अनुसंधान एवं नवोन्मेष पर खर्च होगी एनआईटी की 40 प्रतिशत राशि
आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) की स्थापना एवं उसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा प्रदान करने वाले राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी, विज्ञानशिक्षा और अनुसंधान संस्थान संशोधन विधेयक को संसद की मंजूरी
आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) की स्थापना एवं उसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा प्रदान करने वाले एक विधेयक को आज संसद की मंजूरी मिल गयी। सरकार ने आश्वासन दिया है कि इस संस्थान के लिए कोई भी आर्थिक दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।
राज्यसभा में आज संक्षिप्त चर्चा के बाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी, विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (संशोधन) विधेयक 2016 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। इससे पहले विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह एक प्रतिबद्धता के पूरा होने जैसा है।
जावड़ेकर ने कहा, ‘‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के संदर्भ में उच्च शिक्षा वित्त पोषण पहल को आगे बढ़ाया गया है। इसके लिए बजटीय प्रावधान किया गया है। सभी तरह के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए वित्तीय प्रावधान किये गए हैं जिसमें से 40 प्रतिशत राशि अनुसंधान एवं नवोन्मेष के लिए खर्च होगी। ’’ विधेयक में आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) की स्थापना एवं उसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देने का प्रावधान है। यह संस्थान पहले से ही अस्थाई परिसर में संचालित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि संस्थान से संबंधित डीपीआर दो महीने में आ जाएगी और तब राशि दी जाएगी। राशि की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। यह एक राष्ट्रीय मिशन है। जावड़ेकर ने सदस्यों की चिंता से सहमति जताते हुए कहा कि एनआईटी संस्थानों में शिक्षकों के 25 प्रतिशत पद खाली हैं और सभी जगह रिक्तियों को भरने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों के लिए 2013..14 में 2,100 करोड़ रुपये का बजट था। 2014..15 में 2,300 करोड़ रुपये, 2015..16 में 2,500 करोड़ रुपये का बजट था और इस वर्ष के लिए 2645 करोड़ रुपये का बजट है।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि उच्च संस्थानों के लिए होने वाली इंजीनियरिंग परीक्षा में हर साल 13 लाख छात्र बैठते हैं और सरकार आईआईटी-पाल नाम की एक सुविधा लेकर आई है। इसके तहत जेईई की परीक्षा ऑनलाइन देने वाले अभ्यर्थियों को नि:शुल्क कोचिंग जैसी सुविधाएं मिलेंगी। जावड़ेकर ने कहा कि जहां तक अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों से संबंधित अभ्यर्थियों की बात है तो अब परिवर्तन देखने को मिल रहा है। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के मुकाबले उनके अंकों का अंतर कम हो रहा है।
मंत्री ने कहा कि उन्हें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इस वर्ष आरक्षण श्रेणी में कोई सीट खाली नहीं रही है। जावड़ेकर ने प्रतिभा पलायन से जुड़ी सदस्यों की चिंता पर कहा कि अब यह प्रवृत्ति घट रही है और युवा भारत में नौकरी करने को तरजीह दे रहे हैं।
जावड़ेकर ने कहा कि आईआईटी, एनआईटी में एससी, एसटी, ओबीसी की फीस पूरी तरह से माफ है। इस विधेयक के जरिये राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी विज्ञान शिक्षा अनुसंधान संस्थान अधिनियम 2007 में संशोधन किया गया है और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, आंध्र प्रदेश को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करने का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी विज्ञान शिक्षा अनुसंधान संस्थान अधिनियम 2007 कुछ प्रौद्योगिकी संस्थाओं को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित करने का उपबंध करता है, साथ ही इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, प्रबंधन, शिक्षा, विज्ञान और कला शाखाओं में अनुदेशों एवं अनुसंधान का प्रावधन करता है। इसके साथ ही ऐसी शाखाओं में शिक्षण को अग्रसर करने और जानकारी के प्रसार का प्रावधान करता है। -पीटीआई