आपको पता है, दुनिया का पहला सैंडविच कब और कैसे बना था?
हिस्ट्री चैनल का एक आंकड़ा बताता है कि अकेले अमेरिका में एक दिन में तीन सौ मिलियन सैंडविच भकोसे जाते हैं. भारत में यह संख्या इसके आसपास नहीं तो बहुत दूर भी नहीं होनी चाहिए.
इस स्टोरी में नीचे आप जो चित्र देख रहे हैं, यह अठारहवीं सदी के विख्यात अंग्रेज पेंटर टॉमस गेन्सबरो का बनाया जॉन मॉन्टेग्यू का पोर्ट्रेट है. जनाब मॉन्टेग्यू बड़े जुआरी होते थे. खासे रईस खानदान से ताल्लुक रखने वाले इन सज्जन की जिन्दगी के बारे में इतना ही मालूम है कि ताश की गड्डी देखते ही सारी सुधबुध खो देते थे और घंटों जुआ खेला करते.
एक दफा यूं हुआ कि सुबह से घर पर फड़ लगा हुआ था. एक बाजी बहुत लम्बी खिंच गयी. जॉन चचा किसी भी कीमत पर हारना नहीं चाहते थे. डिनर का वक्त हुआ तो चची ने नौकर के हाथ संदेसा भिजवाया कि खाना लग चुका है. चचा बोले, आ रहे हैं. आधे घंटे बाद फिर संदेसा भिजवाया गया. फिर बोले आ रहे हैं. यूं तीन-चार घंटे बीते. चची बिफरकर सोने चली गईं. जाते-जाते खानसामे को हिदायत दे गईं कि साहब को कुछ खिलाये बगैर अपने घर न जाए.
खानसामे की बीवी घर पर एनीवर्सरी के लिए उसका इंतज़ार कर रही थी. उसने बेर-बेर जुए वाले कमरे में आकर खाना खा लीजिये हुजूर की रट लगानी शुरू की तो मॉन्टेग्यू साहब ने खीझकर कहा जल्दी से कुछ ऐसा बना दे, जिसे खाने के लिए न मेज से उठना हो और न प्लेट-छुरी-कांटे की जरूरत आन पड़े.
फरमाइश पूरी की गयी. खानसामे ने डबलरोटी के बीच उबला हुआ मसालेदार मांस भरा और नैपकिन में लपेटकर पेश कर दिया. फड़ ज़रा भी बाधित न हुआ, रेसिपी कामयाब रही और जल्द ही इंग्लैण्ड के तमाम जुआघरों में सर्व होने लगी.
हिस्ट्री चैनल का एक आंकड़ा बताता है कि अकेले अमेरिका में एक दिन में तीन सौ मिलियन सैंडविच भकोसे जाते हैं. भारत में यह संख्या इसके आसपास नहीं तो बहुत दूर भी नहीं होनी चाहिए. दुनिया का पहला सैंडविच हालांकि उस रात अपनी एनीवर्सरी के लिए लेट हो रहे एक गुमनाम रसोइये ने तैयार किया था, उसे नाम जुआरी जॉन मॉन्टेग्यू का मिला.
जॉन मॉन्टेग्यू दरअसल दक्षिण-पूर्वी इंग्लैण्ड के केंट इलाके के ऐतिहासिक कस्बे सैंडविच के चौथे अर्ल माने लम्बरदार हुआ करते थे. चौथे इसलिए कि उनके बाप और बाप के बाप और उनके भी बाप भी लम्बरदारी किया करते थे. इस नगर का नाम साल 851 और 993 ईस्वी के एंग्लो-सैक्सन रेकॉर्ड्स में क्रमशः सोंडविक और सैंडविक दर्ज है. बाद में यह सैंडविच हो गया. भाषाविज्ञान बताता है कि सैंडविच का शाब्दिक अर्थ रेतीली मिट्टी वाला तिजारती कस्बा होता है.
जॉन मॉन्टेग्यू का जीवन बताता है कि जुए जैसी निकृष्ट आदत के चलते भी आदमी सदियों तक याद रखा जा सकता है. जो भी करना है पूरी तसल्ली से और पूरे दिल से करना है.
अर्थात लगे रहो लम्बरदार!
Edited by Manisha Pandey