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भारत अफ़गान दोस्ती की कहानी में जुड़े कुछ और पन्ने, हर मुश्किल में साथ खड़े होने प्रधानमंत्री मोदी का वादा

भारत अफ़गान दोस्ती की कहानी में जुड़े कुछ और पन्ने, हर मुश्किल में साथ खड़े होने प्रधानमंत्री मोदी का वादा

Saturday June 04, 2016 , 3 min Read

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज अफ़गानिस्तान के बहादुर लोग विनाश और मौत के संवाहक बलों को एक संदेश दे रहे हैं कि दमन और प्रभुत्व जीत नहीं सकेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण हेरांत प्रांत में एक ऐतिहासिक बांध का उद्घाटन करने के बाद कहा कि भारत राजनीतिक और भौगोलिक बाधाओं के और आतंकी हमलों के बावजूद यहाँ उसके मिशन पर युद्ध प्रभावित अफ़गानिस्तान के हर हिस्से में सहयोग करेगा।

राष्ट्रपति अशरफ ग़नी के साथ अफ़गान-भारत मैत्री बांध का उद्घाटन करने के बाद दिए संबोधन में मोदी ने आतंकवाद को ख़ारिज करने के लिए अफ़गानिस्तान की जनता की तारीफ की और कहा कि उनके बीच विभाजन सिर्फ उन लोगों की मदद करेगा, जो इस देश पर बाहर से ‘‘शासन’’ चलाना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह युद्ध अफ़गान निर्माण के लिए नहीं था, इसने तो अफ़गानों की पूरी एक पीढ़ी का भविष्य चुरा लिया। आज अफ़गानिस्तान के बहादुर लोग यह संदेश दे रहे हैं कि ‘‘तबाही और मौत तथा निषेध और प्रभुत्व कायम नहीं रहेगा।’’ जब अफ़गानिस्तान आतंकवाद को हराने में सफल होगा, यह दुनिया ‘‘ज्यादा सुरक्षित और खूबसूरत होगी।’’ पहले सलमा बांध के रूप में जाने जाने वाले अफ़गान भारत मैत्री बांध को पश्चिमी हेरात जिले में 1700 करोड़ रूपये की लागत से बनाया गया है। इसका निर्माण भारत ने अफ़गानिस्तान के साथ विकास साझेदारी के तहत किया है। चिश्त ए शरीफ नदी के उपर बने इस बांध से 75 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जा सकेगा और साथ ही 42 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा।

मोदी ने कहा, ‘‘यह बांध ईंटों और मोर्टार से नहीं बल्कि हमारी मैत्री के विश्वास और अफगानों एवं भारतीयों के साहस से बना है। इस गौरवपूर्ण क्षण में, हम उन जिंदगियों के प्रति दुख और आभार भी व्यक्त करते हैं, जिनका बलिदान इसलिए दे दिया गया ताकि अफ़गान लोग ऐसा भविष्य पा सकें, जिसके वे हकदार हैं और जिसके लिए वे बेहद इच्छुक हैं।’’ अफ़गानिस्तान के साथ खड़ा रहने का संकल्प जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सहयोग को इस युद्ध प्रभावित देश के ‘हर हिस्से’ तक विस्तार दिया जाएगा और इस साझेदारी से अफ़गान समाज के हर हिस्से को लाभ मिलेगा।

मोदी ने ग़नी की मौजूदगी में कहा, ‘‘आपकी आंखों में मैंने भारत के प्रति गहरा स्नेह साफ़ देखा है। आपकी मुस्कुराहटों में मैंने इस संबंध का आनंद देखा है। आपके आलिंगन की दृढ़ता में मैंने हमारी मैत्री के विश्वास को महसूस किया है।’’

अपने 25 मिनट के भाषण में मोदी ने अफ़गानिस्तान की शांति प्रक्रिया, हेरात में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर बड़े आतंकी हमले और देश की पुनर्निर्माण गतिविधियों के मुद्दों को छुआ। उन्होंने कहा कि अफ़गानिस्तान की सफलता हर भारतीय की गहरी उम्मीद और इच्छा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह हमारे दिलों में अफगान लोगों के प्रति मौजूद प्रेम और सम्मान से आता है। हम आपके लोकतंत्र की जड़ें गहरी होते, आपके लोगों को एकजुट होते और आपकी अर्थव्यवस्था को समृद्ध होते देखना चाहते हैं। हम आपकी कला, संस्कृति और कविताओं को फलते-फूलते देखना चाहते हैं। हम आपके क्रिकेट खिलाड़ियों को टेस्ट खिलाड़ियों की श्रेणियों में आता और आईपीएल में नाम कमाता देखना चाहते हैं, लेकिन यह इस स्वीकृति से भी आता है कि जब अफ़गानिस्तान सफल होगा, तब यह दुनिया ज्यादा सुरक्षित और खूबसूरत होगी। जब अफ़गानों को परिभाषित करने वाले मूल्य कायम हो जाएंगे, तब आतंकवाद और चरमपंथ पीछे चला जाएगा।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘क्योंकि हम जानते हैं कि चरमपंथ और आतंकवाद आपकी सीमा पर या हमारे क्षेत्र की सीमाओं के अंत पर नहीं रूक सकता।’’... पीटीआई