उद्योग जगत ने प्रसन्नता के साथ किया जीएसटी का स्वागत, मज़बूत और पारदर्शी व्यवस्था की उम्मीद
महत्वपूर्ण सुधारों को लागू करने की क्षमता को लेकर भी सकारात्मक संकेत
राज्यसभा में जीएसटी विधेयक के पारित होने पर प्रसन्नता जताते हुए उद्योग जगत ने इसे एतिहासिक कदम बताया और कहा कि यह बहु-प्रतीक्षित अप्रत्यक्ष कर सुधार अर्थव्यवस्था की वृद्धि में उल्लेखनीय योगदान देगा तथा वस्तु एवं सेवाओं की लागत में कमी लाएगा।
उद्योग मंडल सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने जीएसटी को देश में कर क्षेत्र में एक बड़ा सुधार बताया और कहा, ‘‘जीएसटी से वस्तुओं एवं सेवाओं पर विभिन्न बहु-स्तरीय अप्रत्यक्ष कर के दुष्प्रभाव कम होने की उम्मीद है। यह देश के अधिकतर केंद्रीय और राज्य स्तरीय शुल्कों एवं करों को समाहित करेगा। इससे पूरा देश एक साझा बाजार बनेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी आने वाले वषरें में बहुप्रतीक्षित पारदर्शिता और उच्च निवेश लाएगा और हम उच्च कर राजस्व एवं निवेश से देश के जीडीपी में कुछ प्रतिशत अंक की वृद्धि की उम्मीद करते हैं।’’ राज्यसभा ने कल देर शाम बहुप्रतीक्षित जीएसटी विधेयक को मंजूरी दे दी गई। सरकार संविधान संशोधन विधेयक पारित कराने को लेकर विपक्षी दलों के साथ आम सहमति बनाने में कामयाब रही।
एसोचैम के अध्यक्ष सुनील कनोड़िया ने जीएसटी पारित होने को भारत के आर्थिक सुधारों में 1991 के सुधारों के बाद मील का पत्थर बताया। हालांकि उन्होंने कहा कि अब एक बड़ी चुनौती इसे लोगों के अनुकूल बनाना है।
फिक्की के अध्यक्ष हषर्वर्धन नेवतिया ने कहा, ‘‘इस महत्वपूर्ण विधेयक को पारित कराने में विपक्षी दलों का सहयोग लोकतंत्र की आधारशिला है और यह उद्योग को देश में सुधारों की प्रगति को लेकर काफी उम्मीदें बढ़ता है।’’ सीबीआरई के चेयरमैन अंशुमन मैगजीन (भारत और दक्षिण पूर्व एशिया) ने कहा कि यह हमारी अर्थव्यवस्था के लिये एक बड़ा कर सुधार है जो भारत को एकल बाजार में तब्दील करेगा।
नासकॉम के अध्यक्ष आर चंद्रशेखर ने कहा कि जीएसटी व्यवस्था से कर व्यवस्था मजबूत होगी और इसे अधिक पारदर्शी बनाएगी। लेकिन बहु कराधान केंद्र सृजित करेगी जो आईटी उद्योग के लिये एक चुनौती है। अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ(कैटध) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडलेवाल ने कहा कि जीएसटी से व्यापारियों को तमाम तरह के करों के चंगुल से छुटकारा मिलेगा।
हिंदुजा ग्रुप आफ कंपनीज इंडिया के चेयरमैन अशोक पी हिंदुजा ने कहा कि जीएसटी 1991 से सबसे महत्वपूर्ण सुधार है। इससे भारत विदेशी निवेश के लिए आकषर्क गंतव्य बन सकेगा। राष्ट्रीय बाजार बनने से विनिर्माण अधिक प्रतिस्पर्धी हो सकेगा। हालांकि, हिंदुजा ने मौजूदा रियायतें जारी रखने के बारे में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। विशेषरूप से केंद्र और राज्य के स्तर पर निवेश से संबंधित रियायतों पर।
सीआईआई के अध्यक्ष नौशाद फोब्र्स ने कहा कि जीएसटी दशकों में सबसे महत्वपूर्ण कर सुधार है। इसके क्रियान्वयन के बाद इससे वस्तुओं और सेवाओं का मेल वाला राष्ट्रीय बाजार बनेगा, जिससे देश की वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा। सीआईआई ने कहा कि यदि इसे 1 अप्रैल, 2017 से क्रियान्वित किया जाता है, तो इससे लेनदेन की लागत घटेगी और जीडीपी की वृद्धि दर डेढ़ से दो प्रतिशत बढ़ेगी।
अमेरिका भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) ने इस अप्रत्यक्ष कर सुधार को पासा पलटने वाला करार दिया। परिषद ने कहा कि इससे घरेलू आपूर्ति श्रृंखला से तालमेल बैठाकर आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन दिया जा सकेगा और अनुपालन का बोझ कम होगा। परिषद के अध्यक्ष मुकेश अघी ने कहा कि इन कारकों से भारत की निवेश गंतव्य के रूप में वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी से उपभोक्ताओं के लिए वस्तुएं सस्ती होंगी, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय निर्यात की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और जीडीपी की वृद्धि दर दो प्रतिशत बढ़ेगी।
पीएचडी चैंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष महेश गुप्ता ने कहा कि जीएसटी से अगले कुछ वर्षों 2019-20 तक भारत की वृद्धि दर 10 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी।
