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पानी शुद्ध करने का अनोखा तरीका, स्कूली छात्रा का चौंका देने वाला कमाल...

पानी शुद्ध करने का अनोखा तरीका, स्कूली छात्रा का चौंका देने वाला कमाल...

Thursday October 15, 2015 , 4 min Read

प्रदूषित जल को साफ करने की दिशा में है ललिता की एक शानदार पहल...

भुट्टे के वेस्ट हिस्सों से बनाया वाटर प्यूरिफायर....

कम दाम में तैयार हुआ यह किफायती वाटर प्यूरिफायर मॉडल...

कैलिफोनिया में जीता कम्युनिटी इंपैक्ट अवॉर्ड सराहा ललिता के इस मॉडल को...

भुट्टे से बने वाटर प्यूरिफायर के बाद अब और भी अविष्कार करना चाहती हैं ललिता प्रसीदा...


आज साफ पीने का पानी जिस तेजी से कम होता जा रहा है उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में पीने का साफ पानी न मिल पाना कितनी बड़ी समस्या बनकर उभरेगा। हमारे देश में जल प्रदूषण जिस तेजी से बढ़ रहा है वह चिंताजनक है। हालांकि इस दिशा में सरकार की ओर से भी प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन वे प्रयास भी इस समस्या के समाधान के लिए काफी नहीं हैं। ऐसे में उड़ीशा की एक चौदह साल की लड़की ललिता प्रसीदा ने एक ऐसा प्रयास किया जिसकी वजह से उन्हें '' कम्युनिटी इंपेक्ट पुरस्कार '' से कैलिफोनिया में नवाजा गया। और यह मात्र ललिता के लिए ही गौरव का क्षण नहीं था बल्कि पूरे भारत के लिए यह गर्व का पल था। ललिता ने भुट्टे के वेस्ट से पानी स्वच्छ करने का एक मॉडल तैयार किया। दिल्ली पब्लिक स्कूल में नवीं कक्षा में पढऩे वाली ललिता ने एक ऐसा यूनीक कार्य किया जिसके विषय में आज से पहले किसी ने सोचा भी नहीं था। पानी को स्वच्छ करने के पहले भी काफी प्रयोग होते रहते हैं जोकि काफी सफल भी रहे हैं लेकिन इन सबके बीच ललिता का मॉडल बिल्कुल नया, सस्ता और आसान है। वे भुट्टे के वेस्ट मटीरियल से गंदे पानी को साफ कर रही हैं। ललिता बताती हैं कि भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा भुट्टा उत्पादक देश है। भारत में देश के हर कोने में भुट्टा पसंद किया जाता है और उगाया जाता है। इससे कई तरह की चीज़ें भी बनाई जाती हैं। लेकिन भुट्टे के दानों को खाने के बाद जो छल्ली बच जाती है जिसमें भुट्टे के दाने चिपके होते हैं वह बड़ा हिस्सा दाने निकलने के बाद पूरी तरह बरबाद हो जाता है और कूड़े में डाल दिया जाता है। ललिता ने भुट्टे के इसी वेस्ट पार्ट से अपनी मेंटर पल्लवी मोहपात्रा के मार्गदर्शन में एक वाटरप्यूरिफायर का आविष्कार किया, जो कि काफी सस्ता पड़ा और इससे गंदा पानी काफी हद तक साफ हुआ।

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ललिता के पिताजी का नौकरी के सिलसिले में कई राज्यों में तबादला होता रहता था जिस कारण ललिता ने देश के विभिन्न इलाकों को करीब से देखा और जाना। उन्होंने एक ही चीज़ जो हर जगह देखी वह थी स्वच्छ पानी की कमी। और इसीलिए उन्होंने इस विषय पर मॉडल तैयार करने की सोची। पानी साफ करने के इस मॉडल में पांच लेयर हैं। जिसमें चार भुट्टे द्वारा निर्मित की गई हैं। पहले लेयर में भुट्टे की खाल है। जिसको काट-काट कर रखा गया है। जबकि दूसरे लेयर में उसके बहुत बारीक टुकड़े रखे हैं। तीसरे लेयर में भुट्टे के बहुत ही महीने टुकड़े जो कि दलिये जितने आकार के हैं, उन्हें रखा गया है। चौथे लेयर में भुट्टे के इन्हीं टुकड़ों को चारकोल बनाकर रखा गया है। इसमें 99 प्रतिशत लीड को एब्जॉर्ब करने का गुण होता है। पांचवें लेयर रेत की है। इन पांच लेयर से जब पानी गुजरता है तो वह काफी स्वच्छ हो जाता है। बेशक इस प्रक्रिया के बाद भी यह गंदे पानी को आप उबालकर पी सकते हैं।

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ललिता का कैलिफोनिया का यह पहला विदेश दौरा था। जिसमें वे अपने परिवार और अपनी मेंटर के साथ गईं थीं। ललिता अपनी इस विजि़ट को लेकर काफी उत्साहित थीं। वहां ललिता ने 16 जजों के सामने चार अलग-अलग चरणों में अपनी प्रस्तुति दी। उसके बाद 20 प्रोजेक्ट्स को फाइनल के लिए चुना गया। ललिता इन फाइनलिस्ट में अकेली भारतीय थी। उसके बाद आठ लोगों को जजों ने अलग-अलग श्रेणी के लिए विजेता चुना और उन्हें कम्युनिटी इंपैक्ट अवॉर्ड से नवाजा गया। ललिता बताती हैं "मैं रिजल्ट आने से पहले काफी परेशान थी लेकिन जैसे ही मेरे नाम की घोषणा हुई मैं खुशी से फूली न समाई। वह बहुत गर्व का अनुभव कर रही थी।"

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ललिता भविष्य में शोध करना चाहती हैं। वे विभिन्न कम्युनिटीज़ की मदद करना चाहती हैं और जमीनी स्तर पर काम करके देश की मदद करना चाहती हैं।