‘बीइंग जूलियट’ देता है महिलाओं को दर्द में भी मुस्कान!
राशि बजाज का लक्ष्य महिलाओं को मासिक धर्म में सहारा देना है
‘Being Juliet’ की संस्थापक राशि बजाज कहती हैं,
“वर्तमान में मॉडर्न लड़की या महिला की जीवन शैली, बोर्डरूम, घर और बच्चों की पैरेंट टीचर मीटिंग के बीच में अटकी हुई है| इस व्यस्तता के चलते वह अपने लिए समय नहीं निकाल पाती है और अगले दिन होने वाली माहवारी तक को भूल जाती है|”
राशि इस विषय को Being Juliet के जरिये बताती हैं, जो सदस्यता मॉडल पर चलता है| यह युवतियों और महिलाओं को सेनेटरी और कुछ अच्छे उपहार हर महीने देती है| जिससे वे ‘उन दिनों’ में थोडा आराम महसूस कर सकें|
छोटे शहर की लड़की राशि की पढाई में शुरू से ही रूचि रही| उन्होंने अपनी शिक्षा और जॉब के सिलसिले में पूरे देश में निवास किया| उनके माता-पिता ने उन्हें नैनीताल के बोर्डिंग स्कूल में पढने भेजा| उसके बाद उनकी आगे की पढ़ाई वेल्हम्स देहरादून में हुई| पढाई में अव्वल रहने के कारण उन्हें दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्री राम कॉलेज में ऑफ़ बी.कॉम ऑनर्स में प्रवेश मिला| कॉलेज के दौरान राशि ने किताबों से परे की दुनिया को तलाशा और कॉलेज जीवन को भी समझा| राशि अपने उद्यमी पिता बहुत प्रभावित थी| अपने पिता से राशि ने अनुशासन और कॉर्पोरेट कार्य करने का तरीका सीखा|
राशि ने अपना एमबीए पुणे से किया और इनफ़ोसिस हैदराबाद के साथ एक वर्ष तक कार्यरत रहीं| इसके बाद उन्होंने शादी की और वह दिल्ली चली आयी|
उनके दोनों ही वेंचर Carpet Couture और Being Juliet बाज़ार की कमी को भरने के लिए ही बने| ज्यादातर लोगों ने उन्हें शुरुआत में आगाह किया कि, दोनों ही पति-पत्नी को उद्यम का रास्ता चुनना ठीक नहीं है, क्योंकि स्टेबिलिटी के लिए किसी एक का जॉब करना जरूरी है|
राशि कहती हैं,
“बहुत विचार के बाद भी हम दोनों ही एकमत नहीं हुए| मेरे पति जो कि पहले से ही व्यवसाय में थे और समझ नहीं पा रहे थे| फिर भी मैंने शुरुआत की और इन दो शुरुआतों से जीवन और भी चुनौतीपूर्ण हो गया| लेकिन किसी एक को मजबूत रहना था और वही मैंने किया| मैं फार्मूले का पता नहीं कर पायी लेकिन मेरी पास अच्छी रणनीति और प्लान थे| लेकिन किसी को थोड़ा लचीला होना जरुरी है| कभी ऐसा समय भी आता है जब आपको परिवार को प्राथमिकता देनी होती है| सकारात्मकता इसकी चाभी है|”
आज उनका काम अच्छे से चल रहा है और राशि अपनी सारी उर्जा Being Juliet में लगाने से खुश हैं| राशि के लिए सबसे चुनौती भरा काम ग्राहक की अवधारणा को बनाना और उन्हें उत्पाद को लेकर भरोसा दिलाना था|
"मैं periods के दौरन महिलाओं को गिफ्ट्स भेजती थी, यह उत्पाद के प्रचार का तरीका नही था|”
राशि को उनके परिवार और पति का पूरा सहयोग मिला,
“मैंने अपने बचपन के दिनों में, अपने पिता को, माँ का पूरा सहयोग करते देखा है| मेरे पिता 18 घंटे काम करते थे और सकारात्मक रहते थे| यह कहीं ना कहीं ‘being’ का हिस्सा बन गया| मेरे पति के साथ भी यही स्थति हो गयी|”
राशि के अनुसार, समाज बदलाव के दौर से गुजर रहा है जहाँ पर महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है| लेकिन एक महिला उद्यमिता होने के कारण, उन्हें लगता है कि देर रात यात्रा करना और इंटर सिटी कैब अभी भी महिलाओं के लिए चुनौतियाँ हैं|
राशि अधिक से अधिक महिलाओं को खुश करना चाहती है और ग्राहकों से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया उनके लिए प्रेरणा का काम करती है| वह कहती हैं,
“कभी-कभी जो ई-मेल हमें आते हैं वो बहुत ही उत्साहित करने वाले होते हैं मन करता है कि उनके पास जाकर उन्हें गले से लगा लूँ|”