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47% अभिभावकों ने गेमिंग को अच्छी कमाई का जरिया माना: स्टडी

उत्तर भारत के 52% गेमर्स ने बताया कि वो ईस्पोर्ट्स प्रतियोगिता में हिस्सा लेना चाहते हैं. ये इस बात का सबूत है कि समाज गेमिंग को अब सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि करियर बनाने का एक अच्छा रास्ता भी मानने लगा है.

देश में गेमिंग और ई-स्पोर्ट्स को लेकर अब लोगों की राय बदल रही है. गेमिंग को कभी केवल एक शौक माना जाता था, लेकिन कई गेमर्स अब इससे अच्छी कमाई करने लगे हैं. इसे लेकर उत्तर भारत में भी दिलचस्प बदलाव देखने को मिल रहा है. यहां गेमिंग अब केवल मनोरंजन का साधन भर नहीं रह गया है. कई लोग इसे अब एक आकर्षक करियर विकल्प के रूप में अपना रहे हैं.

एचपी (HP) ने हाल ही में इस संबंध में गेमिंग लैंडस्केप स्टडी 2023 (Gaming Landscape Study 2023) के नाम से एक सर्वे किया है. सर्वे में 15 शहरों के 3000 गेमर्स को शामिल किया गया, जो गेमिंग इंडस्ट्री के भीतर आकांक्षाओं, अवसरों और महत्वाकांक्षाओं को उजागर करता है. सर्वेक्षण में गेमिंग को लेकर माता-पिता की राय भी सामने आई है. कई अभिभावक गेमिंग को एक स्थायी करियर विकल्प के रूप में अपनाने को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति में हैं. वहीं दूसरी ओर कई अभिभावकों का मानना है कि गेमिंग कमाई का अच्छा जरिया हो सकता है.

दूसरी ओर बहुत से लोग अब ईस्पोर्ट्स को करियर विकल्प के तौर पर देख रहे हैं. उत्तर भारत के 52% गेमर्स ने बताया कि वो ईस्पोर्ट्स प्रतियोगिता में हिस्सा लेना चाहते हैं. ये इस बात का सबूत है कि समाज गेमिंग को अब सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि करियर बनाने का एक अच्छा रास्ता भी मानने लगा है. वहीं उत्तर भारत के माता-पिता ने गेमिंग को एक करियर विकल्प के रूप में अपनाने के मामले में मिली जुली प्रतिक्रिया दी. उत्तर भारत के 53% माता-पिता इस बात पर असमंजस में हैं कि क्या गेमिंग एक स्थायी करियर विकल्प हो सकता है. साथ ही सर्वे में शामिल 47% माता-पिता मानते हैं कि गेमिंग अच्छी कमाई का जरिया हो सकता है.

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सांकेतिक चित्र

गेमिंग का आकर्षण प्रतियोगिता के रोमांच से कहीं ज्यादा है, इसमें कंटेंट क्रिएट करने से लेकर गेम डवलपमेंट तक के अन्य अवसर शामिल हैं. उल्लेखनीय रूप से, 58% उत्तर भारतीय गेमर्स वित्तीय लाभ कमा रहे हैं, जिनकी गेमिंग से औसत वार्षिक आय 6 लाख से अधिक है. यह एक करियर के रूप में गेमिंग की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने की ताकत को रेखांकित करता है. साथ ही यह पारंपरिक मानदंडों को तोड़ता है और अभूतपूर्व संभावनाओं के क्षेत्र के लिए दरवाजे खोलता है.

हालांकि, अन्य क्षेत्र की तरह गेमिंग में पेशेवर रूप से उत्कृष्ट बनने की राह चुनौतियों से परे नहीं है. कौशल विकास की बढ़ती मांग को देखते हुए, 61% उत्तर भारतीय गेमर्स निरंतर सीखने और विकास के रास्ते तलाश कर रहे हैं. इस बढ़ती जरूरत को देखते हुए, एचपी ने गेमिंग गैराज (Gaming Garage) को पेश किया है. यह एक अभूतपूर्व मंच है जो गेमिंग में निःशुल्क ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रदान करता है. यह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है. इस पहल का उद्देश्य सभी के लिए जरूरी जानकारी और गेमिंग स्किल डेवेलपमेंट मुहैया कराना है जो गेमर्स को चुनौती से भरे इंडस्ट्री में सफल होने के लिए आवश्यक उपकरणों और संसाधनों से सशक्त बनाता है.

उत्तर भारत में गेमिंग की कहानी एक शानदार विकास और और असीमित क्षमता से लैस है. यह नवाचार, रचनात्मकता और निरंतर उत्कृष्टता की भावना का प्रतीक है. चाहे किसी का जुनून स्ट्रीमिंग, गेम डेवलपमेंट या इंडस्ट्री के किसी अन्य पहलू में हो, संभावनाएं पहले से कहीं अधिक विस्तृत हो गई है. जैसे-जैसे गेमिंग लैंडस्केप विकसित हो रहा है, उत्तर भारत गेमिंग के क्षेत्र में एक नए युग की दहलीज पर खड़ा है, जहां सपने साकार होते हैं और जुनून आकर्षक करियर विकल्प के रूप में बदल रहा है. इस उभरती हुई डिजिटल दुनिया में, गेम खेलने वाला कोई शख्स प्रोफेशनल गेमर बन सकता है - यह सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि हकीकत बन गया है.