चार दोस्तों ने एक डेयरी फॉर्म से शुरुआत कर खड़ा कर डाला 100 करोड़ का कारोबार
भारत दुनिया के दुग्ध उत्पादों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है और देश में रोजाना 40 करोड़ लीटर दूध की खपत होती है। इसके बाजार के सालाना 16 फीसदी की रफ्तार से बढ़कर 2020 तक 155 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। अलबत्ता पूर्वी भारत में प्रति व्यक्ति दुग्ध उत्पादों की खपत राष्ट्रीय औसत से करीब 50 फीसदी कम है।
रांची के मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले हर्ष के सपने बहुत ही साधारण थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद हर्ष डिस्ट्रीब्यूशन के क्षेत्र में काम कर रहे थे। केडेबरी चॉकलेट, एमरॉन बैटरी, डाबर से जुड़े थे। उनके तीन साथी राकेश, अभिनव और अभिषेक सीए प्रैक्टिस कर रहे थे। इन सबकी उम्र 32 से 34 साल।
सबकी जॉब प्रोफाइल काफी बेहतरीन थी, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं भायी। अप्रैल 2012 में सभी फिर से मिले और ओरमांझी के सिकिदरी में डेयरी फॉर्म खोला। उनके साथ हर्ष भी जुड़ गए। कंपनी ने एक साल में ही 30000 लीटर प्रति दिन बिक्री के आंकड़े को छू लिया है। अब यह राज्य में नंबर वन डेयरी कंपनी है।
भारत दुनिया के दुग्ध उत्पादों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है और देश में रोजाना 40 करोड़ लीटर दूध की खपत होती है। इसके बाजार के सालाना 16 फीसदी की रफ्तार से बढ़कर 2020 तक 155 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। अलबत्ता पूर्वी भारत में प्रति व्यक्ति दुग्ध उत्पादों की खपत राष्ट्रीय औसत से करीब 50 फीसदी कम है। ऐसे में एचआर फूड जैसी कंपनियों के लिए कारोबार का मौका है। ओसम की सफलता की नींव कैसे पड़ी, ये जानना बहुत ही रोचक रहा। रांची के मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले हर्ष के सपने बहुत ही साधारण थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद हर्ष डिस्ट्रीब्यूशन के क्षेत्र में काम कर रहे थे। केडेबरी चॉकलेट, एमरॉन बैटरी, डाबर से जुड़े थे। उनके तीन साथी राकेश, अभिनव और अभिषेक सीए प्रैक्टिस कर रहे थे। इन सबकी उम्र 32 से 34 साल। अभिनव कंपनी के सीईओ हैं। बाकी डायरेक्टर्स।
एक महात्वाकांक्षी योजना का अंकुरण-
2004 में तीनों ने एक साथ सीए क्वालिफाई किया, तो एक-दूसरे के हुनर को पहचाना। बाद में तीनों ने अलग-अलग कंपनी ज्वाइन कर ली। अभिनव ने फाइनांस, अभिषेक ने टेलिकॉम और राकेश ने पब्लिशिंग कंपनी में काम किया। सबकी जॉब प्रोफाइल काफी बेहतरीन थी, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं भायी। अप्रैल 2012 में सभी फिर से मिले और ओरमांझी के सिकिदरी में डेयरी फॉर्म खोला। उनके साथ हर्ष भी जुड़ गए। हर्ष का पारिवारिक बिजनेस पहले से था। उनके अनुभव का लाभ बाकियों को मिला। सिकिदरी में जब डेयरी खोली गई, तो गाय पंजाब से लाई गई। यहां 110 गाय हैं। डेयरी के कामकाज को बेहतर ढंग से समझने के लिए अभिनव कानपुर चले गए और डेयरी फॉर्मिंग का कोर्स किया। डेयरी को पूरी तरह से स्वास्थ्यवर्धक और जर्म फ्री बनाने के लिए कई तरह के एक्सपेरिमेंट किए गए। अमूमन मिल्क प्लांट की गंदगी और बदबू से लोग परेशान हो जाते हैं। लेकिन ओसम प्लांट में न तो आपको गंदगी मिलेगी और न ही बदबू।
