेडियो जॉकी (RJ) बन गई हैं।
मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन कर चुकी भट वर्तमान में रेडियो चिनार 90.4 एफएम में कार्यरत हैं। यह सोपोर में स्थित उत्तरी कश्मीर का पहला रेडियो स्टेशन है। उन्होंने 250 अन्य उम्मीदवारों के साथ इस जॉब के लिए अप्लाई किया था, जिसके बाद 3 अन्य पुरुष प्रतिभागियों के साथ उनका चयन हुआ है।
वह रेडियो चिनार (Radio Chinar) पर 'हल्ला बोल विद आरजे समानिया' (Halla Bol with RJ Samaniya) नाम से एक प्रोग्राम चलाती हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, समानिया ने कहा, "बचपन से पत्रकारिता मेरा जुनून था। मैं तीन साल से 'कश्मीर डिस्पैच' के साथ काम कर रही हूं और जमीनी स्तर पर भी काम किया है। जब मुझे पता चला कि रेडियो चिनार का उत्तर कश्मीर में पहला रेडियो स्टेशन होगा, मैंने इसमें ट्राई करने के बारे में सोचा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं रेडियो जॉकी (Radio Jockey) बनूंगी या मैं कभी भी रेडियो स्टेशन में काम करूंगी।"
अपनी पढ़ाई और रेडियो चिनार में सेलेक्शन के बारे में बताते हुए आगे कहा, "मैंने गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, बारामूला से मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएशन पूरा किया है। जिसके बाद 250 अन्य लोगों के बीच आरजे की नौकरी के लिए आवेदन किया और मेरा चयन हो गया। उन्होंने बताया कि उनका तीन अन्य पुरुष प्रतिभागियों के साथ चयन हुआ है।"
समानिया भट ने अपने कड़ी मेहनत के बल पर "आरजे समानिया" नाम हासिल किया है। उन्होंने अन्य लड़कियों को भी अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है, चाहे उनके रास्ते में कुछ भी आए। वह कहती है कि उनका मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में कश्मीरी युवाओं की प्रतिभा को बढ़ावा देना है। उनका मानना है कि अगर आपको लगता है कि आपके अंदर किसी काम को करने का जुनून है, तो आपको उसे जरूर करना चाहिए।
आपको बता दें कि इस वर्ष की शुरूआत में कश्मीर की रहने वाली 25 साल की आयशा अजीज देश की सबसे कम उम्र की महिला पायलट बनीं थी। 2011 में, आयशा अजीज 15 वर्ष की आयु में लाइसेंस प्राप्त करने वाली सबसे कम उम्र की छात्र पायलट बनीं थी। उन्होंने अगले वर्ष रूस के सोकोल एयरबेस में MIG-29 जेट उड़ाने के लिए प्रशिक्षण लिया था। 25 वर्षीय आयशा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया और वे अपने पिता को अपना रोल मॉडल मानती हैं।