जियो ‘जुआ’ नहीं, सोचा-समझा व्यापार है: मुकेश अंबानी
रिलायंस इंड्रस्टी के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने आज कहा कि उनका टेलीकॉम उपक्रम जियो कोई जुआ नहीं है बल्कि व्यापार के लिए सोच विचार के बाद लिया गया फैसला है। उन्होंने इंटरकनेक्टिविटी की समस्या को किसी मेधावी छात्र की रैगिंग किए जाने के समान बताया।
डिजिटल मीडिया संगठन "द प्रिंट" द्वारा आयोजित 'ऑफ द कफ' में अबांनी ने कहा कि यह कोई जुआ नहीं है।यह एक सोचा समझा, अच्छी तरह तैयार किया गया ‘पारिस्थितिकी तंत्र’ है। इसमें 2,50,000 करोड़ रूपए का निवेश किया गया है।
वह नये उद्यम में 1.5 ट्रिलियन रूपए के निवेश के ‘जोखिम’ के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि हां, उनके सामने मुसीबतें थीं। उन्होंने इसकी तुलना किसी प्रतिभाशाली छात्र के अपनी मेधा के सहारे प्रतिष्ठित संस्थान में दाखिला लेने लेकिन मेधावी होने के कारण छात्रावास में रैगिंग का शिकार होने से की।
साथ ही पाक कलाकारों, फिल्मों के प्रतिबंध पर बहस के बीच मुकेश अंबानी ने कहा देश पहले
भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध के मुद्दे पर जारी बहस के बीच मुकेश अंबानी ने कहा, कि पहले देश की बात होनी चाहिए न कि कला और संस्कृति की।
मैं निश्चित रूप से एक बात को लेकर स्पष्ट हूं कि मेरे लिए देश पहले है। मैं एक बौद्धिक व्यक्ति नहीं हूं, ऐसे में, मैं इन चीजों को नहीं समझता हूं। लेकिन निसंदेह सभी भारतीयों की तरह मेरे लिए भारत पहले है।
द प्रिंट द्वारा आयोजित कार्यक्रम ऑफ द कफ में पाकिस्तानी अभिनेताओं और अन्य कलाकारों के बारे में दर्शकों की ओर से पूछे जाने गए सवाल के जवाब में अंबानी ने यह बात कही।
मैं राजनीति के लिए नहीं बना हूं।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह राजनीति में शामिल होंगे, अंबानी ने इसका उत्तर नहीं में दिया।