यस बैंक के प्रबंध निदेशक व सीईओ राणा कपूर ने कहा कि जीएसटी के क्रियान्वयन से भारत के कर ढांचे में एक समानता आएगी और विनिर्माण दक्षता बढ़ेगी और कारोबार करने की स्थिति सुगम होगी।
इंजीनियरिंग निर्यातकों के संगठन ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन टी एस भसीन ने कहा कि इससे देश के विनिर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा, लेकिन यदि आदर्श जीएसटी कानून के कुछ प्रावधानों से निर्यातकों को कुछ दिक्कतें आ सकती हैं।
दीर्घावधि में जीएसटी से उंची वृद्धि दर हासिल हो सकेगी : फिच
जीएसटी का पारित होना एक महत्वपूर्ण सुधार है, जो व्यापार में अड़चनों को दूर करेगा, आर्थिक दक्षता में सुधार करेगा तथा इससे दीर्घावधि में उँची वृद्धि दर हासिल करने में मदद मिलेगी। फिच रेटिंग्स ने आज यह बात कही। रेटिंग एजेंसी ने बयान में कहा कि इसके अलावा इस विधेयक को संसद की मंजूरी से सरकार की महत्वपूर्ण सुधारों को लागू करने की क्षमता को लेकर भी सकारात्मक संकेत गया है। इससे पहले राष्ट्रीय दिवाला कानून मई में पारित हुआ था।
फिच ने हालांकि कहा कि यह देखना होगा कि क्या राष्ट्रीय जीएसटी से कर राजस्व में बढ़ोतरी होती है। बयान में कहा गया है कि यह कई चीजों पर निर्भर करेगा, मसलन कर दर को किस स्तर पर तय किया जाता है। इस दर को जीएसटी परिषद तय करेगी। परिषद में वित्त मंत्रालय तथा प्रत्येक राज्य सरकार के प्रतिनिधि शामिल हैं। रेटिंग एजेंसी का मानना है कि जीएसटी के लागू होने का दीर्घावधि के आर्थिक परिदृश्य पर सकारात्मक असर पड़ेगा, लेकिन लघु अवधि में इसका राजकोषीय खाते पर खास असर नहीं दिखाई देगा। फिच ने अनुमान लगाया है कि चालू वित्त वर्ष में रिण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 69.4 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा जबकि घाटा कम होकर 6.8 प्रतिशत पर आ जाएगा।
जीएसटी वाहन क्षेत्र में कर ढांचे को तर्कसंगत बनाने का बेहतर अवसर
राज्यसभा में जीएसटी विधेयक का रास्ता साफ होने की तारीफ करते हुए वाहन निर्माताओं ने कहा कि यह भौतिक आयामों के आधार पर वाहनों के लिए मौजूदा विभेदकारी कर ढांचे को तर्कसंगत बनाने और कर के बोझ को सरल बनाने का एक ‘बेहतरीन अवसर’ है।
होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी योइचिरो यूएनो ने पीटीआई से कहा, ‘‘ऑटोमोबाइल क्षेत्र के नजरिए से देखा जाए तो यह सरकार के लिए एक बेहतरीन अवसर है कि देश की विनिर्माण जीडीपी में 45 प्रतिशत का योगदान देने वाले इस क्षेत्र के लिए भौतिक आयामों के आधार पर मौजूदा विभेदकारी कर ढांचे को तर्कसंगत बनाने और कर के बोझ को सरल बनाने का काम कर सके।’’ उन्होंने कहा कि भारत में कारों की सुरक्षा, कार्बन उत्सर्जन और ईंधन दक्षता के मानक विकसित कार बाजारों की ही तरह हैं और कर ढांचे को भी इससे मेल खाना चाहिए। यह अर्थव्यवस्था के साथ-साथ पर्यावरण और ग्राहक के लिए भी बेहतर स्थिति होगी।
इसी तरह की बात रेनो इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक सुमित साहनी ने कही कि जीएसटी विधेयक से विभिन्न क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा इसमें ऑटोमोबाइल उद्योग भी शामिल है। इससे कर के बोझ को सरल करने में मदद मिलेगी।
फोर्ड इंडिया के बिक्री कार्यकारी और निदेशक अनुराग मल्होत्रा ने भी जीएसटी को एक ऐतिहासिक सुधार बताया।
देश की सबसे बड़ी दुपहिया वाहन कंपनी हीरो मोटोकॉर्प के चेयरमैन, प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी पवन मुंजाल ने कहा कि जीएसटी में देश की अर्थव्यवस्था को और ज्यादा खुला बनाने की क्षमता है।
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने आज कहा कि जीएसटी का कार्यान्वयन देश की आर्थिक वृद्धि के लिए सकारात्मक रहेगा जिसका मुद्रास्फीति पर कोई खास असर नहीं होगा लेकिन आगाह किया कि अन्य ‘‘विवादास्पद सुधार प्रक्रियाओं’’ की प्रगति धीमी रह सकती है।
लंबे समय से लंबित अप्रत्यक्ष कर सुधार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक कल राज्य सभा में पारित हो गया। मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस की उपाध्यक्ष मारी दिरों ने कहा कि जीएसटी का पारित होना उस आकलन के अनुरूप है कि सुधार धीरे-धीरे होगा और यह तदर्थ राजनीतिक समर्थन पर निर्भर करेगा।
दिरों ने कहा, ‘‘अन्य सुधार क्षेत्रों में जहां कुछ विशेष नीतियों के समर्थन में बहुमत है ऐसी सुधार प्रक्रियाओं का कार्यान्यवयन होगा। ज्यादा विवादास्पद सुधार प्रक्रियाओं में प्रगति धीमी रहेगी।’’ -पीटीआई