छोटी जगहों को मिली पहचान, सैलानियों की पसंद हुई आसान
Holidify के संस्थापक हैं आईआईटी के पूर्व छात्रसैलानियों की पसंद का रखते हैं ख्यालदिल्ली से कर रहे हैं कारोबार
घुमना फिरना किसे अच्छा नहीं लगता। कॉलेज के दिनों में आईआईटी मुंबई में पढ़ने वाले तीन छात्र कोविद कपूर, रोहित श्रॉफ और प्रतीक चौहान भी सप्ताह के अंत में घुमने फिरने निकल जाते थे। हर बार उनको नई जगह की तलाश होती। इसके लिए वो ना सिर्फ इधर उधर से जानकारी जुटाते बल्कि इंटरनेट की भी मदद लेते। धीरे धीरे उनको ये लगने लगा कि कोई भी वेबसाइट किसी खास चुनिंदा जगहों के बारे में ही जानकारी देती हैं। जो ना सिर्फ जानी पहचानी जगह होती है बल्कि काफी कम जानकारी दी गई होती है। तभी रोहित को Holidify बनाने का विकल्प सूझा लेकिन इस काम को शुरू किया आईआईटी की पढ़ाई पूरी करने के बाद। इस काम में कोविद और प्रतीक भी रोहित के साथ थे।
ज्यादातर घरेलू सैलानी ऐसी जगह पसंद करते हैं जो दूर दराज के इलाकों में हों और उसके बारे में उनको काफी कम पता हो। जबकि देश में कई तरह के टूर प्लान बनाये जाते हैं। तो ऐसा क्या है दिल्ली से काम करने वाली Holidify और इस क्षेत्र से जुड़े दूसरे उद्यम में। इसका जवाब है कि Holidify नक्शे के आधार पर सैलानियों की मदद करता है ताकि उनको व्यापक परिप्रेक्ष्य में जगह की जानकारी मिले। इसके अलावा ये यात्रियों की योजना बनाने काम से साथ जुड़ जाता है। ताकि जो इनकी सेवाएं ले रहे हैं वो सही जगह घुमने का चुनाव कर सकें। ये लोग इस बात का ध्यान रखते हैं कि जब कोई सैलानी उनकी वेबसाइट में आये और वो ये तय नहीं कर पा रहा हो कि उसे किसी पहाड़ी इलाके में जाना चाहिए या फिर किसी समुंद्र के किनारे तो इसमें भी ये लोग उसकी मदद करते हैं। मानचित्र पर आधारित दृष्टिकोण के अलावा Holidify अपने आप में एक यात्रा गाइड का काम भी करता है। इन लोगों का दावा है कि इन्होने घुमने फिरने की हर जगह के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने की कोशिश की है फिर चाहे सैलानी इनसे ऑनलाइन या ऑफलाइन मदद लें। ऐसे में किसी भी सैलानी को सभी जानकारी एक ही जगह पर उपलब्ध हो जाती है।
Holidify की गाइड बड़े कमाल की है इसको देखकर कोई भी आसानी से ये तय कर सकता है कि उसे कहां और कैसे घुमने जाना है। इतना ही नहीं उसे घर बैठे पता चल सकता है कि वो जहां छुट्टियां बिताने जा रहा है वहां पर उसे किस तरह का खाना मिलेगा, वो कहां ठहर सकता है और किस तरह वो अपनी यात्रा को अंजाम दे सकता है। ये उन लोगों की भी मदद करता है तो किसी खास जगह पर घुमने जाना चाहते हों और किसी खास चीज को देखने की इच्छा रखते हों। कंपनी के सह-संस्थापक रोहित का कहना है कि उनका अब तक का सफर काफी उत्साहवर्धक रहा है। यही कारण है कि सैलानियों की मदद के लिए वो जल्द ही कुछ नये उत्पाद बाजार में उतारने जा रहे हैं। उनके मुताबिक उन्होने अपनी वेबसाइट का ज्यादा प्रचार नहीं किया है बावजूद लोगों का उनको भरपूर समर्थन मिल रहा है। Holidify की कोशिश अपने ग्राहकों की ज्यादा से ज्यादा प्रतिक्रिया जुटाना भी रहता है ताकि वो उन बातों को ध्यान में रख सकें जो ज्यादातर सैलानी पसंद करते हैं।
कंपनी के सह-संस्थापक रोहित के मुताबिक ये सारी प्रक्रिया बाहर से जितनी चुनौतीपूर्ण दिखती है वास्तव में अंदर से ये उससे कहीं ज्यादा है। इन लोगों के सामने बड़ी चुनौती सही लोगों को अपने साथ जोड़ने की है। जो ना सिर्फ प्रतिभाशाली हों बल्कि दूसरों को भी आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकें। इसके अलावा पैसे की दिक्कत से इन तीनों दोस्तों को दो चार होना पड़ता है क्योंकि इन्होने अपनी बचत अपने इस काम में लगा दी है। बावजूद ये अपने काम से कोई समझौता नहीं करते। हालांकि इससे इनका काम धीमा जरूर होता है लेकिन गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ता। फिलहाल कंपनी और कई दूसरे उत्पाद बनाने पर विचार कर रही है इसके अलावा इन्होने अपना ध्यान भारतीय बाजार पर ही रखा है इसलिये इनकी योजना ऑफलाइन और ऑनलाइन ट्रेवल एजेंटों के साथ गठबंधन करने की है ताकि सैलानियों की यात्रा और सुगम बन सके। कंपनी की योजना आने वाले वक्त में मल्टी सिटी ट्रिप जैसी कई योजनाओं को बाजार में उतारने की है इसके अलावा निवेश के रास्ते तलाशने और एक टीम तैयार करने की भी है।