Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

शुद्ध पानी की सप्लाई और पूरे प्रदेश में स्वच्छता को बनाया मिशन

शुद्ध पानी की सप्लाई और पूरे प्रदेश में स्वच्छता को बनाया मिशन

Saturday September 29, 2018 , 4 min Read

अमृत मिशन एक बड़ा प्रोजेक्ट है। इसके तहत रायपुर, भिलाई, कोरबा, बिलासपुर, जगदलपुर, राजनांदगांव तथा अंबिकापुर में काम चल रहा है। दुर्ग और रायगढ़ में भी काम जल्द शुरू होगा। योजना के तहत तीन लाख आठ हजार 27 नए नल कनेक्शन दिए जाएंगे।

image


सरोवर धरोहर योजना के तहत तालाबों को सहेजा गया। पुष्पवाटिका उन्मुक्त खेल मैदान, हॉट बाजार, सांस्कृतिक भवन, भागीरथी नल जल योजना जैसे काम हुए, जिसका लाभ नागरिकों को मिल रहा है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने हर व्यक्ति तक शुद्ध पानी की उपलब्धता का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी के चलते नगरीय निकायों में 290 वाटर एटीएम स्थापित किए गए हैं। भविष्य की योजनाओं में अमृत मिशन पर काम चल रहा है। प्रदेश के नौ नगर निगम क्षेत्रों में लगभग 22 सौ करोड़ के निवेश की योजना है ताकि हर घर तक पानी पहुंच सके। इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मिशन को भी मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आत्मसात कर लिया है। प्रदेश के 165 नगरीय निकायों में इसी आधार पर काम चल रहे हैं।

अमृत मिशन एक बड़ा प्रोजेक्ट है। इसके तहत रायपुर, भिलाई, कोरबा, बिलासपुर, जगदलपुर, राजनांदगांव तथा अंबिकापुर में काम चल रहा है। दुर्ग और रायगढ़ में भी काम जल्द शुरू होगा। योजना के तहत तीन लाख आठ हजार 27 नए नल कनेक्शन दिए जाएंगे। इस मिशन को पूरा करने के लिए वर्ष 2019 तक का समय निर्धारित किया गया है। शुद्ध पानी के साथ अच्छा पर्यावरण भी प्राथमिकता में है। इसलिए 38 करोड़ 40 लाख रुपए से नए उद्यानों के विकास का काम प्रगति पर है। इसी तरह गंदे पानी का उपचार करने का प्रावधान भी है। रायपुर, बीरगांव तथा भिलाई चरोदा की जीवन दायनी खारुन नदी में मिलने वाले नालों के प्रदूषित पानी को परिष्कृत करने के लिए 330 करोड़ की योजना स्वीकृत की गई है।

अब करते हैं स्वच्छता की बात। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए पूरे देश में हमारा अंबिकापुर अव्वल है। स्व सहायता समूहों के जरिए शुरू किए गए इस इनोवेटिव प्रैक्टिस को काफी सराहना मिली। पूरे 165 नगरीय निकायों में इसी के आधार पर मिशन क्लीन सिटी योजना शुरू की गई। अब आठ हजार 154 महिलाओं को उनके शहर में ही रोजगार मिल रहा है। महिलाएं खुद रिक्शा चला रही हैं। एसएलआरएम सेंटर में काम कर रही हैं। हालही में स्वच्छता ही सेवा अभियान के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इस मुहिम के तहत वेस्ट से बेस्ट बनाने की स्पर्धाएं भी आयोजित की जा रही हैं।

शहरों में सफाई की मुहिम छेड़ने से पहले उन्हें खुले में शौचमुक्त करने का लक्ष्य रखा गया। आज 168 निकाय ओडीएफ घोषित हो चुके हैं। इसके लिए प्रति शौचालय की अनुमानित लागत 19 हजार 500 रुपए के हिसाब से भारत सरकार ने 4000 और राज्य का अंशदान 14 हजार निर्धारित है। बाकि 1500 रुपए हितग्राही से लिए गए। अब तक तीन लाख 51 शौचालयों का निर्माण करया जा चुका है। इसी तरह सरोवर धरोहर योजना के तहत तालाबों को सहेजा गया। पुष्पवाटिका उन्मुक्त खेल मैदान, हॉट बाजार, सांस्कृतिक भवन, भागीरथी नल जल योजना जैसे काम हुए, जिसका लाभ नागरिकों को मिल रहा है।

सरकार ने पीने का पानी, शुद्ध वातावरण, नाली, बिजली और सड़क की व्यवस्था के साथ आवास की भी चिंता की। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने वाम्बे, राश्ने, अटल और आईएचएसडीपी योजना अंतर्गत वर्ष 2004-05 से 2011-12 तक 45 हजार 655 मकानों के लिए 696 करोड़ की स्वीकृति दी। इसमें 40 हजार 859 आवासों का काम पूरा हो चुका है। इसी तरह विभाग ने नागरिकों को बेहतर परिवहन सुविधा देने सिटी बस चलाए। रायपुर से इसकी शुरुआत हुई। फिर 75 शहरों को 22 क्लस्टरों में विभाजित कर अत्याधुनिक, आरामदेह और किफायती परिवहन उपलब्ध कराया।

विभाग की ही उपलब्धि है जो नागरिकों को जीवन, मृत्यु, गुमास्ता, विवाह प्रमाण पत्र के लिए भटकना नहीं पड़ता। सारे दस्तावेज लोक सेवा केंद्रों, मोबाइल एप और वेबसाइट के माध्यम से ऑन लाइन उपलब्ध हैं। इसके अलावा सभी नगरीय निकायों में ई-गवर्नेस परियोजना के तहत वेब पोर्टल, जन समस्या निराकरण, द्विप्रविष्टी लेखा प्रणाली आदि की प्रक्रिया चल रही है।

यह भी पढ़ें: मणिपुर में अल्पसंख्यक समुदाय के पहले आईएएस ऑफिसर बने असकर अली