मुंबई के छात्रों ने की सेना के टैंक की सवारी, कश्मीर में सैनिकों के जीवन का अनुभव किया
मुंबई के विभिन्न स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों का टूर हाल में आयोजित किया गया। उन्होंने एक सप्ताह के इस टूर में जम्मू, राजौरी और पुंछ जिलों का दौरा किया तथा स्थानीय स्कूलों के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान के कई कार्यक्रमों में भाग लिया और सैन्यकर्मियों से बात की।
मुंबई के स्कूली बच्चों ने जम्मू कश्मीर में सेना के टैंक की सवारी की और सैनिकों के जीवन का अनुभव किया । उन्हें यह मौका सेना ने ‘‘अपनी सेना को जानिए’’ पहल के तहत उपलब्ध कराया।
नगरोटा आधारित व्हाइट नाइट कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल आर. आर. निम्भोरकर :अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल प्राप्त: ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत मुंबई के नौ स्कूलों से 138 छात्रों, चार प्रधानाचार्यों और 19 शिक्षकों को शामिल किया गया और छात्रों को सैनिकों के जीवन का अनुभव कराया गया।
मुंबई के विभिन्न स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों का टूर हाल में आयोजित किया गया। उन्होंने एक सप्ताह के इस टूर में जम्मू, राजौरी और पुंछ जिलों का दौरा किया तथा स्थानीय स्कूलों के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान के कई कार्यक्रमों में भाग लिया और सैन्यकर्मियों से बात की।
भारतीय सेना की 16वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग निम्भोरकर ने कहा कि ‘अपनी सेना को जानिए’ पहल के तहत इन छात्रों को सेना की विविध गतिविधियों से अवगत कराया गया।टूर की शुरआत टैंक की सवारी करने से हुई जो छात्रों के लिए बेहद रोमांचकारी अनुभव था । उन्हें सेना के इस्तेमाल में आने वाले विभिन्न हथियार भी दिखाए गए।
सैनिकों ने आतंकवाद रोधी और जवाबी कार्रवाई के दौरान निभाई जाने वाली अपनी भूमिकाओं का भी प्रदर्शन किया । छात्रों को दिखाया गया कि अभियानों के दौरान सैनिक किस तरह सरकते हुए दुश्मन के ठिकाने पर पहुंचते हैं और उसे ध्वस्त कर देते हैं, आपातकालीन स्थिति के समय किस तरह लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाता है । इसके अलावा सैनिकों ने अन्य भूमिकाओं का भी प्रदर्शन किया।
निम्भोरकर ने बताया कि छात्रों को दिखाया गया कि सैनिक क्षेत्र में शांति रखने के लिए हर रोज किस तरह की कठिन परिस्थितियों का बहादुरी के साथ मुकाबला करते हैं। (पीटीआई)