'जलग्राम' के लिए सरकार ने पहचान की 450 गांव, महत्वाकांक्षी 'जल क्रांति अभियान' शुरू
सरकार ने शुरू किया जल क्रांति अभियान...
देश में जल संरक्षण के लिए बनाई गई एकीकृत योजना...
देश में जल संरक्षण एवं प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने, गंगा एवं अन्य नदियों के बहाव की निगरानी और प्रदूषण निवारण जैसे कार्यो के लिए सरकार ने महत्वकांक्षी ‘‘ जल क्रांति अभियान’’ नामक एकीकृत योजना शुरू की है। इसके तहत गंगा एवं अन्य नदियों के किनारे बसे करीब 450 गांव की ‘जल ग्राम’ के रूप में विकसित करने के लिए पहचान की गई है।
जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने कुछ दिन पहले इसकी शुरूआत की है।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि जल क्रांति अभियान पर हाल ही में हुई निगरानी बैठक में इसके विभिन्न आयामों पर विचार किया गया । इसमें यह बात सामने आई कि हर राज्य के प्रत्येक जिले में दो जल ग्रामों की पहचान का कार्य किया जा रहा है और इनमें से कुछ राज्यों में यह कार्य पूरा कर लिया गया है।
जिन राज्यों में प्रत्येक जिले में दो जल ग्राम की पहचान का कार्य पूरा किया गया है उनमें गोवा, केरल, नगालैंड, आंध्रप्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश शामिल है। इस पहल में पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र काफी पीछे चल रहे हैं।
मंत्रालय के आंकड़ों के तहत गंगा एवं अन्य नदी के किनारे बसे करीब 450 गांव को ‘जल ग्राम’ के रूप में विकसित करने के लिए पहचान कर ली गई है।
जल क्रांति अभियान की दिशानिर्देशिका में कहा गया है कि इन कार्यो के लिए जिन मौजूदा स्कीमों से व्यय को पूरा किया जायेगा उनमें प्रस्तावित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, जल निकायों की मरम्मत, नवीकरण एवु पुनरूद्धार, एकीकृत वाटर शेड मैनेजमेंट कार्यक्रम, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, सूचना, शिक्षा एवं संचार, राष्ट्रीय जल मिशन कार्यक्रम, त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम, बांध पुनरूद्धार एवं सुधार परियोजना आदि शामिल हैं। अधिकारी ने कहा कि 2015.16 के दौरान जल संरक्षण एवं प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने के लिए सभी पक्षकारों को शामिल करते हुए एक व्यापक एवं एकीकृत दृष्टिकोण से ‘जल क्रांति अभियान’ को आगे बढ़ाया जा रहा है ताकि यह एक जन आंदोलन बन सके।
इस योजना के तहत देश के 672 जिलों में प्रत्येक में दो जल की कमी वाले गांव में जल का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए ‘जल ग्राम’ पहल शुरू की जा रही है। प्रत्येक जिले में जल की अत्यधिक कमी वाले इन गांव को ‘जल ग्राम’ का नाम दिया जायेगा। जल क्रांति अभियान की शुरूआत 5 जून 2015 को देश के तीन क्षेत्रों राजस्थान के जयपुर, उत्तरप्रदेश के झांसी और हिमाचल प्रदेश के शिमला से हो चुकी है।
सरकार का मानना है कि तेजी से बढ़ती जनसंख्या तथा तेजी से विकास कर रहे राष्ट्र की बढ़ती आवश्यकताओं के साथ जलवायु परिवर्तन के संभावित प्रतिकूल प्रभाव के मद्देनजर जल की प्रति व्यक्ति उपलब्धता प्रति वर्ष कम होती जा रही है। जल की तेजी से बढ़ती मांग को देखते हुए अगर समय रहते इसका समाधान नहीं निकाला गया तो जल के विभिन्न प्रयोक्ताओं एवं जल बेसिन राज्यों के बीच जल के लिए विवाद उत्पन्न हो जायेगा। ऐसे में देश में एक समग्र, एकीकृत दृष्टिकोण अपनाते हुए जल संरक्षण, जल उपयोग दक्षता तथा जल उपयोग प्रबंधन क्रियाकलापों को बढ़ावा देने एवं सुदृढ़ बनाने की जरूरत है।
जल ग्राम योजना के तहत जल ग्राम का चयन इसके कार्यान्वयन के लिए गठित जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जायेगा । प्रत्येक गांव को एक इंडेक्स वैल्यू प्रदान किया जायेगा जो जल की मांग और उपलब्धता के बीच अंतर के आधार पर तैयार होगा और सबसे अधिक इंडेक्स वैल्यू वाले गांव को जल क्रांति अभियान कार्यक्रम में शामिल किया जायेगा।
अधिकारी ने बताया कि इसके तहत स्थानीय जल पेशेवरों को जल संबंधी मुद्दों के संबंध में जन जागरूकता फैलाने तथा जल से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए उपयुक्त प्रशिक्षण देकर उन्हें ‘जल मित्र’ बनाया जायेगा।
इसके तहत संबंधित महिला पंचायत सदस्यों को ‘जल मित्र’ बनने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा। प्रत्येक जल ग्राम में सुजलम कार्ड के रूप में ‘एक जल स्वास्थ्य कार्ड’ तैयार किया जायेगा जो गांव के लिए उपलब्ध पेयजन स्रोतों की गुणवत्ता के बारे में वाषिर्क सूचना प्रदान करेगा। मंत्रालय ने प्रत्येक जल ग्राम के लिए ब्लाक स्तरीय समितियों द्वारा ग्राम में जल के स्रोत, मात्रा एवं गुणवत्ता के उपलब्ध आंकड़ों एवं अनुमानित आवश्यकताओं के आधार पर एकीकृत विकास योजना बनाई जायेगी।
जल के उपयोग के संबंध में किसानों एवं जल प्रयोक्ता संघों समेत स्थानीय पक्षों को सुझाव देने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा।
मंत्रालय ने इस संबंध में योजना तैयार करते समय स्थानीय जन प्रतिनिधियों की राय भी लेने की बात कही है।
इस योजना के तहत वर्तमान एवं बंद हो चुके जल निकायों की मरम्मत, निर्माण एवं पुनरूद्धार का काम किया जायेगा। इसके तहत वष्रा जल का संचय, अपशिष्ट जल का पुनचक्रण, किसान की सक्रिय भागीदारी के लिए जन जागृति, सूक्ष्म सिंचाई, समुदाय आधारित जल निगरानी जैसे कार्य शामिल हैं।
जल क्रांति अभियान के तहत लोगों तक जानकारी पहुंचाने के लिए फेसबुक, ट्वीटर एकाउंट बनाकर इसके बारे लगातार अपडेट करने की पहल भी किये जाने की बात कही गई है।
पीटीआई