लगातार तीन मैच जीतने वाली एकता बिष्ट के पिता चलाते थे कभी चाय की दुकान
बाएं हाथ की स्पिनर एकता बिष्ट उत्तराखंड से भारतीय टीम में शामिल होने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं।
उत्तराखंड की एकता बिष्ट पांच वर्ष की उम्र से ही घर के आंगन में प्लास्टिक की बॉल से क्रिकेट खेलती थीं। ऐसा अक्सर देखने को मिलता है, कि लड़कियां क्रिकेट नहीं खेलतीं ऐसे में एकता को अपने क्रिकेट के शौक को पूरा करने के लिए बचपन में गली के लड़कों के साथ क्रिकेट खेलना पड़ता था। वो अपनी गली की टीम में एकलौती लड़की थीं। जब वो क्रिकेट खेलती थीं, तो उन्हें देखने वालों की भीड़ इकट्ठी हो जाती थी...
एकता बिष्ट उत्तराखंड के अल्मोड़ा से ताल्लुक रखती हैं, वो इस राज्य से भारतीय टीम में शामिल होने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं।
साल 2006 तक एकता उत्तराखंड की तरफ से घरेलू क्रिकेट में जलवा बिखेरती रहीं लेकिन जब उत्तराखंड अपनी टीम बनाने में असक्षम दिखा तो उन्होंने उत्तर प्रदेश का रुख कर लिया। जिस साल भारत की पुरुष क्रिकेट टीम ने आइसीसी वनडे विश्व कप जीता था, उसी साल यानि कि 2011 में एकता ने भी भारतीय महिला क्रिकेट टीम में जगह बनाकर इतिहास रचा था।
भारत और पाकिस्तान के बीच महिला विश्व कप 2017 के मुकाबले में पाकिस्तानी टीम बुरी तरह से पस्त हो गई। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस चर्चित मुकाबले की जीत का श्रेय 31 वर्षीय बाएं हाथ की भारतीय स्पिनर एकता बिष्ट को जाता है। एकता ने 10 ओवर में 2 मेडन करते हुए महज 18 रन लुटाए और 5 विकेट लिए।
ये भी पढ़ें,
'मशरूम लेडी' दिव्या ने खुद के बूते बनाई कंपनी
इसमें कोई शक नहीं कि दो दिन पहले हुए मैच की हिरो एकता बिष्ट साबित हुई हैं। मैच में उन्होंने बहुत ही तेज़ी से 5 विकेट लिए थे। इसके साथ ही बिष्ट एक ही साल में वन डे में दो बार पांच विकेट लेने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। महिला विश्व कप में पाकिस्तान पर भारत की बड़ी जीत की स्टार रहीं एकता बिष्ट ने यहां तक पहुंचने में कड़ी मेहनत की है। एकता बिष्ट इस मैच के बाद घर-घर में पहचाने जाने लगी हैं। क्रिकेट के चाहने वाले अब बाएं हाथ की इस गेंदबाज से वाकिफ हैं लेकिन बहुत कम लोगों को इस 31 वर्षीय स्पिनर के संघर्ष की कहानी के बारे में पता है। एकता बिष्ट उत्तराखंड के अल्मोड़ा से ताल्लुक रखती हैं और हमने खासतौर पर उनके राज्य का जिक्र इसलिए भी किया क्योंकि वो इस राज्य से भारतीय टीम में शामिल होने वाली पहली खिलाड़ी हैं। एकता ने बचपन में अपने साथियों के साथ प्लास्टिक की गेंद से खेलने की शुरुआत की और साधनों की कमी के बावजूद शीर्ष स्तर तक का सफर तय किया। साल 2006 तक एकता उत्तराखंड की तरफ से घरेलू क्रिकेट में जलवा बिखेरती रहीं लेकिन जब उत्तराखंड अपनी टीम बनाने में असक्षम दिखा तो उन्होंने उत्तर प्रदेश का रुख कर लिया। जिस साल भारत की पुरुष क्रिकेट टीम ने आइसीसी वनडे विश्व कप जीता था, उसी साल यानि कि 2011 में एकता ने भी भारतीय महिला क्रिकेट टीम में जगह बनाकर इतिहास रचा था।
