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छेड़खानी करने वाले शोहदों को सबक सिखा रही ये बहादुर लड़कियां

शोहदों को सबक सिखाएं बहादुर लड़कियां और सुपर नानी

छेड़खानी करने वाले शोहदों को सबक सिखा रही ये बहादुर लड़कियां

Saturday December 16, 2017 , 6 min Read

 जमाना बदल रहा है, अब लड़कियां वो नहीं रहीं, जो फब्तियां बर्दाश्त करते हुए सिर झुका कर निकल जाएं, अब वो शोहदों को तो मौके पर सबक सिखा ही रहीं, कई बुजुर्ग महिलाएं भी ऐसी बहादुरी की मिसाल बन रही हैं। एक लड़की ने तो ऐसे पुलिस वालों की कारस्तानी बताती हुए कप्तान की बोलती बंद कर दी। सुपर नानी की टांग भले टूट गई लेकिन आखिर तक उसने दो छिछोरों का पीछा किया। आईये जानें पूरा मामला और बहादुर लड़कियों की कहानी...

मनचलों को सबक सिखाने वाली तीन बहनें

मनचलों को सबक सिखाने वाली तीन बहनें


उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नारी सुरक्षा सप्ताह के दौरान एक मनचला विभूति खंड क्षेत्र में वेब मॉल के पास एक लड़की से अभद्र हरकतें करने लगा। व‍िरोध करने पर मारप‍ीट पर उतर आया। लड़की ने आत्मरक्षा के लिए उस पर अटैक कर दिया।

जमाना बदल रहा है, अब लड़कियां वो नहीं रहीं, जो फब्तियां बर्दाश्त करते हुए सिर झुका कर निकल जाएं, अब वो शोहदों को तो मौके पर सबक सिखा ही रहीं, कई बुजुर्ग महिलाएं भी ऐसी बहादुरी की मिसाल बन रही हैं। एक लड़की ने तो ऐसे पुलिस वालों की कारस्तानी बताती हुए कप्तान की बोलती बंद कर दी। सुपर नानी की टांग भले टूट गई लेकिन आखिर तक उसने दो छिछोरों का पीछा किया। घटना फरीदाबाद (हरियाणा) की है। यहां की सुपर नानी का नाम अब बड़े अदब से लिया जाता है। सुपर नानी की दोहती पिछले दिनो जब स्कूल से घर साइकिल से लौट रही थी, स्कूटी सवार दो युवक अभद्र हरकतें हुए उसका पीछा करने लगे।

लड़की ने घर पहुंचकर नानी से दोनो युवकों की कारस्तानी बताई। नानी ने तुरंत घर के बाहर निकल कर देखा तो दोनो शोहदे खड़े मिले। नानी ने ललकारा तो दोनो भागने लगे। आगे रास्ता बंद थी। नानी दोनो को रोक लिया तो वे स्कूटी से टक्कर मारकर भाग निकले। घटना में नानी की टांग तो टूट गई लेकिन उसने पूरा मामला तुरंत पुलिस तक पहुंचाया, पुलिस सक्रिय हो गई। थानेदार ने भरोसा दिया कि जल्द हो दोनो को दबोच लिया जाएगा। इसी तरह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नारी सुरक्षा सप्ताह के दौरान एक मनचला विभूति खंड क्षेत्र में वेब मॉल के पास एक लड़की से अभद्र हरकतें करने लगा। व‍िरोध करने पर मारप‍ीट पर उतर आया। लड़की ने आत्मरक्षा के लिए उस पर अटैक कर दिया।

कॉलर खींचकर उससे लड़ पड़ी। साथ ही जोर से चिल्लाई, कई लोग मौके पर पहुंच गए। फिर तो उसने मजनू को ऐसा सबक सिखाया कि पिटाई के बाद शोहदा पुलिस के हवाले हो गया। लड़की से पिटने के बाद मनचला भाग रहा था तो ऑटो वाले ने बस को ओवरटेक कर आरोपी को धर दबोचा था। एसओ सतेंद्र राय ने बताया कि आरोपी के ख‍िलाफ धारा 151 के तहत कार्रवाई की जा रही है।

जब पुलिस अधिकारी शहर में लड़कियों और औरतों की सुरक्षा के नाम पर लंबा-लंबा भाषण देकर निकल जाना चाहते हैं, कभी कभी उनका बड़बोलापन उन पर उल्टा पड़ जाता है। एक ऐसा ही वाकया नारी सुरक्षा सप्ताह के दौरान लखनऊ में पिछले दिनो हुआ। हुआ ये कि एसएसपी दीपक कुमार गोमतीनगर के जयपुरिया मैनेजमेंट कॉलेज में नारी सुरक्षा सप्ताह के तहत उपलब्धियां गिना रहे थे। उस समय कॉलेज की तमाम लड़कियां कार्यक्रम में मौजूद थीं। एसएसपी पुलिस की बहादुरी बखानते हुए कहने लगे कि छात्राओं और अध्यापिकाओं को अब किसी से डरने की ज़रूरत नहीं है।

