Web3.0 स्पेस में काम करने वाली 30% भारतीय महिलाएं लंबे समय तक सोचती हैं: रिपोर्ट
ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज KuCoin ने ग्लोबल सर्वे रिपोर्ट "Journey into Web3" की कुछ खास बातों को उजागर किया है. इन बातों में Web3.0 इंडस्ट्री में नौकरी के अवसरों का पता लगाने के लिए भारतीय युवाओं की रुचि का खुलासा हुआ है.
रिपोर्ट में 40% से अधिक भारतीय Web3.0-इच्छुक पेशेवरों ने मेटावर्स, NFTs (non-fungible tokens), और रोजगार के लिए ब्लॉकचेन-बेस्ड गेमिंग स्पेस में रुचि दिखाई है. यह दुनियाभर में औसत से अधिक है. सर्वे में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि भारत में 72% Web3.0 पेशेवर अपने करियर से संतुष्ट हैं, और इंडस्ट्री के लाभों जैसे डेवलपमेंट, इनोवेशन, साथ ही साथ बेहतर कल्याण को स्वीकार करते हैं. इसके अलावा, सर्वे में शामिल 60% भारतीय यूजर, जिन्होंने कभी Web3.0 के लिए काम नहीं किया है, वे रोजगार के लिए सीखने में रुचि रखते हैं. पेशेवर उन्नति के अवसर और इस सेक्टर में मिलने वाली बेहतर सैलरी, इसके बड़े कारण हैं. इसके अलावा, मार्केटिंग, रिसर्च और स्ट्रेटैजी को भारत में वांछित Web3.0-बेस्ड जॉब फंक्शन माना गया है, क्योंकि 45% से अधिक Web3.0-इच्छुक पेशेवरों ने शामिल होने की इच्छा दिखाई है.
सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, सर्वे में शामिल 30% भारतीयों को लगता है कि महिलाएं लंबे समय तक सोचकर और अपने काम में रणनीतियों को लागू करके Web3.0 वर्कप्लेस में योगदान करती हैं. 34% सोचते हैं कि Web3.0 स्पेस में महिलाओं के नेतृत्व वाले समुदायों की कमी है, जिसमें Web3.0 शैक्षिक संसाधनों (31%) की कमी और इंडस्ट्री अपडेट (26%) विकसित होने के साथ-साथ रहना शामिल है. इसके अलावा, 25% लोग सोचते हैं कि महिलाएं Web3.0 स्पेस में अस्थिरता और जोखिमों को लेकर चिंतित हैं.
जैसा कि KuCoin के सीईओ जॉनी ल्यू (Johnny Lyu) ने कहा, एक्सचेंज ने इस ग्लोबल स्टडी को इस बात का पता लगाने के लिए किया कि कैसे भारत में युवाओं ने संभावित कैरियर पथ के रूप में ब्लॉकचेन, मेटावर्स की दुनिया में रुचि दिखाई है.
उन्होंने आगे कहा, "हमारे "Journey into Web3" पोल के परिणामों से यह भी पता चला है कि भारत में महिलाओं का Web3.0 में भविष्य है, जिसमें अच्छा टैलेंट पूल है. भविष्य में, हम Web3.0 स्पेस में महिलाओं सहित अधिक भारतीयों को शामिल होने की उम्मीद करते हैं, जो भारत के संपूर्ण Web3.0 इकोसिस्टम को मजबूत करेगा."
Web3.0 इंटरनेट की ग्रोथ की अगली स्टेप के लिए जिम्मेदार है. क्रिप्टो, ब्लॉकचेन, मेटावर्स और NFT इसी की देन है. Web3.0 डिसेंट्रलाइजेशन, खुलेपन और ज्यादा बड़े यूजर यूटिलिटी कॉन्सेप्ट्स पर बनाया गया है.
"Web3" शब्द की ईज़ाद 2014 में Ethereum के को-फाउंडर गेविन वुड (Gavin Wood) ने की थी. लेकिन पिछले साल इस शब्द ने तब सुर्खियां बटौरी जब Twitter और Discord कम्यूनिटी में इसको लेकर हलचल मची.
सबसे बड़ी बात ये है कि Web3 की दुनिया में, इन्फॉर्मेशन को वर्चुअल डिजिटल वॉलेट में स्टोर किया जाता है. इन्फॉर्मेशन डेटा सेंटर में स्टोर नहीं की जाती. यूजर इन वॉलेट का उपयोग Web3 ऐप्लीकेशन से जुड़ने के लिए करते हैं, जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर चलती हैं. जब कोई यूजर किसी एप्लिकेशन से डिस्कनेक्ट करना चाहता है, तो वे बस लॉग ऑफ करते हैं. अपने वॉलेट को डिस्कनेक्ट करते हैं और अपना डेटा अपने साथ ले जाते हैं.
हालांकि Web3 अभी अपने शुरुआती दौर में है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य क्या रुख लेता है...
(फीचर इमेज: freepik)