ट्रेन के खाने में गड़बड़ी मिले तो ऐसे करें ऑनलाइन कंप्लेन
अब 'अच्छा, खराब या बेहद खराब', इस तरह से प्रीमियम ट्रेनों में मिलने वाले खाने की आप रेलवे की ओर से मुहैया कराए गए टैबलेट के जरिए रेटिंग कर सकेंगे। रेल मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि जल्दी ही इस योजना को लॉन्च किया जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि यात्री रेलवे की ओर से मुहैया कराए गए टैबलेट पर ऑनलाइन फॉर्म भरकर अपना फीडबैक दे सकेंगे।
नए सिस्टम में, यात्री परोसे गए खाने के लिए उसकी क्वॉलिटी, मात्रा, प्रजेंटेशन और स्टाफ के व्यवहार पर 1 से लेकर 5 तक रेटिंग कर सकेंगे। यदि रेटिंग 3 या इससे कम है तो यात्री से उसकी समस्या पूछी जाएगी।
पहले हो चुकी घटनाओं में जब ट्रेनों में मिलने वाला खाने ंमें कई बार मिलावट से लेकर कीड़े-मकौड़े तक पाए गए हैं तब यात्री सफर के बाद शिकायत भी करते थे लेकिन इसका कोई फायदा नहीं होता था। आशा है कि अब रेलवे के पास तुरंत फीडबैक पहुंचने खाने की गुणवत्ता में सुधार जल्दी हो पाएगा।
ट्रेन में सफर कर रहे हों और घर से खाने का डिब्बा साथ लेकर न आएं हो तो जान सांसत में आ जाती है कि अब क्या ही खाएं। ट्रेन में मिलने वाले खाने की शुद्धता के बारे में इतनी सारी खबरें पढ़, देख, सुन चुके हैं कि ट्रेन में खाने का ऑर्डर देने का मन ही नहीं करता। लेकिन भूख के आगे किसकी चलती है, अंततः वहीं खाना खरीदना पड़ता है। कई बार ऐसा भी होता है कि आशा के विपरीत ट्रेन का वो खाना एकदम स्वादिष्ट और साफ-सुथरा सा मिल जाता है। हम इतना खुश हो जाते हैं कि हैप्पी जर्नी वाले मेसेजेज का दिल खोलकर रिप्लाई करने लगते हैं।
लेकिन वहीं अगर वो खाना बेस्वाद निकला या फिर उसमें कंकड़ पत्थर (कुछ विलक्षण केसेज में, छिपकली, चूहे, केंचुएं भी) निकल आए तो मन करता है कि वो खाना किसके मुंह पर फेंक मारे। किसके पास जाकर इसकी शिकायत करें। अब किसी को बता भी नहीं सकते कि अपनी दुख व्यथा। क्योंकि सबका वही एक जवाब होगा कि घर से लाना चाहिए था खाना, क्यों नहीं लाए। अब सिवाय मन ही मन भुनभुनाने और खुद को कोसने के अलावा कुछ नहीं कर सकते हैं। हां, अगर आपके ट्विटर पर फॉलोअर्स ज्यादा हैं तो भी आपकी फ्रस्टेशन को कुछ सार्थक ऑडियंस मिल सकते हैं। लेकिन आम नागरिक बेचारा क्या करे?
इस सवाल का जवाब है, रेलवे की नई ऑनलाइन फॉर्म सुविधा। अब आप 'अच्छा, खराब या बेहद खराब', इस तरह से प्रीमियम ट्रेनों में मिलने वाले खाने की आप रेलवे की ओर से मुहैया कराए गए टैबलेट के जरिए रेटिंग कर सकेंगे। रेल मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि जल्दी ही इस योजना को लॉन्च किया जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि यात्री रेलवे की ओर से मुहैया कराए गए टैबलेट पर ऑनलाइन फॉर्म भरकर अपना फीडबैक दे सकेंगे। उन्होंने बताया कि रेलवे की ओर से विभिन्न जोनों में आईआरसीटीसी के ऑन-बोर्ड सुपरवाइजर्स को 100 टैबलेट्स दिए हैं। इसके जरिए वे फूड क्वॉलिटी, स्टाफ के व्यवहार और अन्य मामलों पर यात्रियों का फीडबैक ले सकेंगे।
शुक्रवार को अहमदाबाद-दिल्ली राजधानी में पहली बार इस टैबलेट को ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल किया गया। आईआरसीटीसी के मुख्य प्रवक्ता पिनाकिन मोरावाला ने कहा, 'एक से दो सप्ताह में मुंबई राजधानी में यह व्यवस्था औपचारिक तौर पर लागू होगी।' उन्होंने कहा, 'इससे यात्रियों की समस्याओं और सुझावों को जानने में हमें मदद मिलेगी। इससे हम ग्राहकों की संतुष्टि का स्तर जान सकेंगे और उनके सुझावों पर अमल हो सकेगा।' यही नहीं कई बार इंटरनेट कनेक्टिविटी न होने की समस्या को देखते हुए रेलवे इसके ऑफलाइन विकल्प पर भी विचार कर रहा है।
फिलहाल आईआरसीटीसी ऑन-बोर्ड सुझाव या शिकायत पुस्तिका और ट्विटर हैंडल के जरिए फीडबैक लेता है। यात्री 139 पर कॉल कर खाने की गुणवत्ता संबंधी शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा 139 नंबर से यात्रियों को खुद भी रेलवे की सुविधाओं की रेटिंग के लिए कॉल किया जाता है। नए सिस्टम के साथ ही ये पुराने सिस्टम चालू बने रहेंगे। नए सिस्टम में, यात्री परोसे गए खाने के लिए उसकी क्वॉलिटी, मात्रा, प्रजेंटेशन और स्टाफ के व्यवहार पर 1 से लेकर 5 तक रेटिंग कर सकेंगे। यदि रेटिंग 3 या इससे कम है तो यात्री से उसकी समस्या पूछी जाएगी।
रेलवे ने यात्रियों के सफर को बेहतर बनाने के लिए ये एक बड़ा कदम उठाया है। पहले की घटनाओं में जब ट्रेनों में मिलने वाला खाने ंमें कई बार मिलावट से लेकर कीड़े-मकौड़े तक पाए गए हैं तब यात्री सफर के बाद शिकायत भी करते थे लेकिन इसका कोई फायदा नहीं होता था। आशा है कि अब रेलवे के पास तुरंत फीडबैक पहुंचने खाने की गुणवत्ता में सुधार जल्दी हो पाएगा।
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