एकता के संघर्ष की कहानी
8 फरवरी, 1986 को अल्मोड़ा खजांची मोहल्ले के साधारण परिवार पिता कुंदन सिंह बिष्ट व माता तारा बिष्ट के घर जन्मी इस प्रतिभा ने अल्मोड़ा एडम्स इंटर कॉलेज से इंटर की शिक्षा ग्रहण की। महज पांच वर्ष की आयु से एकता का रुझान क्रिकेट की ओर बढ़ा और उन्होंने घर के आंगन में ही क्रिकेट खेलना शुरू किया। अल्मोड़ा की सर्द रातों में उनके परिवार ने काफी कष्ट उठाये हैं। भारतीय सेना में हवलदार के पद से रिटायर होने के बाद उनके पिता कुंदल लाल बिष्ट ने घर का खर्च चलाने के लिए करीब एक दशक तक चाय की दुकान चलाई। कुंदन के परिवार में एकता के अलावा दो और बच्चे व पत्नी है। 1988 में सेना से रिटायर होने के बाद उन्हें महज 1500 रुपये पेंशन मिलती थी। अपनी कमाई बढ़ाने और बेटी के सपनों को उड़ान देने के लिए उन्होंने अल्मोड़ा में चाय की दुकान खोली। पिता को शुरू से ही उम्मीद थी कि बेटी हमारा नाम करेगी। उनकी मां तारा के मुताबिक, 'एकता को खेल इतना पसंद था कि उसने लड़कों के साथ खेलना शुरू कर दिया। लोग उसे देखने आते थे क्योंकि लड़कों की टीम वह अकेली लड़की थी। इससे हम पर आर्थिक दबाव जरूर आया लेकिन हमने पूरी तरह उसका समर्थन किया। वह एक जिम्मेदार लड़की थी। वह अपने खर्च में से काफी बचत करती। आखिर उसका सपना पूरा हो गया। अपनी प्रतिभा के दम पर उसने कई चुनौतियों को पार किया। यहां तक कि तब जब अल्मोड़ा में कोई कायदे का स्टेडियम भी नहीं है।'
ये भी पढ़ें,
साहिबाबाद की सुमन ने ज़रूरतमंद औरतों की मदद के लिए शुरू किया एक अनोखा बिज़नेस
क्रिकेट के भगवान भी हुए एकता के मुरीद
महिला विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ पांच विकेट झटककर सुर्खियों में आई एकता बिष्ट गेंदबाजी के साथ-साथ फील्डिंग भी शानदार करती हैं। उनकी इस काबिलियत के कायल खुद सचिन तेंदुलकर भी हो गए। महिला वर्ल्ड कप में इंग्लैंड की विल्सन को अहम मौके पर रन आउट कर एकता ने मास्टर ब्लास्टर का दिल जीत लिया था। सचिन ने अपने ट्वीट कर एकता की तारीफ भी की थी। सचिन ने ट्वीट किया कि एकता बिष्ट ने गजब की जागरूकता दिखाई और एक अहम खिलाड़ी को आउट कर दिया। मोना ने भी बेहतरीन तरीके से रन आउट किया। सचिन ने इसके साथ ही टीम को बधाई देते हुए लिखा है, बहुत शानदार भारतीय टीम।
रिकॉर्ड के मामले में भी खास हैं एकता
एकता ने वनडे में 62 और टी20 में 45 के साथ कुल 100 से ज्यादा विकेट लिए हैं। वह एकमात्र स्पिनर हैं जिन्होंने 2013 का विश्वकप खेलने के बाद 2017 के विश्वकप की टीम में जगह बनाई है। हाल ही में आईसीसी महिला विश्व कप क्वालिफायर में बिष्ट ने एक नया मुकाम हासिल किया। पाकिस्तान के खिलाफ पांच विकेट लेकर उन्होंने, वनडे में 50 विकेट पूरे किए। ऐसा करने वाली वह नौवीं भारतीय गेंदबाज हैं। इसके बाद 2 जुलाई को पाकिस्तान के खिलाफ एक बार फिर 5 विकेट लेकर वह एक ही साल में दो बार 5 विकेट हॉल लेने वाली खिलाड़ी बन गईं। वह टी-20 में हैट्रिक लेने वाली एकमात्र भारतीय हैं। 2012 के टी20 वर्ल्ड कप उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ हैट्रिक ली थी।