Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

देश का भविष्य संवारने में जुटे हैं 66 साल के श्याम बिहारी प्रसाद, सातों दिन पढ़ाते हैं गरीब बच्चे को फुटपाथ पर

देश का भविष्य संवारने में जुटे हैं 66 साल के श्याम बिहारी प्रसाद, सातों दिन पढ़ाते हैं गरीब बच्चे को फुटपाथ पर

Thursday February 25, 2016 , 4 min Read

दिल्ली के वसंत कुंज सेक्टर बी-9 के हनुमान मंदिर के सामने लगती हैं कक्षाएं...

बीएसएनएल से रिटायर हैं 66 वर्षीय श्याम बिहारी प्रसाद...

ठंड और बरसात के मौसम में हनुमान मंदिर में होती है पढ़ाई....

किताब, कॉपी, पेन-पेंसिल आदि श्याम बिहारी प्रसाद कराते हैं उपलब्ध...


समाज को बेहतर करने के लिए जरूरी नहीं है कोई बड़ी गैर सरकारी संस्था ही शुरू की जाए। अगर मन में इच्छा हो तो इस काम को बिना अधिक संसाधनों के भी किया जा सकता है। कुछ ऐसा ही काम दिल्ली के वसंत कुंज में 66 वर्षीय श्याम बिहारी प्रसाद कर रहे हैं। वसंत कुंज सेक्टर बी-9 के हनुमान मंदिर के सामने की सड़क की फुटपाथ पर पिछले तीन वर्षों से श्याम बिहारी प्रसाद हर दिन गरीब बच्चों के लिए कक्षा चलाते हैं। उनकी कक्षा में 35 से 40 बच्चे पढ़ने आते हैं।

image


मूलत: पटना के रहने वाले श्याम भारत संचार निगम लिमिटेड से सहायक प्रबंधक के पद से सेवानिवृत हैं। रिटायरमेंट के बाद से ही वह दिल्ली में अपनी बेटी के पास रहते हैं। उनकी बेटी डीआरडीओ में वैज्ञानिक है। श्याम ने योरस्टोरी को बताया, 

‘बात तीन साल पहले कि है, मैं एक दिन हनुमान मंदिर में पूजा करने आया था। मैंने देखा कि कुछ बच्चे प्रसाद लेने के लिए मंदिर के आसपास ही मंडरा रहे थे। जब मैंने इन बच्चों के बारे में पता किया तो मुझे जानकारी मिली कि ये बच्चे पूरे दिन इधर-उधर की घुमा करते हैं और इनमें से कुछ ही हैं जो स्कूल जाते हैं। यह बात मैंने अपनी बेटी को बताई, बेटी ने कहा कि हमें उनके लिए कुछ करना चाहिए। इसके बाद ही मैंने इन बच्चों को पढ़ाने का निर्णय लिया।’

उन्होंने बताया कि शुरुआत में वो बच्चों को प्रसाद का लालच देकर अपने पास बुलाते थे। इसके बाद इन्हें चॉकलेट, बिस्कुट, नमकीन आदि देकर मंदिर के सामने के फुटपाथ पर बैठकर बात करनी शुरू की। इसी क्रम में श्याम बिहारी प्रसाद ने धीरे-धीरे इन बच्चों को कॉपी और पेंसिल लाकर दी और इस तरह फुटपाथ पर ही पढ़ाई शुरू हो गई। इनके पास पढ़ने वाले बच्चों ने अपने दोस्‍तों को भी यह बात बताई तो समय के साथ बच्चों की संख्या में भी बढ़ने लगी। वर्तमान में यहां कक्षा 2 से 10 तक के 35 से 40 बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं।

image


श्याम बताते हैं, 

‘शुरुआत में जब मैंने यहां पढ़ाना शुरू किया था, तब हमारे पास काफी संख्या में ऐसे बच्चे थे जो स्कूल नहीं जाते थे। मैंने ऐसे बच्चों के अभिभावकों को समझाया और बच्चों को सरकारी स्कूल में दाखिल कराया। अब यहां पढ़ने आने वाले अधिकतर बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ने जाते हैं।’

अधिक ठंड या बारिश के मौसम में बच्चों को मंदिर के अंदर पढ़ाया जाता है। श्याम ने बताया, "एक दिन बारिश होने की वजह से मैं बच्चों को पढ़ा नहीं पाया था, इस समस्या को देखकर मंदिर के पुजारी ने हमें मंदिर में पढ़ाने की अनुमति दी।" यहां पढ़ने वाले राजकुमार सेन ने बताया, "श्याम सर हमें हर रोज जरूर कुछ न कुछ खाने को देते हैं। हमें कभी फल मिलते हैं तो कभी बिस्कुट।" राजकुमार वसंत कुंज की अर्जुन बस्ती से पढ़ने आता है और पास के ही सरकारी स्कूल की दसवीं कक्षा में पढ़ता है। 

image


श्याम बताते हैं कि आसपास रहने वाले लोग भी इनकी काफी मदद करते हैं। आए दिन कोई पेंसिल तो कोई कॉपी दे जाते हैं। उन्होंने बताया कि एक दिन एक डॉक्टर आए और उन्होंने बच्चों के लिए एक बोर्ड दिलाया। कक्षा 10 में पढ़ने वाले इंद्रेश कुमार बताते हैं कि कई बार लोग हमारी जरूरत की किताबों की सूची बनाकर ले जाते हैं और बाद में खरीद कर हमें दे जाते हैं। इस स्कूल में हर रोज हाजिरी लगती है और यह सातों दिन खुलता है। 

image


कहते हैं कुछ करने के लिए उम्र से ज्यादा जोश और उत्साह की ज़रूरत होती है। श्याम बिहारी प्रसाद के उत्साह और लगन का नतीजा है कि आज इलाके के बच्चे इधर-उधर घूमने के बजाय स्कूल आने लगे हैं। सच यह भी है कि हर बड़ी चीज़ के लिए हमेशा छोटे से ही शुरूआत होती है और जब मामला देश के नौनिहालों से जुड़ा हो तो फिर इसकी शुरूआत कहीं से की जा सकती है।