क्रिकेट से इतर, इस महिला के साथ युवराज सिंह की जोड़ी है बेजोड़!
मैच के दौरान आपने कई बार युवराज को छक्के पर छक्के जड़ते और अकेले दम पर मैच को जीत की ओर ले जाते हुए देखा होगा, लेकिन ऑफ़िस में वह शाज़मीन के सहयोग के बिना एक काम भी नहीं करते।
युवराज सिंह ने कैंसर से उबरने के बाद यूवीकैन (YouWeCan) फ़ाउंडेशन की शुरूआत की, जिसके तहत कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने और ज़रूरतमंदों की मदद का काम किया जा रहा है। शाज़मीन कारा, यूवीकैन की सीईओ हैं। युवी ख़ुद, शाज़मीन को वन-मैन-आर्मी मानते हैं।
कैंसर जैसी ख़तरनाक और जानलेवा बीमारी से उबरने के बाद, युवराज सिंह ने अपनी ज़िंदगी और करियर, दोनों ही की दूसरी पारी शुरू की। करियर की दूसरी पारी में साथ निभाने के लिए युवी ने अपनी पुरानी और भरोसेमंद दोस्त, शाज़मीन कारा को चुना। मैच के दौरान आपने कई बार युवराज को छक्के पर छक्के जड़ते और अकेले दम पर मैच को जीत की ओर ले जाते हुए देखा होगा, लेकिन ऑफ़िस में वह शाज़मीन के सहयोग के बिना एक काम भी नहीं करते। आपको बता दें कि युवराज सिंह ने कैंसर से उबरने के बाद यूवीकैन (YouWeCan) फ़ाउंडेशन की शुरूआत की, जिसके तहत कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने और ज़रूरतमंदों की मदद का काम किया जा रहा है। शाज़मीन कारा, यूवीकैन की सीईओ हैं। युवी ख़ुद, शाज़मीन को वन-मैन-आर्मी मानते हैं। शाज़मीन, फ़ाउंडेशन में मैनुफ़ैक्चरिंग से लेकर लॉजिस्टिक्स और मार्केटिंग से लेकर फ़ंड रेज़िंग तक, सभी काम संभालती हैं।
32 वर्षीय शाज़मीन, मुंबई में पली-बढ़ी हैं और कम्यूनिकेशन स्किल्स में उनको महारत हासिल है। शाज़मीन, यूपीएसई की परीक्षा देना चाहती थीं, लेकिन तभी उनके एक दोस्त और मेंटर ने उनसे कहा कि वह पीआर और मार्केटिंग के लिए बनी हैं और उनके सामने अपनी कंपनी में बतौर कम्युनिकेशन मैनेजर शामिल होने का ऑफ़र रखा। शाज़मीन, इस शख़्स को अपना गॉडफ़ादर मानती हैं। यह उनके आगामी करियर के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। वैष्णवी कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन्स और मुरजानी ग्रुप के साथ काम करते हुए उन्होंने टॉमी हिलफ़ीगर, जिमी चू, एफ़सीयूके, कैल्विन क्लीन, टाटा और सहारा जैसे बड़े ब्रैंड्स और ग्रुप्स के साथ डील किया।
शाज़मीन कहती हैं, "युवी उनके बेहद अच्छे दोस्त हैं। कैंसर फ़ाउंडेशन जैसे नेक काम के लिए मैं युवी की सराहना करती हूं। मैं हमेशा इस कोशिश में रहती हूं कि इस फ़ाउंडेशन के लिए नए-नए तरीक़ों से फ़ंड इकट्ठा कर सकूं। हमने मर्चेंडाइट के आइडिया से शुरूआत की थी और गारमेंट्स बनाने शुरू किए थे। युवी को भी फ़ैशन की अच्छी समझ है और वह एक ट्रेंड-सेटर हैं। युवी मेरे सभी आइडियाज़ से सहमत थे और उन्होंने मुझे उनपर अमल करने को कहा। कुछ इस तरह ही मैं यूवीकैन से जुड़ी। पहले से ही इतने विस्तृत मार्केट में एक फ़ैशन ब्रैंड लॉन्च करना आसान काम नहीं था, लेकिन शुरूआत से ही हमें बाज़ार से बहुत अच्छा रेस्पॉन्स और आगे बढ़ने का हौसला मिला।
