2026 तक 65% ट्रांजेक्शन हो जाएंगे डिजिटल: BCG-PhonePe रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के डिजिटल पेमेंट मार्केट में पिछले पांच वर्षों में गज़ब की तेजी है. डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में विस्तार हुआ है. बीते मई महीने में UPI ट्रांजैक्शन ने 10 ट्रिलियन का आंकड़ा पार कर लिया है.
टेक्नोलॉजी के इस दौर में लोग पेमेंट करने के लिए नकद राशि की बजाए डिजिटल पेमेंट्स को ज्यादा तवज्जो देने लगे हैं. हाल ही में बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) और
द्वारा संयुक्त रूप से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2026 तक 65 प्रतिशत ट्रांजेक्शन डिजिटल होने की उम्मीद है.रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का डिजिटल पेमेंट मार्केट एक "इन्फ्लेक्शन पॉइंट" पर है. इसके 2026 तक 3 ट्रिलियन डॉलर के मौजूदा स्तर से तीन गुना बढ़कर 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. यह वृद्धि मर्चेंट पेमेंट में वृद्धि से प्रेरित होगी, क्योंकि अधिक से अधिक व्यापारी ऑफ़लाइन बिक्री में QR कोड के जरिए पेमेंट करने लगे हैं. रिपोर्ट के निष्कर्षों में B2B (बिजनेस-टू-बिजनेस) और G2B (गवर्नमेंट-टू-बिजनेस) ट्रांजैक्शन शामिल नहीं हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के डिजिटल पेमेंट मार्केट में पिछले पांच वर्षों में गज़ब की तेजी है. डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में विस्तार हुआ है. बीते मई महीने में UPI (Unified Payments Interface) ट्रांजैक्शन ने 10 ट्रिलियन का आंकड़ा पार कर लिया है.
UPI बना रहा नए रिकॉर्ड
रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक, भारत में नॉन-कैश पेमेंट्स को UPI ने 'सुपरचार्ज' किया है. विशेष रूप से P2P फंड ट्रांसफर और कम मूल्य वाले व्यापारी (P2M) भुगतान में. रिपोर्ट के निष्कर्षों के अनुसार, UPI से पांच वर्षों में कुल नॉन-कैश पेमेंट्स का तीन-चौथाई होने की उम्मीद है. पिछले तीन वर्षों में UPI के जरिए किए गए ट्रांजैक्शन की मात्रा वित्त वर्ष 22 में नौ गुना बढ़कर 46 बिलियन ट्रांजैक्शन हो गई है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, हालांकि, डिजिटल ट्रांजैक्शन की क्षमता के साथ, फ्रॉड मैनेजमेंट को समझने, डिजिटल ऑनबोर्डिंग और केवाईसी को सरल बनाने, बैंकों के टेक इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव कम करने, पेमेंट प्लेयर्स के लिए बेहतर इकोनॉमी की अनुमति देने और देश के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की भी आवश्यकता है.
अभी भी पिछड़े हुए हैं टियर 3-6 शहर
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में टियर 3 शहर और उससे आगे और भारत के विशाल ग्रामीण इलाकों में डिजिटल ट्रांजैक्शन का चलन कम है. इन क्षेत्रों में विकास की बड़ी महत्वपूर्ण गुंजाइश है.
PhonePe में स्ट्रैटेजी और इन्वेस्टर रिलेशंस के प्रमुख, कार्तिक रघुपति ने कहा, “जबकि टियर 1-2 शहरों में डिजिटल पेमेंट्स को बड़े चाव से अपनाया गया है, वहीं टियर 3-6 शहरों में इसके विकास की संभावनाएं है. विकास की अगली लहर अब टियर 3-6 स्थानों से आएगी, जैसा कि पिछले दो वर्षों में प्रमाणित है, जिसमें टियर 3-6 शहरों ने PhonePe के लिए लगभग 60-70% नए ग्राहकों का योगदान दिया है.”
रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में लगभग 30 मिलियन B2C (बिजनेस-टू-कंज्यूमर) मर्चेंट हैं जो पीओएस पर क्यूआर कोड पेमेंट स्वीकार करते हैं और इसके लगभग 40 मिलियन मर्चेंट्स को कवर करने की उम्मीद है.