ई-वाणिज्य नियामकों की समीक्षा के लिए होगी समिति
सरकार ने एक समिति के गठन का फैसला किया है जो देश में तेजी से वृद्धि दर्ज करते ई-वाणिज्य उद्योग से जुड़े प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मानदंड समेत सभी मुद्दों पर विचार करेगी।
समिति की अध्यक्षता नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी करेंगे। इस समिति के अन्य सदस्यों में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, इलेक्ट्रानिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी आदि विभागों के अधिकारी भी शामिल होंगे।
अधिकारी ने कहा, ‘‘समिति ई-वाणिज्य क्ष्ेात्र से जुड़े एफडीआई समेत सभी मुद्दों पर विचार करेगी। समिति इस क्ष्ेत्र की वृद्धि को बढ़ावा देने के संबंध में तरीके सुझाएगी।’’ समिति में महाराष्ट्र तथा कर्नाटक समेत चार राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। कुछ ई-वाणिज्य कंपनियों को विभिन्न राज्यों में कराधान से जुड़ी समस्या हो रही है।
इस समिति की स्थापना इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि सरकार ने हाल ही में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी है। ई-वाणिज्य कंपनियों द्वारा दवाएं बेचे जाने से जुड़े भी मुद्दे हैं।
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग :डीआईपीपी: ने मार्च में ई-वाणिज्य खुदरा बिक्री के मंच में स्वत: अनुमति के जरिए 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी दी है।
दिशानिर्देश के मुताबिक ई-वाणिज्य के इन्वेंट्री आधारित माडल में एफडीआई मंजूरी नहीं है।-पीटीआई