मां करती थी चाय की फ़ैक्ट्री में काम, अब यह शख़्स है कैफ़े चेन का मालिक
28 वर्षीय निर्मल राज का चाय के साथ नाता और लगाव काफ़ी पुराना है। उनकी मां एक चाय की फ़ैक्ट्री में काम करती थीं और वह अक्सर उनके साथ फ़ैक्ट्री जाया करते थे। उनकी आदत थी कि वह चाय की पत्तियों से भरे बैग पर लेटकर आराम किया करते थे और सोचते थे कि वह आगे चलकर इस व्यवसाय से ही जुड़ेंगे।
हाल में निर्मल, बडीज़ कैफ़े नाम से एक आउटलेट और तीन बडीज़ टी पॉइंट्स चला रहे हैं। ये टी पॉइंट्स एक्सप्रेस डिलिवरी आउटलेट्स हैं और इन सबके साथ-साथ वह बड़े स्तर पर एक बडीज़ कैफ़े लाउन्ज भी चला रहे हैं।
स्टार्टअप: बडीज़ कैफ़े
फ़ाउंडर: निर्मल राज
शुरूआत: 2012
जगह: कोयंबटूर
सेक्टर: फ़ूड ऐंड बेवरेजेज़
काम: चाय की यूनीक वैराएटीज़ उपलब्ध कराना
फ़ंडिंग: एंजल इनवेस्टर द्वारा निवेश (नाम ज़ाहिर नहीं)
28 वर्षीय निर्मल राज का चाय के साथ नाता और लगाव काफ़ी पुराना है। उनकी मां एक चाय की फ़ैक्ट्री में काम करती थीं और वह अक्सर उनके साथ फ़ैक्ट्री जाया करते थे। उनकी आदत थी कि वह चाय की पत्तियों से भरे बैग पर लेटकर आराम किया करते थे और सोचते थे कि वह आगे चलकर इस व्यवसाय से ही जुड़ेंगे। आपको बता दें कि इस समय निर्मल की उम्र महज़ 6 साल थी, लेकिन ख़ास बात यह है कि उन्होंने बढ़ती उम्र के साथ अपनी पसंद, शौक और अपने सपने को धुंधला नहीं होने दिया।
आप भविष्य के लिए जैसे योजनाएं बनाते हैं या चाहते हैं, वे हू-ब-हू पूरी हो जाएं, यह ज़रूरी नहीं। कुछ ऐसा ही निर्मल के साथ भी हुआ। निर्मल कच्ची उम्र में ही थे, जब उनके पिता अपने परिवार और ज़िंदगी का साथ छोड़कर चले गए। जैसा कि आपको बताया निर्मल की मां ऊंटी स्थित 'इंडको 6' नाम की एक फ़ैक्ट्री में काम करती थीं और पति के जाने के बाद पूरे परिवार को पालने की ज़िम्मेदारी अकेले उनके कंधों पर थी। निर्मल के पिता भी इसी फ़ैक्ट्री में काम करते थे।
निर्मल ने अपनी मां के संघर्ष की बदौलत अपना ग्रैजुएशन पूरा किया और इसके बाद वह कॉर्पोरेट सेक्टर में बतौर बिज़नेस डिवेलपमेंट एग्ज़िक्यूटिव काम करने लगे। कॉर्पोरेट लाइफ़स्टाइल के बीच भी निर्मल ने अपने पैशन को अकेला नहीं छोड़ा और वह नौकरी के साथ-साथ कोयंबटूर में टी डस्ट की सप्लाई भी करने लगे। इस समय से ही उन्हें चाय के बिज़नेस से जुड़ीं कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जैसे कि उन्हें अपने ग्राहकों के लिए सस्ती से सस्ती और अच्छी क्वॉलिटी वाली चाय की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होती थी।
कुछ डीलर्स से व्यवहार बनाने के बाद उनके मार्केट के अंदर की कई चौंका देने वाली चीज़ों के बारे में जानकारी मिली। उन्हें पता चला कि डीलर्स, जिस चायपत्ती को 40 से 60 रुपए प्रति किलो की दर से ख़रीदते हैं, उस चाय को बाज़ार में ग्राहकों को 150-220 रुपए प्रति किलो की दर से बेचा जाता है और ज़्यादातर सैंपल्स में केमिकल्स का इस्तेमाल होता है। यही दौर था, जब निर्मल ने सोचा कि वह अपने टी रूम की शुरूआत करेंगे और मार्केट में मौजूद इन ख़ामियों को दूर करेंगे।
