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माइक्रोसॉफ्ट के डिजिटल प्रशिक्षण की मदद से महिला उद्यमियों को मिल रहा नया मुकाम

माइक्रोसॉफ्ट के साथ साझेदारी से महिला कारीगरों एवं उद्यमियों के लिए माइक्रोसॉफ्ट 365 और आउटलुक लाइट जैसे टूल्स तक पहुंच आसान होती है, साथ ही छोटे उद्यमों के लिए बाजार में अवसरों का विस्तार करने के लिए ओएनडीसी जैसे प्लेटफॉर्म्स का लाभ लेना संभव होता है.

माइक्रोसॉफ्ट के डिजिटल प्रशिक्षण की मदद से महिला उद्यमियों को मिल रहा नया मुकाम

Friday August 02, 2024 , 8 min Read

बहुत कम उम्र से ही शीलू सेवानी के मन में उद्यमिता का सपना पल रहा था. जैसे-जैसे उम्र बढ़ी, उन्होंने बलजीत नगर (दिल्ली) में अपने पिता की छोटी सी कैंडी शॉप में हाथ बंटाना शुरू कर दिया. इससे उन्हें छोटे से कारोबार को चलाने की कई बारीकियां पता चलीं. 2021 में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद सेवानी ने बड़ी छलांग लगाने का फैसला किया. उन्होंने अपने पिता की कैंडी शॉप के पास में ही कपड़ों की एक छोटी सी दुकान खोल ली.

इस नई शुरुआत के कुछ ही महीने बाद सेवानी को प्रोजेक्ट REVIVE के बारे में पता चला. यह माइक्रोसॉफ्ट के समर्थन से कलेक्टिव गुड फाउंडेशन की साझेदारी में संचालित होने वाला डिजिटल और वित्तीय साक्षरता प्रशिक्षण कार्यक्रम है. इसे विशेष रूप से छोटी महिला उद्यमियों को ध्यान में रखकर तैयार किया है. इसका उद्देश्य उनकी आर्थिक सफलता को पंख लगाना है. इस व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिसाब-किताब रखने से लेकर डिजिटल पेमेंट, सोशल मीडिया, ऑनलाइन मार्केटिंग और वित्तीय प्रबंधन जैसे सभी पहलुओं को शामिल किया जाता है. सेवानी को अपना कारोबार बढ़ाने के लिए इन्हीं क्षेत्रों में समझ बढ़ाने की जरूरत थी.

आज वह गर्व के साथ ‘The Happiness Fashion’ के नाम से एक शानदार कपड़ा स्टोर संचालित कर रही हैं, जिससे महीने में उन्हें करीब एक लाख रुपये (1,200 डॉलर) तक का फायदा हो जाता है.

लाइब्रेरी साइंस में मास्टर्स डिग्री की तैयारी कर रही 27 साल की उद्यमी सेवानी कहती हैं, "प्रोजेक्ट REVIVE से मुझे जरूरी टूल्स का ज्ञान और प्रशिक्षण मिला, जिससे सोशल मीडिया में मेरी मौजूदगी बढ़ी और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से मेरे ग्राहक बढ़े. इससे मेरे कारोबार में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि देखने को मिली."

असम के कामरूप जिले के नाहिरा गांव की ज्योत्सना कालिता की कहानी भी ऐसी ही है. उन्होंने 14 साल की कम उम्र में ही अपनी मां से बुनाई की कला सीख ली थी और समय के साथ उन्होंने अपनी प्रतिभा को आजीविका के साधन में बदल दिया. ऐसा ‘Antaran Artisan Connect’ प्रोग्राम की मदद से संभव हुआ. यह माइक्रोसॉफ्ट के साथ साझेदारी में टाटा ट्रस्ट द्वारा संचालित किया जाने वाला कार्यक्रम है.

बुनाई का काम करती हुई असम के कामरूप जिले की ज्योत्सना कालिता

बुनाई का काम करती हुई असम के कामरूप जिले की ज्योत्सना कालिता

चरखा टू मार्केट (C2M) के सिद्धांत को अपनाते हुए इस पहल के तहत एक ऑनलाइन नॉलेज सेंटर तक पहुंच सुनिश्चित की जाती है. इसके माध्यम से डिजाइन, कारोबारी रणनीति, डिजिटल मार्केट, सोशल मीडिया और नेटवर्किंग के क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया जाता है. आज कालिता ‘Aalok Handlooms’ नाम से अपना ब्रांड संचालित कर रही हैं. अपनी दो भाभियों के साथ मिलकर आज वह महीने में पांच अंकों की ठीक-ठाक आय पाने में सक्षम हुई हैं. उनकी रचनात्मकता को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के ग्राहकों से प्रशंसा मिली है.

