दूसरे देश के बच्चों को गोद लेकर परवरिश करने वाला अनोखा परिवार घूमने आया है भारत
ब्रेंट और जीन ने अपना दुनिया घूमने का अनोखा सफर 2007 में अमेरिका से शुरू किया था। अब तक वे जापान, ताईवान, फिलीपीन्स, बेलीज, मेक्सिको, चीन, मिस्र और दक्षिण कोरिया समेत दर्जनों देश घूम चुके हैं।
उनके गोद लिए बच्चे भारत, इंडोनेशिया, चीन और साउथ कोरिया के हैं। उनका खुद का बच्चा एक विशेष तरह की असामान्यता का शिकार है। इन सभी बच्चों की उम्र 6 से 18 साल के बीच है।
उन्होंने बताया कि वे पूर्व का वेनिस कहे जाने वाले शहर एलेप्पी की खूबसूरती को देखने के लिए उत्साहित थे। उन्होंने कहा, 'हम केरल पहली बार आए थे और यहां की सुंदरता ने हमारा मन मोह लिया।'
उनके पास रहने के लिए दुनिया में कहीं भी खुद का घर नहीं है, लेकिन वे नौ बच्चों का पालन-पोषण कर रहे हैं। जिनमें से 4 बच्चे गोद लिए हुए हैं। ये चार और उनका एक खुद का बच्चा स्पेशल नीड्स वाले हैं। ये कहानी है अनोखे दंपती ब्रेंट एन स्टेसी और जीन इनियन हैं। ब्रेंट फिलीपींस से ताल्लुक रखते हैं तो उनकी पत्नी जीन स्वीडन की हैं। अब वे अपनी सारी संपत्ति बेचकर दुनिया घूमने निकले हैं। उनके गोद लिए बच्चे भारत, इंडोनेशिया, चीन और साउथ कोरिया के हैं। उनका खुद का बच्चा एक विशेष तरह की असामान्यता का शिकार है। इन सभी बच्चों की उम्र 6 से 18 साल के बीच है।
ब्रेंट और जीन ने अपना दुनिया घूमने का अनोखा सफर 2007 में अमेरिका से शुरू किया था। अब तक वे जापान, ताईवान, फिलीपीन्स, बेलीज, मेक्सिको, चीन, मिस्र और दक्षिण कोरिया समेत दर्जनों देश घूम चुके हैं। इस क्रम में वे इन दिनों भारत में हैं। दक्षिण भारत के राज्य केरल के अलपुझा शहर में एक हाउसबोट पर बिताए गए दिन उन्होंने डेक्कन क्रॉनिकल से बात की। उन्होंने बताया कि वे पूर्व का वेनिस कहे जाने वाले शहर एलेप्पी की खूबसूरती को देखने के लिए उत्साहित थे। उन्होंने कहा, 'हम केरल पहली बार आए थे और यहां की सुंदरता ने हमारा मन मोह लिया।'
ब्रेंट ने कहा कि ट्रैवलिंग से पूरी दुनिया आपके सामने होती है। वे खुद को ग्लोबल सिटिजन मानते हैं। वे बाइबिल में यकीन रखते हैं और स्पेशल बच्चों को गोद लेने को अपना कर्तव्य और सौभाग्य मानते हैं। ब्रेंट और जीन की शादी काफी कम उम्र में हो गई थी। उन्होंने अपने शुरुआती दन उत्तरी अमेरिका के लैंसेस्टर में बिताए हैं। वे कहते हैं, 'हम चाहते हैं कि लोग मानवता के आधार पर जरूरतमंदों की मदद करने के साथ ही अपनी संस्कृति की रक्षा भी करें।' उनके मुताबिक ट्रैवलिंग से उनके बच्चों को अनोखी सीख मिल रही है जो वे स्कूल में नहीं हासि कर सकते। ब्रेंट कहते हैं कि हम सबके पास हमेशा सीखने और कुछ बांटने के लिए कुछ न कुछ जरूर होता है।
उन्होंने बताया कि आने वाले समय में उनके कुछ बच्चों के लिए घूमना संभव नहीं हो पाएगा। लेकिन अभी वे इसका आनंद उठा रहे हैं। ब्रेंट और जीन टेलर हैं और वे रजाई बनाने का भी काम करते हैं। उनकी रुचि ट्रैवल फोटोग्राफी में भी है और वे अपनी यात्राओं के दौरान ली गईं फोटोज को बेचना भी चाहते हैं। उन्होंने अमेरिका में पार्क की रखवाली करने के लिए भी काम किया है। वे कुछ ही दिन के लिए केरल आए थे और यहां घूमने के बाद अपने नए ठिकाने पर निकल गए।
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