2012 में निर्मल ने कोयंबटूर में बडीज़ कैफ़े की शुरआत की और ग्राहकों को चाय की 70 से अधिक वैराएटीज़ उपलब्ध कराने लगे। निर्मल बताते हैं, "हम वाइट, ग्रीन, ऊलॉन्ग, ब्लैक, आइस्ड, फ़्रूट-बेस्ड और हर्बल वैराएटीज़ की चाय ग्राहकों को मुहैया कराते हैं और हमारे कैफ़े में स्नैक्स की भी कुछ बेहद ख़ास वैराएटीज़ उपलब्ध कराई जाती हैं।" हाल में निर्मल, बडीज़ कैफ़े नाम से एक आउटलेट और तीन बडीज़ टी पॉइंट्स चला रहे हैं। ये टी पॉइंट्स एक्सप्रेस डिलिवरी आउटलेट्स हैं और इन सबके साथ-साथ वह बड़े स्तर पर एक बडीज़ कैफ़े लाउन्ज भी चला रहे हैं। निर्मल का डैंजो टीज़ नाम से एक इन-हाउस टी ब्रैंड भी है, जो सिर्फ़ बडीज़ कैफ़े पर ही उपलब्ध है।
अपने बिज़नेस की चुनौतियों का ज़िक्र करते हुए निर्मल बताते हैं, "हमने अपनी टीम के साथ बड़ी उम्मीदों से बडीज़ कैफ़े की शुरूआत की थी, लेकिन कुछ भी हमारी सोच के मुताबिक़ नहीं हुआ। हमारे परिवार में कोई पहली दफ़ा अपना बिज़नेस चला रहा था और इसलिए अनुभवों के अभाव में हमने कई ग़लतियां भी कीं। हमारा रेवेन्यू भी कुछ ख़ास नहीं रहा और मुनाफ़े में आते-आते हमें समय लग गया।
निर्मल बताते हैं, "हमारा कैफ़े सिर्फ़ 100 स्कवेयर फ़ीट एरिया में शुरू हुआ था। 2012 में सड़कों पर चाय का रेट 7 रुपए प्रति गिलास था और हमारे कैफ़े में चाय की कीमत 10 रुपए थी। शुरूआत में हमें मुनाफ़ा नहीं हो रहा था और किराया वहन न कर पाने की वजह से कुछ महीनों में ही हमें दूसरी जगह शिफ़्ट होना पड़ा।" निर्मल बताते हैं कि नया कैफ़े खोलने के तीन दिन बाद ही उन्हें मुनाफ़ा होने लगा। दूसरी जगह पर जो ग्राहक आना शुरू हुए, वे बडीज़ कैफ़े के मेन्यू को देखकर काफ़ी आश्चर्यचकित हुए। शुरूआत में उनकी कॉफ़ी की सेल्स, चाय से ज़्यादा होती थी।
कंपनी ने रोज़ाना 300 रुपए की आय से अपनी शुरूआत की और फ़िलहाल उनका दावा है कि कंपनी रोज़ाना 12,000 की सेल करती है। बडीज़ कैफ़े 10 लोगों की कोर टीम के साथ काम कर रहा है। कंपनी फ्ऱैंचाइज़ी फ़ी और रॉयल्टी से भी कमाई कर रहा है। बडीज़ कैफ़े में सुलेमानी चाय से लेकर जैपनीज़ मैचा टी, साउथ अफ़्रीकन रूईबॉस टी, ब्रिटिश इंग्निश ब्रेकफ़ास्ट, अर्ल ग्रे, जर्मन हर्बल-बेस्ड टी, इजिप्शियन प्योर कैमोमाइल और ऑस्ट्रियन फ़्रूट-बेस्ड इनफ़्यूज़न आदि वैराएटीज़ उपलब्ध हैं। शुरूआती तौर पर कंपनी बूटस्ट्रैप्ड फ़ंडिंग से चल रही थी, लेकिन हाल ही में एक ग्राहक ने ही कंपनी में निवेश किया है।
निर्मल बताते हैं कि भारत, 966 मिलियन किलो प्रोडक्शन और 1.9 बिलियन टर्नओवर के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चाय उत्पादक है। निर्मल कहते हैं कि हम अपने कैफ़े पर ग्राहकों को ऐसा अनुभव देते हैं कि उन्हें लगे कि वे घर में चाय की चुस्कियां ले रहे हों। निर्मल ने जानकारी दी कि उनके ब्रैंड से कुछ ग्लोबल कस्टमर्स भी जुड़े हैं और साथ ही, उनके पास विदेश से भी बडीज़ कैफ़े देने के कुछ ऑफ़र्स आ चुके हैं। कंपनी जल्द ही कोयंबटूर इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर बडीज़ कैफ़े लाउन्ड की दूसरी ब्रांच शुरू करने जा रही है। उन्होंने जानकारी दी कि इस साल के अंत तक बडीज़ कैफ़े के 8 नए आउटलेट्स खोलने की तैयारी है।
निर्मल जल्द ही अपने टी ब्रैंड डीजैंगो को एक सप्लाई चेन और ई-प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्राहक ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म से सब्सक्रिप्शन और इंडिविजुअल पैक्स भी ख़रीद सकेंगे।
यह भी पढ़ें: महज़ 22 साल की उम्र में इस लड़की ने खोला कैफ़े, 1 साल में 54 लाख रुपए का रेवेन्यू