पड़ोसी के घर में पिछले दरवाजे से दस्तक देने की योजना बनाती ‘‘अलीबाबा’’
करोड़ों भारतीय उपभोक्ताओं पर टिकी है नजरघर बैठे चाईनीज सामान खरीद सकेंगे भारतीय ग्राहकभारत है आने वाले समय का सबसे बड़ा आॅनलाइन बाजारकरीब 60 लाख डाॅलर का निवेष करेगी कंपनी
आज का समय आॅनलाइन खरीद-बिक्री का है और युवा घर बैठे ही अपनी पसंद के सामान की खरीददारी कर रहे हैं। वर्तमान समय में आॅनलाइन बाजार की दुनिया में सबसे आगे रहने की होड़ है और ऐसे समय में ‘‘अलीबाबा’’ ने खुद को अन्य प्रतियोगियों के मुकाबले खुद को आगे रखने में सफलता हासिल की है। यह कंपनी कमाई और अपने वृहद ग्राहक आधार के बल पर औरों को पछाड़ने में सफल रही है। बाजार के जानकारों का मानना है कि आज के समय में ‘‘अलीबाबा’’ जिस चीज को छू रही है वही सोने में बदल जा रहा है।
दुनिया में अपनी धाक जमाने के बाद अब ‘‘अलीबाबा’’ की नजरें करोड़ों भारतीय ग्राहकों पर टिकी हैं। वर्तमान समय में भारत का खुदरा बाजार युवा ग्राहकों के हिसाब से खुद को ढालने का प्रयास कर रहा है और इनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के लिये उसे प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की आवश्यकता है।
भारत में इंटरनेट और स्मार्टफोन का उपयोग जंगल में आग की तरह फैल रहा है और आने वाले कुछ सालों में इन चीजों का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में एक बड़ा इजाफा होने की उम्मीद है। बाजार के जानकारों का अनुमान है कि वर्ष 2020 तक भारत के करीब 80 प्रतिशत लोग आॅनलाईन खरीददारी करना पसंद करेंगे।
अलीबाबा भारतीय बाजार में करीब 60 लाख डाॅलर का निवेष के साथ दस्तक देने की तैयारी में हैं जिसके लिये उसने ‘‘पेटेम’’ नामक एक आॅनलाइन भुगतान करने वाले पोर्टल के साथ करार किया है। इस तरह से अब भारतीय ग्राहको के पास अलीबाबा के सहयोग से घर बैठे चाईनीज सामान खरीदने का एक आसान विकल्प मिल गया है। हालांकि अभी इस इस सेवा के प्रारंभ होने से पहले कुछ मुद्दों पर विवाद होने की संभावना है जिनमें से कुछ मुख्य मुद्दे इस प्रकार हैंः
बाजार के जानकारों को आषंका है कि एक चीनी कंपनी होने के कारण ‘‘अलीबाबा’’ के संचालन में कई सरकारी अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। पूर्व में भी चीनी मोबाईल कंपनी जि़ओमी के साथ ऐसा हो चुका है जब देष की सुरक्षा की आड़ में इस कंपनी के भारत में व्यापार करने पर पाबंदी लगा दी गई थी।
आज के समय में भारतीय बाजार में चीनी सामान बहुत आसानी से उपलब्ध है लेकिन अधिकतर मौकों पर यह सामान ग्राहकों की उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम रहा है। आसान षब्दों में कहा जाए तो इस चीनी सामान की गुणवत्ता अच्छी नहीं रही है। यह सामान सस्ता तो है लेकिन इनकी गुणवत्ता पर भारतीय ग्राहकों को भरोसा नहीं है।
ऐसे में ‘‘अलीबाबा’’ के सामने सबसे बड़ी चुनौती भारतीय ग्राहकों के मन-मस्तिष्क चीनी सामान को लेकर बनी इस तस्वीर को बदलने की होगी। ऐसे में इस विषाल आॅनलाइन बाजार को भारतीय उपभोक्ताओं की मानसिकता बदलने के लिये और उनका भरोसा जीतने के लिये बहुत मेहनत करनी होगी।
इसके अलावा भारतीय बाजार में आने से पहले ‘‘अलीबाबा’’ और ‘‘पेटेम’’ को तकनीकी और व्यापारिक मसौदे पर भी काफी गौर करना होगा। भारतीय उपयोक्ता नई तकनीक को बहुत तेजी से अपनाते हैं लेकिन बुरे अनुभव होने पर वे उसे छोड़ने में भी समय नहीं लगाते हैं। ऐसे में दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच नई तरह की व्यापारिक पहल को शुरू करने से पहले इन्हें इन्हें बहुत सावधानी से कदम बढ़ाने होंगे।