प्रोजेक्ट ‘REVIVE’ और ‘Antaran Artisan Connect’ दोनों पहल माइक्रोसॉफ्ट के वीमेन इन डिजिटल बिजनेस (WIDB) प्रोग्राम का हिस्सा हैं. प्रोजेक्ट REVIVE का उद्देश्य महामारी के कारण प्रभावित हुए महिलाओं द्वारा संचालित छोटे एवं मध्यम उद्यमों को संकट से उबारना है. वहीं, Antaran युवा बुनकरों को सशक्त करने पर केंद्रित है, ताकि वे पारंपरिक कला के माध्यम से सतत आजीविका कमा सकें और उन्हें कम वेतन वाली नौकरियों के लिए शहरों की ओर पलायन न करना पड़े. बात चाहे छोटे कारोबार संचालित करने वाली महिलाओं की हो या पारंपरिक कारीगरों की, माइक्रोसॉफ्ट महिलाओं का पूरा समर्थन करता है, जिससे उनकी आजीविका सुधरे और डिजिटल कौशल के माध्यम से वे सतत एवं बाजार के अनुकूल आजीविका कमा सकें.

जुलाई, 2023 से इस पहल को विस्तार देते हुए इसे इन महिलाओं को एआई-सक्षम अर्थव्यवस्था के लिए तैयार करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है. जुलाई, 2022 में लॉन्च WIDB का उद्देश्य 30,000 महिला उद्यमियों को जरूरी डिजिटल कौशल से लैस करना है, जिससे उनके लिए सतत आजीविका सुनिश्चित हो. स्किल-गैप (कौशल में कमी) के विश्लेषण को आधार बनाते हुए इसमें माइक्रोसॉफ्ट के कंटेंट पर आधारित डिजिटल कौशल पाठ्यक्रम तैयार किया जाता है और इसे ट्रेन-द-ट्रेनर प्रोग्राम के तौर पर क्रियान्वित किया जाता है. डिजिटल सुरक्षा, एआई, ऑटोमेशन एवं डाटा मैनेजमेंट के मॉड्यूल्स को एकीकृत करते हुए प्रोजेक्ट REVIVE और Antaran से WIDB को समर्थन मिलता है. WIDB महिला उद्यमियों को ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) जैसे पब्लिक मार्केट प्लेटफॉर्म्स से भी जोड़ता है और इंटरनेशन लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) से औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त करने में भी मदद करता है.

सस्टेनेबल आजीविका बनाने के लिए प्रोजेक्ट REVIVE के साथ माइक्रोसॉफ्ट की साझेदारी

दिल्ली के फरीदपुरी की झुग्गियों में रहने वाली 42 वर्षीय रेखा ने कोविड-19 महामारी के दौरान अपने पति को खो दिया था. हालांकि हिम्मत न हारते हुए दृढ़ इच्छाशक्ति से उन्होंने साहस के साथ चुनौतियों का सामना किया. अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देने की महत्वाकांक्षा से उन्हें प्रेरणा मिल रही थी. जीवन के इस चुनौतीपूर्ण समय में प्रोजेक्ट REVIVE से उनका सामना हुआ. इससे उन्हें सिलाई सीखने और अपने घर के बेसमेंट से ही एक दुकान शुरू करने में मदद मिली. प्रोग्राम के तहत मिलने वाले अनुदान से उन्होंने कच्चा माल खरीदा और अपने कारोबार की पहुंच बढ़ाने के लिए डिजिटल टूल्स का इस्तेमाल किया. आज रेखा को अपनी कपड़े की दुकान से हर महीने 15,000 से 20,000 रुपये (180 से 190 डॉलर) तक का लाभ हो जाता है.

प्रोजेक्ट REVIVE के माध्यम से माइक्रोसॉफ्ट के डिजिटल प्रोडक्टिविटी ट्रेनिंग प्रोग्राम ने रेखा के सफर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इसने उन्हें आकर्षक ऑनलाइन प्रोडक्ट कैटलॉग के माध्यम से आसपास के ज्यादा ग्राहकों से जुड़ने में सक्षम बनाया. इसके अलावा, वह अपने वित्तीय हिसाब-किताब को डिजिटल तरीके से संभालती हैं, ऑनलाइन बैंकिंग सेवाओं का प्रयोग करती हैं और उन्होंने भारत के डिजिटल हेल्थकेयर इकोसिस्टम तक पहुंच के लिए आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) जैसी सरकारी योजनाओं में सम्मिलित होते हुए अपने भविष्य को भी सुरक्षित किया है. उन्होंने असंगठित कर्मचारियों के राष्ट्रीय डाटाबेस ई-श्रम में भी पंजीकरण करा लिया है.

