चूहे पकड़कर लाखों रुपये की फसलों को नुकसान से बचाता है यह किसान
करीब दो दशकों से चूहों को पकड़ कर किसानों की फसल बचाने वाले मणि का आभार मानते हुए उधगमंडलम (तमिलनाडु) के किसानों ने उसे चूहे की आकृति का एक केक भेंट किया। अदा सोलई गांव के मणि को 20 फार्म मालिक एक रेस्तरां ले कर गए जहाँ उसने चूहे की आकृति का केक काटा और अपना 61वां जन्मदिन मनाया।
किसानों के अनुसार, यह उनका मणि के प्रति आभार जताने का एक तरीका था क्योंकि बीते करीब दो दशकों से मणि उनके खेतों में चूहे पकड़ता है और उन्हें लाखों रूपये के आर्थिक नुकसान से बचाता रहा है। उन्होंने बताया कि चूहे आम तौर पर आलू, गोभी, गाजर, सेम आदि उनके उत्पादों का 30 फीसदी हिस्सा चट कर जाते हैं।
हर मौसम में किसान अपनी फसलों के लिए करीब एक लाख रूपये निवेश करते हैं और चूहों की वजह से उनका 30,000 रूपये से लेकर 35,000 रूपये तक का नुकसान हो जाता था। लेकिन मणि की वजह से अब ऐसा नहीं होता।
तीसरी कक्षा में ही पढ़ाई को अलविदा कह चुके मणि ने 25 साल पहले जब चूहा पकड़ना शुरू किया था तब उसे एक चूहे को पकड़ने के एवज में 25 पैसे मिलते थे। उसकी सेवाओं की मांग बढ़ती गई और आज यह दर बढ़ कर 80 रूपये हो गई है।
दिलचस्प बात यह है कि मणि चूहा पकड़ कर उसे खेत के मालिक के पास ले जाता है, उसे दिखाता है और तब अपने रूपये लेता है। उसका दावा है कि पूरे इलाके में चूहे पकड़ने का काम वह अकेला ही करता हैऔर अब तक करीब दो लाख चूहे पकड़ चुका है। वह हर दिन करीब 10 से 30 चूहे पकड़ लेता है जिन्हें या तो मिट्टी में दबा दिया जाता है या कौवों के आगे डाल दिया जाता है।
मणि का कहना है कि वह न केवल नीलगिरी जिले में बल्कि समीपवर्ती केरल और कर्नाटक में भी चूहे पकड़ता है।-पीटीआई