लगभग डेढ़ साल का वक़्त रिसर्च और डिवेलपमेंट की प्रक्रिया पर खर्च किया गया। शाज़मीन कहती हैं कि यूवीकैन, भारत का पहला ऐथलेज़र 'लाइफ़स्टाइल स्पोर्ट' ब्रैंड बना। उन्होंने कहा कि डिजिटल और सोशल मीडिया मार्केटिंग के माध्यम से उन्होंने युवराज की इमेज को अधिक से अधिक भुनाने की कोशिश की। शाज़मीन बताती हैं कि लॉन्च के बाद पहला साल, बी टू बी (बिज़नेस टू बिज़नेस) लेवल पर लोगों को ब्रैंड के बारे में बताने और बड़े रीटेल पार्टनर्स जुटाने में खर्च हो गया। फ़िलहाल ब्रैंड के साथ, जैबॉन्ग, मिंत्रा और सेंट्रल जैसे बड़े नामों समेत कुल 100 रीटेल पार्टनर्स जुड़े हुए हैं।
यूवीकैन, अब स्पोर्ट्स इक्विपमेंट, फ़ैशन ऐक्सेसरीज़, ज्वैलरी और परफ़्यूम्स की कैटेगरीज़ में भी प्रोडक्ट्स ला रहा है। शाज़मीन मानती हैं कि युवराज और उनके काम करने का तरीक़ा, लगभग एक जैसा है। वह कहती हैं कि अक्सर युवराज और उनके बीच किसी आइडिया को लेकर लंबी बहस होती है और वह तब ही ख़त्म होती है, जब कोई एक बेहतर सॉल्यूशन लेकर आता है। युवी को फ़ैशन और रीटेलिंग, दोनों ही की अच्छी समझ है और वह किसी भी डिज़ाइन सैंपल में छोटी से छोटी कमी को पकड़ लेते हैं।
एक और दिलचस्प पहलू के बारे में बताते हुए शाज़मीन कहती हैं कि युवी का फ़ैन बेस इतना ज़्यादा है कि उसका फ़ायदा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ब्रैंड को मिलता ही रहता है। इस बात का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज़ में जब युवराज ने 150 रनों की पारी खेली, तो कुछ घंटों के भीतर ही ज़्यादा ट्रैफ़िक की वजह से यूवीकैन की वेबसाइट क्रैश हो गई। शाज़मीन ने बताया कि ब्रैंड की प्लानिंग है कि आईपीएल के दौरान चंडीगढ़ में दूसरा स्टोर शुरू किया जाए।
कंपनी में अपनी महत्ता और लड़कियों के बारे में लोगों की सोच पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि अक्सर लोग उन्हें 'ब्यूटी विद ब्रेन' कहते हैं, लेकिन वह इसे तारीफ़ के रूप में नहीं लेती, बल्कि वह इसे एक सेक्सिस्ट कॉमेंट समझती हैं।
शाज़मीन ख़ुद को काम के लिए समर्पित मानती हैं और इसे ही वह अपनी सफलता की वजह भी मानती हैं। शाज़मीन कंपनी के बाक़ी लोगों से भी वही अपेक्षा रखती हैं, जो वह ख़ुद से रखती हैं। इस बात को वह अपनी कमज़ोरी मानती हैं। शाज़मीन कहती हैं कि अब उन्होंने अपनी इस आदत में सुधार किया है और कंपनी में एक हेल्दी वर्क-लाइफ़ का बैलेंस बनाने की पूरी कोशिश कर रही हैं और वह ऐसा कर पाने में कामयाब भी रही हैं।
यूवीकैन फ़ाउंडेशन ने अब तक 16 कैंसर स्क्रीनिंग कैंप्स आयोजित कराए हैं और गरीबी रेखा के नीचे आने वाले 9 कैंसर सर्वाइवर्स की शिक्षा का जिम्मा उठाया है। हाल में फ़ाउंडेशन एक बच्चे के ट्रीटमेंट में सहयोग दे रहा है। शाज़मीन कहती हैं कि जब आप किसी की जान बचाने या ज़रूरतमंदों की मदद करने जैसा नेक काम करते हो तो इससे बेहतर सुकून की बात आपके लिए कुछ और नहीं हो सकती।
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