अब सीबीएसई स्कूल होंगे कैशलेस
कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए सभी सीबीएसई स्कूल अब कैशलेस हो जायेंगे, जिसके चलते सीबीएसई ने संकेत दिये हैं, कि 2017 जनवरी सेशन से सभी स्कूलों में डिजिटल पेमेंट व्यवस्था लागू कर दी जायेगी।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने भी कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए अपने कदम आगे बढ़ा बढ़ा दिये हैं। सीबीएसई ने अपने संबंद्ध स्कूलों से कहा है कि जनवरी, 2017 से वह ऑनलाइन या कैशलेस मोड से फीस लें।
इसके तहत स्कूलों द्वारा जमा की जाने वाली फीस के साथ स्कूल में पढ़ाई के लिए जमा होने वाली फीस, बस, होस्टल व कैंटीन के खर्चों का भुगतान भी डिजिटल तौर पर ही किया जायेगा।
बोर्ड के सचिव जोसेफ इमेनुअल की ओर से सीबीएसई के अधीन संचालित होने वाले तमाम स्कूलों के प्रधानाचार्यों को भेजे गए पत्र में कहा गया है, कि सीबीएसई ने एग्जामिनेशन फीस, एफिलिएशन और अन्य कई कोर्यों के लिए ई-भुगतान की सेवा शुरू की है। बोर्ड ने अपने स्कूलों को यह भी निर्देश दिया है, कि वे शिक्षकों समेत स्टाफ को वेतन भी कैशलेस प्रणाली के जरिये ही सीधे उनके बैंक खातों में करें।
स्कूलों को विभिन्न सेवाओं, कॉन्ट्रैक्चुअल वर्कर्स को सैलरी आदि जैसे लेने-देन में भी डिजिटल भुगतान करना होगा।
पत्र में कहा गया है कि स्कूल अपने छात्रों को कैशलेस लेन-देन के फायदे बतायें और उन्हें इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें। उधर दूसरी तरफ केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने परीक्षाओं में ओएमआर शीट्स पर मार्क की गई प्रतिक्रियाओं को कैद करने के लिए एक नयी उन्नत ‘इमेज टेक्नोलाजी’ आधारित पद्धति- डिजि स्कोरिंग अपनाई है जिससे न केवल समय बचेगा, बल्कि यह सस्ता होगा।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, कि ‘डिजि-स्कोरिंग का इस्तेमाल इस बोर्ड द्वारा पहली बार प्रधानाचार्यों और केवीएस के सहायक आयुक्तों की भर्ती परीक्षा में ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट्स पर जवाब को कैद करने के लिए किया गया था। यह परीक्षा हाल ही में आयोजित की गई थी।’ सीबीएसई चेयरमैन आरके चतुर्वेदी ने एक बैठक में ‘डिजि-स्कोरिंग’ पहल सामने पेश की।