मिस वर्ल्ड वेनेसा: एक और विश्व सुंदरी जिसका लक्ष्य नहीं है फिल्मों में काम करना
करियर की दृष्टि से मिस वर्ल्ड रहीं भारत की पहली विश्व सुंदरी रीता फारिया और पिछले साल की विजेता मानुषी की तरह इस बार की वेनेसा भी एक ऐसा अपवाद हैं, जिनका अल्टीमेट टारगेट बॉलीवुड-हॉलीवुड नहीं। बिजनेस में ग्रेजुएट, मानवाधिकार में डिप्लोमा, लड़कियों का पुनर्वास करने वाली संस्था की बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर में होने के साथ ही एक स्कूल में आदिवासी बच्चों को पढ़ाती भी हैं।
आज से लगभग पांच दशक पहले 17 नवंबर 1966 को भारत को पहला 'मिस वर्ल्ड' खिताब पेशे से डॉक्टर मुंबई-गोवा की रीता फारिया ने पॉसिबल किया। अपवाद के तौर पर उन्होंने फिल्मों में काम करने से इनकार कर दिया था।
जैसे हर किसी की जिंदगी के स्याह-सफेद दोनो पक्ष होते हैं, विश्व सुंदरी घोषित स्त्रियां भी उससे अलहदा कैसे हो सकती हैं। उनकी भी पहली चिंता 'करियर' ही होती है। उनमें ज्यादातर का अल्टीमेट टारगेट बॉलीवुड-हॉलीवुड ही होता है। करियर एक ऐसा प्रश्न है, जो खासकर महिलाओं को न जाने कैस-कैसे दिन दिखा देता है। बाहर से उनकी जिंदगी की परतें चाहे जितनी चमक-दमक की दिखें, करियर की चिंता ही उन्हें विश्व सुंदरी प्रतियोगिताओं में भी शामिल होने को विवश करती है। एक झटके में नेम-फेम मिलते ही उनके रोजी-रोजगार के रास्ते दिख जाते हैं।
प्रतियोगिता जीतने के बाद पूरी दुनिया करियर के दरवाजे खोल देती है। चीन के सान्यां शहर में कल रात मेक्सिको वेनेसा पोंसे डि लियोन को मिस वर्ल्डा का ताज पहनाया गया। यह पल सिर्फ वेनेसा ही नहीं, पूरे मेक्सिको के लिए खास रहा। वेनेसा को मिस वर्ल्ड का ताज 2017 की मिस वर्ल्ड रहीं भारत की मानुषी छिल्लर ने पहनाया। उसके बाद एक मामूली सा सवाल विश्व मीडिया की सुर्खियां बन गया। कहा जाने लगा कि फ़ाइनल राउंड में पूछे गए सवाल का वेनेसा ने ऐसा क्या जवाब दे दिया कि विश्व सुंदरी बन गईं! यह मात्र कौतुहल पैदा करने वाली बात है।
फ़ाइनल राउंड में वेनेसा से एक सीधा सा सवाल पूछा गया कि मिस वर्ल्ड बनने पर वह किस तरह दूसरों की मदद करेंगी? इसके जवाब में वेनेसा ने सीधा जवाब दिया- 'मैं अपने पद का उसी तरह इस्तेमाल करूंगी, जैसे पिछले तीन साल से करती आ रही हूं। हमें सभी का खयाल रखना चाहिए। सबको प्यार करना चाहिए। जरूरतमंद की मदद करनी चाहिए। जब भी घर से बाहर निकलें, जिसे चाहिए, मदद के लिए तैयार रहें।' यह जवाब सभी चयनकर्ताओं को सबसे सटीक लगा। जरा, बौद्धिक नजरिये से देखें तो ऐसी कौन सी बड़ी बात कह दी वेनेसा ने लेकिन यह विश्व मीडिया का 'मसाला' बन गया।
