ज्यादा वजन होने पर पति ने छोड़ा, 6 साल के बच्चे की मां बनीं बॉडी बिल्डिंग चैंपियन
उनके शरीर के अत्यधिक वजन के कारण उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया था। लेकिन रूबी ने हताश होने के बजाय सकारात्मक रूप से इस स्थिति को संभाला और जो कर के दिखाया वह तमाम महिलाओं के लिए मिसाल है।
रूबी ने असम और केरल में में बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता नेशनल लेवल पर मेडल जीते। वह कहती हैं, 'मैं देश की तमाम लड़कियों औऱ महिलाओं को यह संदेश देना चाहती हूं कि वे कुछ भई कर सकती हैं।'
कितने दुर्भाग्य की बात है कि आज भी हमारे समाज में किसी व्यक्ति के बारे में राय उसके रंग, रूप या शरीर की बनावट के आधार पर तय की जाती है। इस मानसिकता का खामियाजा कितना खतरनाक होता है इस बात का अंदाजा शायद लोगों को नहीं होता। तमिलनाडु की रूबी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। दरअसल उनके शरीर के अत्यधिक वजन के कारण उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया था। लेकिन रूबी ने हताश होने के बजाय सकारात्मक रूप से इस स्थिति को संभाला और जो कर के दिखाया वह तमाम महिलाओं के लिए मिसाल है। रूबी फिटनेस चैंपियन बन गई हैं और देश के लिए मेडल जीत रही हैं।
रूबी के लिए हालांकि ऐसा करना आसान नहीं था। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, 'मेरे पति ने मुझसे कहा था कि उनकी रुचि मुझमें खत्म हो रही है क्योंकि मेरा वजन काफी ज्यादा हो गया है। इस बात से मुझे काफी तकलीफ पहुंची। तभी से मैंने ठान लिया था कि मैं अपने फिटनेस पर ध्यान दूंगी। मैंने वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज शुरू कर दी। हालांकि ऐसा काफी मुश्किल था क्योंकि मेरा 6 साल का एक छोटा बेटा भी है। लेकिन मैं ऐसा कर पाई क्योंकि मैंने अपना लक्ष्य निर्धारित कर लिया था।'
वह कहती हैं कि उनके पास ज्यादा पैसे भी नहीं थे और उन्हें काफी महंगे सप्लीमेंट्स की जरूरत होती थी। लेकिन उन्होंने अपनी जुंबा क्लास की बदौलत इस मुश्किल को भी दूर कर दिया। रूबी ने असम और केरल में में बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता नेशनल लेवल पर मेडल जीते। वह कहती हैं, 'मैं देश की तमाम लड़कियों औऱ महिलाओं को यह संदेश देना चाहती हूं कि वे कुछ भई कर सकती हैं।' दिलचस्प बात यह है कि तमिलनाडु से बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली वह पहली महिला हैं।
रूबी के कोच कार्तिक भी उनके दृढ़ निश्चय और कठिन परिश्रम की तारीफ करते नहीं थकते। कार्तिक का कहना है कि रूबी बड़ी आसानी से फिटनेस का मिस इंडिया का खिताब अपने नाम कर लेंगी। वह कहते हैं, 'मैंने अपने जीवन में अब तक 100 से अधिक महिलाओं को फिटनेस की ट्रेनिंग दी होगी, लेकिन मुझे आज तक कोई महिला ऐसी नहीं दिखी जिसने इतनी मेहनत की हो।'
सोशल मीडिया के प्रचलन के बाद शरीर की बनावट और रंग-रूप पर तंज कसना आम बात हो गई है। इस बात का हर किसी के मन मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ता है। फिर वह चाहे महिला हो या पुरुष। ऐसे वक्त में रूबी की कहानी से दो बातें समझ में आती हैं, एक तो बॉडी शेमिंग रोकने के लिए लोगों को जागरूक करना होगा और दूसरा यह कि जिंदगी में कभी हार नहीं माननी चाहिए क्योंकि मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
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