इस डेयरी से आज जो दूध निकलता है, उसे शहर में लाकर बेचा जाता है। लेकिन इससे दूध की मांग पूरी नहीं होते देख उन्होंने इसे आगे बढ़ाने का सोचा। दूध को ज्यादा दिन तक रखने और ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए प्लांट स्थापित किया गया। पतरातू स्थित 44,000 स्क्वॉयर फीट के इस प्लांट में दूध लाने से लेकर पैकेजिंग तक सब काम होगा। यहां से कंपनी ने एक दिन में 60,000 लीटर दूध बाजार में लाने का लक्ष्य रखा है। करीब 20 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट के लिए मुंबई की फाइनांस कंपनी आविष्कार से मदद ली गई है। आज ओसम में रोजाना 45 हजार लीटर दूध व दुग्ध उत्पादों का उत्पादन हो रहा है। दूध के अलावा ओसम ब्रांड की दही, मिस्टी दही, मैंगो दही, पनीर, लस्सी व पेड़ा झारखंड के बाजारों में पहुंच रहा है।
दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की-
कंपनी ने एक साल में ही 30000 लीटर प्रति दिन बिक्री के आंकड़े को छू लिया है। अब यह राज्य में नंबर वन डेयरी कंपनी है। कंपनी के डायरेक्टर (सेल्स एंड मार्केटिंग) हर्ष ठक्कर के मुताबिक, कंपनी आगे अपने बाजार का विस्तार करते हुए वितरण पहुंच बढ़ाएगी और बहुत से प्रोडक्ट लॉन्च करेगी। इम्पैक्ट इनवेस्टमेंट फंड लोक कैपिटल ने ओसम के लिए 45 करोड़ रुपये का फंड जुटाया है। इस फंड का इस्तेमाल कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने और झारखंड तथा बिहार के पड़ोसी जिलों तक अपनी पहुंच बढ़ाने में करेगी। करीब 10,000 किसान कंपनी से जुड़े हैं और वह रोजाना 40,000 लीटर दूध का प्रसंस्करण करती है। कंपनी पूरे झारखंड में फैले 3,000 खुदरा व्यापारियों के नेटवर्क के जरिये अपने उत्पाद बेचती है। फंड जुटने से उत्साहित एचआर फूड ने झारखंड में एक और डेयरी प्लांट का अधिग्रहण कर लिया है और पूर्वी भारत के डेयरी बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए उसकी योजना और कंपनियों का अधिग्रहण करने की है।
हर्ष के मुताबिक, चुनौतियों को मैंने और मेरे दोस्तों ने अवसर के तौर पर लिया। वे अपने ग्राहकों व वितरकों को दूध व दूध उत्पादों के मानकों के प्रति जागरूकता के लिए अपने प्लांट में लेकर जाते हैं। उन्हें दूध से जुड़े एक-एक मानकों की बारीकियों को बताते हैं। इसका एकमात्र मकसद यह होता है कि लोग दूध व उसके उत्पादों के स्टैंडर्ड को लेकर जागरूक हों। ओसम डेयरी के सीईओ अभिनव के मुताबिक, हम प्रतिदिन एक लाख लीटर दूध उत्पादन करने का लक्ष्य रखकर आगे बढ़ रहे हैं। पहले चरण में अगले सप्ताह से हम बाजार में पैकेज्ड दूध लेकर आएंगे। पहले प्रतिदिन 60,000 लीटर दूध हम शहर में सप्लाई करेंगे। जब लोगों का विश्वास कंपनी पर होगा, तब हम इसे और बढ़ाएंगे।
ये भी पढ़ें: गरीब बच्चों को पढ़ाने में जी जान से जुटी हैं ये बैंक मैनेजर