इसरो जनवरी में एक साथ 83 सेटेलाइट लांच करेगा
अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता उपग्रहों को उपभोक्ता देशों और अंतरिक्ष विभाग की शाखा एंट्रिक्स के बीच वाणिज्यिक समझौते के तहत प्रक्षेपित किया जायेगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) साल 2017 जनवरी में एक साथ 83 सेटेलाइट लांच करेगा। इनमें से 80 सेटेलाइट अन्य देशों के होंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में यह जानकारी दी हैं।
सरकार ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ध्रुवीय प्रक्षेपण यान पीएसएलवी सी37 के माध्यम से जनवरी 2017 में 83 उपग्रहों का प्रक्षेपण करने की योजना बनाई है। लोकसभा में जयदेव गाला के प्रश्न के लिखित उत्तर में कार्मिक, प्रशिक्षण एवं प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह ने कहा, कि इन 83 उपग्रहों में काटरेसैट 2 श्रृंखला के तीन भारतीय उपग्रह शामिल हैं।उन्होंने बताया कि शेष 80 उपग्रह पांच देशों इस्राइल, कजाखस्तान, नीदरलैंड, स्विटजरलैंड और अमेरिका के हैं जिनका कुल वजन 500 किलोग्राम है।
80 विदेशी सेटेलाइट इजरायल, कजाखिस्तान, नीदरलैंड्स, स्विट्जरलैंड और अमेरिका के होंगे। इनका कुल वजन 500 किलोग्राम होगा। इन अंतरराष्ट्रीय सेटेलाइट को एंट्रिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड और उन देशों के बीच हुए वाणिज्यिक समझौते के तहत लांच किया जाएगा।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि इन अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता उपग्रहों को उपभोक्ता देशों और अंतरिक्ष विभाग की शाखा एंट्रिक्स के बीच वाणिज्यिक समझौते के तहत प्रक्षेपित किया जायेगा।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एंट्रिक्स इसरो की वाणिज्यिक शाखा है। इसरो के इतिहास में यह अपनी तरह का पहला अभियान है। अभियान के तहत 730 किलोग्राम का भारतीय सेटेलाइट कार्टोसेट-2 मुख्य पेलोड होगा। इसके अलावा आइएनएस-आइए और आइएनएस-1बी को भी लांच किया जाएगा। इन दोनों का कुल वजन 30 किलोग्राम है।
इसरो ने देश में तथा इसके 1500 किलोमीटर के आसपास तक के स्थानों, नेविगेशन और समय संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए जीपीएस की तर्ज पर भारतीय तारामंडल के साथ नेविगेशन (नेविक) नामक स्वतंत्र भारतीय प्रणाली तैयार की है। विज्ञान और प्रौद्योगिक राज्य मंत्री वाई एस चौधरी ने लोकसभा में रोडमल नागर के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा है, कि ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने देश में तथा इसके 1500 किलोमीटर के आसपास तक स्थानों, नेविगेशन और समय संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘भारतीय तारामंडल के साथ नेविगेशन (नेविक)’ नामक स्वतंत्र भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन प्रणाली तैयार की है।’ प्रश्न किया गया था कि सरकार द्वारा नेविगेशन एप्प को और अधिक प्रभावी बनाने तथा उपयोगकर्ताओं को सटीक सूचना उपलब्ध करवाने के लिए प्रारंभ किये गये कार्यों का विवरण क्या है।
जीपीएस प्रणाली में किसी तरह की कमियां सामने आने के एक प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि जीपीएस प्रणाली भारत सरकार द्वारा अधिकृत या नियंत्रित नहीं है।
दो दिन पहले इसरो द्वारा महेंद्रगिरी में चलाए जा रहे उच्च सुरक्षा वाले प्रोपल्सन परिसर में एक व्यक्ति ने चोरी छिपे घुसने का प्रयास किया था। हालांकि व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया था। व्यक्ति को इसरो के स्पेस एंड रिसर्च प्रोग्राम सेंटर में प्रवेश करते हुए पाया गया था। सुरक्षा गार्ड ने व्यक्ति को पकड़ कर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अधिकारियों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया था।