रेलवे में काम कर रहे खिलाड़ियों और कोच को मिलेगी अधिकारी रैंक की प्रमोशन
ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाले खिलाडि़यों के अलावा पद्मश्री से नवाजे जा चुके सभी खिलाड़ियों और कोचों को भी अधिकारियों के रूप में पदोन्नत किया जाएगा।
इस नीति के तहत ओलंपिक खेलों में दो बार शिरकत कर चुके और एशियाई खेलों/राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले खिलाडि़यों द्वारा इस दिशा में किए गए अथक प्रयासों को ध्यान में रखकर अब उन्हें अधिकारी रैंक में पदोन्नत करते हुए पुरस्कृत करने का निर्णय लिया गया है।
केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे में कार्यरत खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई नीति को मंजूरी दी है जिसके तहत ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाले खिलाडि़यों के अलावा पद्मश्री से नवाजे जा चुके सभी खिलाड़ियों और कोचों को भी अधिकारियों के रूप में पदोन्नत किया जाएगा। इस नीति के तहत ओलंपिक खेलों में दो बार शिरकत कर चुके और एशियाई खेलों/राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले खिलाडि़यों द्वारा इस दिशा में किए गए अथक प्रयासों को ध्यान में रखकर अब उन्हें अधिकारी रैंक में पदोन्नत करते हुए पुरस्कृत करने का निर्णय लिया गया है।
इसके अलावा रेलवे में कार्यरत वे खिलाड़ी भी इसी तरह से पदोन्नति पाने के हकदार होंगे जो अर्जुन/राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार जैसे अहम अवार्ड से नवाजे जा चुके हैं। खिलाड़ियों के सफल प्रदर्शन में कोचों के अहम योगदान को यथोचित रूप से स्वीकार किया गया है और ऐसे कोई भी कोच अब एक अधिकारी के रूप में पदोन्नत होने के योग्य माने जाएंगे जिनसे प्रशिक्षण प्राप्त खिलाडि़यों ने ओलंपिक खेलों/विश्व कप/विश्व चैंपियनशिप/एशियाई खेलों/राष्ट्रमंडल खेलों का कम से कम तीन बार पदक विजेता प्रदर्शन रहा होगा जिनमें ओलंपिक खेलों मे कम से कम एक पदक जीतना भी शामिल है।
यह उदार प्रोत्साहन नीति देश के प्रतिष्ठित खिलाडि़यों/कोचों के लिए एक प्रोत्साहन के रूप में काम करेगी और इसके साथ ही यह देश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए रेलवे की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
राष्ट्रमंडल खेल 2018 के पदक विजेताओं के लिए रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड द्वारा अप्रैल 2018 में राष्ट्रीय रेल संग्रहालय में आयोजित अभिनंदन समारोह में पीयूष गोयल ने घोषणा की थी कि रेलवे उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले रेलवे के एथलीटों की जायज अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए शीघ्र ही एक प्रोत्साहन नीति की घोषणा करेगी जिसके तहत न केवल खिलाडि़यों द्वारा जीते गए पदकों, बल्कि उनके द्वारा इस दिशा में किए गए अथक प्रयासों को भी यथोचित रूप से सराहा जाएगा। मंत्री ने सफल खिलाडि़यों को तैयार करने में कोचों की अहम भूमिका को भी रेखांकित किया था।
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