लखनऊ पुलिस अब हर तरह से उनके साथ है। तभी एक छात्रा ने कहा कि 5 नवम्बर को गोमतीनगर रेलवे स्टेशन की पार्किंग से गौरव नाम का सिपाही जबरन कार में बैठाकर उसे थाने ले गया, और कई घाटों तक उसको और उसके दोस्त को थाने में बैठाये रखा। इस दौरान दौरान उसके साथ कोई महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थी, इसके बाद उसने छोड़ने के नाम पर 3500 रुपये लिए। इतना ही नहीं वॉट्सअप पर उसके साथ चैटकर नजदीकी बढ़ाने के लिए दबाव बनाने लगा। रोज़ाना गुड मॉर्निंग के मैसेज भेजता। फिर धमकाना शुरू कर दिया। छात्रा के उलाहने पर एसएसपी की बोलती बंद हो गई। कॉलेज स्टॉफ और बाकी छात्राएं भी उसके साहस पर हक्की-बक्की। एसएसपी ने सिपाही बर्खास्तगी कर दिया।

निश्चित ही आज के जमाने की लड़कियों से उन बहादुर औरतों से सबक लेना होगा, जिन्होंने बड़े-बड़ो को मात देकर अपना और अपने घर-परिवार, देश तक का नाम रोशन किया। उऩ्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है। दंगल फिल्म की बबीता फोगाट कहती हैं, जहां भी कोई छेड़खानी की कोशिश करे, बिना सोचे-समझे सबसे पहले ऐसे व्यक्ति को सीधे थप्पड़ जड़ो। लड़कियों तुम बहुत बहादुर हो। डरने की कोई जरूरत नहीं है। धाकड़ बनो। तुम्हें देश की बहादुर लड़कियों और महिलाओं के शाबासी भरे कारनामों से सबक लेनी चाहिए। एक ऐसी ही बहादुर महिला का नाम है, फर्रुखाबाद (उ.प्र.)की कमलेश कुमारी।

इसी महीने की तेरह तारीख को कमलेश कुमारी ने शहीद होने से पहले संसद पर अटैक करने वाले आंतकवादियों के मंसूबे पस्त कर दिए थे। इस बहादुरी के लिए उन्हें अशोक चक्र मिला। उस दिन 13 दिसंबर 2001 को संसद भवन के गेट नंबर 11 पर कमलेश कुमारी तैनात थीं। इस बीच अंबेसडर से सेना की वर्दी में पांच आतंकी एके-47 और हैंड ग्रैनेड से लैस होकर अटैक करने पहुंचे और संसद के अंदर घुसने लगे। उस समय कमलेश के हाथ में सिर्फ वॉकी-टॉकी था। वह चीख पड़ीं। इससे आतंकियों में खलबली मच गई। उन्होंने फुर्ती से अलार्म बजाती कमलेश कुमारी को गोलियों से छलनी कर दिया। इसके बाद तो मुठभेड़ में पांचों आतंकी मार गिराए गए।

यूपी में सोनारपुरा (वाराणसी) की मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण ले चुकी उन तीन सगी बहनों का साहस भी हमे सबक सिखाता है। पिछले दिनो मिर्जापुर के लखनिया दरी जल प्रपात में सात सदस्यीय फ्रांसीसी दल के साथ घूमने गईं विदेशी युवतियों के साथ लगभग एक दर्जन युवक छेड़खानी के साथ ही हमलावर हो गए। चिकित्सक डॉ. जयंत दत्ता की ये तीनो बेटियां रिया दत्ता, मिली दत्ता और तानिया दत्ता अपने चाचा नितिन डे के साथ फ्रांसीसी दल को लेकर लखनियां दरी पहुंची थीं। उसी दौरान फ्रांसीसी युवती लैला के साथ नशे की हालत में शोहदे सेल्फी खिंचवाने पर अड़ गए। मना करने पर घेर लिया।

इस बीच एक ने लैला की कमर पर और दूसरे ने तानिया की कमर पर हाथ रखने की कोशिश की। तानिया ने गाल पर तमाचा जड़ दिया। इतने में रिया और मिली भी दौड़ पड़ीं। लड़के बौखला गए। मारपीट करने के साथ ही अपने अन्य दोस्तों की मदद से लाठियों और कोल्ड ड्रिंक्स की बोतलों से हमला करने लगे। रिया, मिली और तानिया टक्कर लेती हुई उन पर भारी पड़ गईं। मारपीट कर उन्हें खदेड़ दिया।

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