रेशम की मदद से जनजातीय महिलाओं को सशक्त बना रही है छत्तीसगढ़ सरकार
स्थिति को बदलने और राज्य में जनजातीय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने उन्हें तुसर रेशम के उत्पादन और रेशमकीट को थ्रेड से हटाने में शामिल होने वाली प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षित करने की पहल की है।
तुसर रेशम उत्पादन की यह परियोजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक बेहतर विधि साबित हो रही है। हम ‘जश उद्यम’ ब्रांड विकसित कर रहे हैं, जिसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से बिक्री के लिए पेश किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में जनजातीय महिलाएं कई बार तस्करी और अन्य प्रकार के शोषण का शिकार हो जाती हैं। अनेक जनजातियों वाले छत्तीसगढ़ से साल में कई बार इस तरह की खबरें आती हैं। महिलाओं की स्थिति को ऊपर उठाने और उन्हें आजीविका का एक स्थायी स्रोत प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने उन्हें तुसर रेशम के उत्पादन में प्रशिक्षित करने का फैसला लिया है।
देश की आधी आबादी यानि महिलाओं के साथ अक्सर दमन, शोषण और उनके अधिकारों के उल्लंघन के मामले सामने आते हैं। यह चिंतनीय है, लेकिन सच है। शोषण और अधिकारों के उल्लंघन का शिकार होने वालों में सबसे ज्यादा जनजातीय और आदिवासी महिलाएं शामिल हैं। देश में ऐसे मामले सामान्य मामलों से दोगुनी संख्या में सामने आते हैं। इंडिया टुडे के अनुसार, भारत में जनजातीय महिलाओं की साक्षरता दर सबसे कम है। यह वजह है कि वे अत्याचार सहने के लिए मजबूर हैं।
इस स्थिति को बदलने और राज्य में जनजातीय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने उन्हें तुसर रेशम के उत्पादन और रेशमकीट को थ्रेड से हटाने में शामिल होने वाली प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षित करने की पहल की है। जशपुर जिले में स्वयं सहायता समूहों ने संबंधित महिलाओं को इसके लिए 45 दिन का प्रशिक्षण भी दिया है।
तुसर रेशम उत्पादन का पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद महिलाओं को इसके उत्पादन की जिम्मेदारी भी सौंपी जाती है। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल महिलाओं के लिए आय का एक अच्छा स्रोत साबित हुई है, जो उन्हें सशक्त भी बना रहा है।
इस पहल के बारे में एएनआई से बात करते हुए जशपुर जिले की कलेक्टर प्रियंका शुक्ला बताती हैं कि जशपुर तेजी से राज्य के प्रमुख जिलों में से एक के रूप में उभर रहा है। तुसर रेशम उत्पादन की यह परियोजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक बेहतर विधि साबित हो रही है। हम ‘जश उद्यम’ ब्रांड विकसित कर रहे हैं, जिसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से बिक्री के लिए पेश किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस मिशन से अब तक 1,200 से अधिक महिलाओं को फायदा हुआ है, जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार अन्य जिलों में भी इसी तरह की पहल का विस्तार करने की योजना बना रही है।
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