ब्रिक्स देश मिलकर निकालेंगे सोना
परियोजना में उत्पादन शुरू होने से पहले 40 से 50 करोड़ डालर का निवेश किया जा सकता है।
ब्रिक्स देशों की इकाईयां मिलकर साइबेरिया में सोना निकालेंगी। भारत के खेमका परिवार के नेतृत्व वाली जिंस कारोबार कंपनी सन ग्रुप ने रूस, चीन और कुछ अन्य देशों की इकाइयों के साथ मिलकर रूस के साइबेरिया क्षेत्र में सोना खान के विकास की परियोजना में 50 करोड़ डॉलर के निवेश का एक करार किया।
इस करार में सन ग्रुप के अलावा रूस का एक सरकारी निवेश कोष, चीन का चाइना नेशनल गोल्ड ग्रुप और ब्राजील तथा दक्षिण अफ्रीका की कुछ इकाइयां शामिल हैं।
नंदन खेमका की अगुवाई वाले खेमका समूह की कंपनी सन ग्रुप मुख्यत: रूस और यूक्रेन में काम करती है। इस परियोजना में उसके साथ रूस का फार ईस्ट एंड बैकाल रिजन डेवलपमंट फंड, चाइना नेशनल गोल्ड ग्रुप कारपोरेशन, दक्षिण अफ्रीका की ट्रांस अफ्रीका कैपिटल और ब्राजील के निवेश एंटोनियो डे मोरिएस शामिल हैं।
ये इकाइयां रूस के पूर्वी साइबेरिया क्षेत्र में चीटा इलाके मकी क्लुचेवसकोय स्वर्ण खान परियोजना का विकास करेंगी। यह जानकारी यहां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान अलग से एक बयान में दी गयी। इसमें हर साल 1.2 करोड़ टन स्वर्ण अयस्क की खुदाई करने का लक्ष्य है जिससे हर साल 6.5 टन सोना निकाला जा सकता है।
बयान के अनुसार परियोजना में उत्पादन शुरू होने से पहले 40 से 50 करोड़ डालर का निवेश किया जा सकता है।