अपनी सिलाई की दुकान पर काम करती रेखा

अपनी सिलाई की दुकान पर काम करती रेखा

Antaran का मुख्य मिशन विशेष रूप से युवा पीढ़ी को केंद्र में रखते हुए बुनकरों को प्रोत्साहित करना और सतत आजीविका प्रदान करते हुए हथकरघा क्षेत्र को पुनर्जीवित करना है. इस पहल का उद्देश्य 300 सूक्ष्म-उद्यम स्थापित करना है, जिसमें मूल्य श्रृंखला के सभी पहलुओं को समाहित किया जाता है, साथ ही प्री, ऑन और पोस्ट-लूम गतिविधियों को भी ध्यान में रखा जाता है.

इसके तीन चरण हैं. पहले चरण में कारीगरों को अपना कौशल बढ़ाने के लिए तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है. दूसरे चरण में प्रशिक्षण एवं ऑनलाइन नॉलेज सेंटर के माध्यम से उन्हें डिजाइन से जुड़े सिद्धांतों, रंगों, रंग संयोजन और प्रोडक्ट रेंज को विस्तार देने के बारे में सिखाया जाता है. तीसरे चरण में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने व आय बढ़ाने के लिए डिजिटल टूल्स का लाभ लेने, कारीगरों को सोशल मीडिया पर अपनी मौजूदगी बढ़ाने में सशक्त करने और वैश्विक ऑडर्स के लिए मैसेजिंग एप का प्रयोग सिखाने पर फोकस किया जाता है. Antaran में टेक्सटाइल डिजाइन और रिसर्च को एकीकृत किया गया है, जिसमें प्री और पोस्ट-लूम इकोसिस्टम, को-डिजाइन कोलैबोरेशन और विभिन्न क्षेत्रों में हैंडलूम क्लस्टर्स तक डिजिटल मार्केट में पहुंच को लक्ष्य किया जाता है. कारीगर बड़े शहरों में विशेष रूप से आयोजित प्रदर्शनियों में और भारत में माइक्रोसॉफ्ट एवं सहयोगी इकाइयों के कार्यालयों में अपने उत्पादों को प्रदर्शित करते हैं.

महिला उद्यमियों और कारीगरों के लिए विकसित कर रहे हैं एक सहयोगी वातावरण

WIDB पहल के तहत माइक्रोसॉफ्ट की भूमिका फंडिंग की व्यवस्था करने, डिजिटल एवं वित्तीय साक्षरता के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने, डिजिटल डिजाइन एवं सैंपलिंग संसाधनों की व्यवस्था करने और व्यापकता बढ़ाने के लिए स्थानीय भाषाओं में डिजिटल एसेट एवं नॉलेज सेंटर तैयार करने की है. माइक्रोसॉफ्ट के साथ साझेदारी से महिला कारीगरों एवं उद्यमियों के लिए माइक्रोसॉफ्ट 365 और आउटलुक लाइट जैसे टूल्स तक पहुंच आसान होती है, साथ ही छोटे उद्यमों के लिए बाजार में अवसरों का विस्तार करने के लिए ओएनडीसी जैसे प्लेटफॉर्म्स का लाभ लेना संभव होता है. इसके अतिरिक्त, माइक्रोसॉफ्ट आईएलओ जैसे संगठनों के साथ साझेदारी के माध्यम से जानकारियों एवं विशेषज्ञों तक पहुंच भी सुगम करती है. इससे महिला उद्यमियों को बाजार के ट्रेंड्स एवं नियामकीय जरूरतों से जुड़े महत्वपूर्ण इनसाइट्स मिल पाते हैं. इससे वे इस जटिल क्षेत्र में प्रभावी तरीके से आगे बढ़ पाने में सशक्त होती हैं.

इस व्यापक सपोर्ट सिस्टम से सुनिश्चित होता है कि इसमें भाग लेने वाले तेजी से विकास करने में सक्षम हों और पूरे भारत में महिलाओं के लिए उद्यमिता की परिस्थितियों में जरूरी बदलाव आएं. शीलू, ज्योत्सना और रेखा जैसी महिलाओं की सफलता की कहानी से सही टूल्स, कौशल एवं अवसरों के माध्यम से उभरते उद्यमियों को सशक्त करने से पड़ने वाले स्थायी प्रभाव का पता चलता है. चुनौतियों के बावजूद इन महिलाओं ने आत्मनिर्भर होने के अवसर का लाभ उठाया, संभवानाओं की दुनिया का दरवाजा खोला और आजादी की राह पर आगे बढ़ने में सक्षम हुईं.

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