दरअसल, इस ताजा सवाल-जवाब के आलोक में बाजार की चकाचौंध से जरा हटकर सोचें तो इन विश्व सुंदरियों की जिंदगी के कई स्याह पक्ष दिखाई देते हैं। आज से लगभग पांच दशक पहले 17 नवंबर 1966 को भारत को पहला 'मिस वर्ल्ड' खिताब पेशे से डॉक्टर मुंबई-गोवा की रीता फारिया ने पॉसिबल किया। अपवाद के तौर पर उन्होंने फिल्मों में काम करने से इनकार कर दिया था। उसके बाद से अब तक भारत को छह विश्व सुंदरी और दो ब्रह्मांड सुंदरी मिल चुकी हैं। खिताब जीतने के बाद एक साल तक मॉडलिंग करती रहीं। इसके बाद फिर से फैशन की दुनिया में कदम रखा। इसके बाद मुंबई स्थित ग्रांट मेडिकल कॉलेज और सर जमशेदजी जीजाबाई ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल से एमबीबीएस की अपनी पढ़ाई पूरी क लंदन के किंग्स कॉलेज चली गईं। वर्ष 1971 में एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डेविड पॉवेल से शादी कर ली। वह ग्लैमरस चकाचौंध में ज्यादा दिन नहीं रह सकीं। अब पति के साथ आयरलैंड के डबलिन में डॉक्टरी की प्रैक्टिस कर रही हैं। उनके दो बेटे और पांच पोते-पोतियां हैं।
1994 की मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन मॉडलिंग और फिर फिल्मों की ओर चल पड़ीं। छह साल बाद सन 2000 में दोबारा वह विश्व की श्रेष्ठ सुंदरी चुनी गईं। उसी साल ऐश्वर्या राय मिस वर्ल्ड बनीं तो उन्होंने भी फिल्मों का रुख कर लिया लेकिन सिर्फ शो-पीस बनने से परहेज करते हुए बालीवुड को अंतराष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान दिलाई। हैदराबाद में पैदा हुईं एवं यूके की रॉयल एकेडमी ऑफ ड्रामैटिक आर्ट में पढ़ाई के दौरान 1997 में डायना हेडेन तीसरी मिस वर्ल्ड बनीं। उन्होंने भी कुछ फिल्मों में काम किया।
दो साल बाद 1999 में युक्ता मुखी मिस वर्ल्ड बनीं, फिल्मों में आईं लेकिन करियर लड़खड़ाते देख 2008 में उन्होंने न्यूयॉर्क बेस्ड बिजनेसमैन प्रिंस तुली से शादी कर ली। दांपत्य जीवन भी डगमगा गया। वर्ष 2013 में उन्होंने अपने पति के खिलाफ मुंबई के अंबोली पुलिस स्टेशन में दहेज प्रताड़ना और अप्राकृतिक संबंध का एफआईआर दर्ज करा दिया। सन 2000 में भारत की झोली में मिस यूनिवर्स और मिस वर्ल्ड खिताब आए। मिस वर्ल्ड प्रियंका चोपड़ा भी फिल्मों की होकर रह गईं। उसके बाद पिछले साल रीटा फारिया की तरह ही एमबीबीएस की पढ़ाई करती मानुषी छिल्लर मिस वर्ल्ड बन गईं थीं।
इस वर्ष की विश्व सुंदरी बनीं मेक्सिको के मुआनजुआटो शहर की रहने वाली इंटरनेश्नल बिजनेस में ग्रेजुएट 26 वर्षीय वेनेसा अन्य मिस वर्ल्ड और मिस यूनिवर्स से कई मायनों में भिन्न हैं। उन्होंने मानवाधिकार में भी डिप्लोमा किया है। वह लड़कियों के पुनर्वास के लिए काम करने वाली एक संस्था के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर में भी शामिल हैं। वह अंग्रेज़ी और स्पैनिश भाषाएं जानती हैं। ख़ाली वक़्त में उन्हें आउटडोर गेम खेलना पसंद है। वेनेसा को वॉलीबॉल खेलना पसंद है साथ ही उन्होंने स्कूबा डाइविंग में सर्टिफिकेट प्राप्त किया है। वह नेनेमी नाम के एक स्कूल में भी काम करती हैं। इस स्कूल में आदिवासी इलाक़ों के बच्चों को अलग-अलग संस्कृतियों की शिक्षा दी जाती है। उन्होंने इसी साल मई में मिस मेक्सिको का भी ख़िताब जीता था। भारत से इस बार मिस इंडिया-2018 रहीं अनुक्रीति वास ने भी मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में हिस्सा लिया लेकिन वह टॉप- 30 तक पहुंचने के बाद छंट गईं।
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