जटिल कानूनी मुद्दों में डिजिटल भुगतान तंत्र से होगी वृद्धि : टी एस ठाकुर
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि डिजिटल दुनिया से लोगों को देश के बदलते डिजिटल माहौल में गैरकानूनी गतिविधियों एवं आचरण से निपटने में मदद मिलेगी।
प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने कहा है, कि केंद्र सरकार द्वारा डिजिटल भुगतान तंत्र अपनाने को दिए गए प्रोत्साहन से जटिल कानूनी मुद्दे बढ़ेंगे।
डिजिटल भुगतान तंत्र अपनाने से वकीलों एवं न्यायाधीशों की जरूरत पड़ेगी जो डिजिटल क्रांति एवं बदलती डिजिटल दुनिया की कानूनी गतिशीलता की बारीकियों से निपटने में सक्षम हों।
प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने कर्नाटक राज्य न्यायिक अधिकारी संघ के 18वें द्विवाषिर्क सम्मेलन में कहा, ‘डिजिटल भुगतान तंत्र अपनाने के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जा रहे प्रोत्साहन से निस्संदेह रूप से जटिल कानूनी मुद्दे बढ़ेंगे।’
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि डिजिटल दुनिया से लोगों को देश के बदलते डिजिटल माहौल में गैरकानूनी गतिविधियों एवं आचरण से निपटने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस घटनाक्रम को रूखेपन से नहीं बल्कि गंभीरता से देखना चाहिए।’’
उधर दूसरी तरफ एक रपट के अनुसार नोटबंदी के बाद अधिशेष तरलता के कारण रिटर्न घटने के बीच बैंकों को 38,200 करोड़ रूपये का ट्रेजरी लाभ हो सकता है। इंडिया रेटिंग्स ने एक रपट में यह निष्कर्ष निकाला है। इसके अनुसार, 'अधिशेष नकदी उपलब्धता के कारण रिटर्न घटने से एनपीए बोझ से दबे बैंकों को मौजूदा वित्त वर्ष में 38200 करोड़ रपये का ट्रेजरी लाभ हो सकता है।’ रपट के अनुसार समूचे बैंकिंग क्षेत्र ने 2015-16 में 23600 करोड़ रूपये का मुनाफा कमाया था, इस आंकड़ें को देखें तो उक्त अनुमानित राशि ‘बहुत बड़ी’ है।