अब बस एक क्लिक में पूजन सामग्री पहुंचाएगी vedicvaani.com आपके घर
अगस्त 2013 में शुरुआत हुई vedicvaani.com की।
हिंदू धर्म से जुड़ी सभी तरह की पूजन सामग्री अब ऑनलाइन।
विश्वभर में पूजन सामग्री की जरूरत को पूरा कर रही है वैदिकवाणी।
किसी बड़े काम को करने के लिए यह जरूरी नहीं कि इंसान बड़ा ही सोचे कई बार आपके छोटे-छोटे आइडियाज भी एक बड़े काम की नीव रख देते हैं। मुंबई के कल्पेश गांधी, आशीष गांधी और विक्रम शाह के दिमाग में भी ऐसा ही एक छोटा सा आइडिया आया और आज यह आइडिया एक बड़े बिजनेस मॉडल के रूप में बदल चुका है।
जून 2013 की एक शाम को कल्पेश, आशीष और विक्रम यूं ही गपशप कर रहे थे कि तीनों के दिमाग में कुछ नया और हटकर काम करने का विचार आया। काफी सोचने के बाद तीनों एक विचार पर सहमत हुए कि वे पूजा पाठ से जुड़ी सामग्री को देश-विदेश में बेचेंगे। यह विचार उनके दिमाग में क्यों आया इस पर कल्पेश बताते हैं कि हमारा परिवार पूजापाठ के काम से जुड़ा रहा है। मेरे पिता यही काम कर रहे हैं ऐसे में हम देखते थे कि लोगों को पूजा की सामग्री के विषय में बहुत कम ज्ञान होता था। पूजन सामग्री की क्वालिटी को लेकर तो वे पूरी तरह से अनजान होते थे। ऐसे में लगा कि कुछ ऐसा हो कि लोगों को सही पूजा सामग्री सही दाम पर उपलब्ध कराई जाए तो इससे लोगों को बहुत मदद मिलेगी और उन्हें पूजा का सारा सामान एक ही स्थान पर मिल जाएगा। शुरुआती दौर में अपने काम को स्थापित करने में जरूर थोड़ी दिक्कत हुई लेकिन हम तीनों ने खूब मेहनत की। उसके बाद लोगों को भी हमारा काम अच्छा लगने लगा। जो एक बार हमारे पास आता वह बार-बार आता और हमारे काम की लोगों द्वारा माउथ पब्लिसिटी ने हमारे काम को आगे फैलाने में बहुत मदद की। आगे कल्पेश बताते हैं कि जून 2013 में यह आइडिया जनरेट हुआ और अगस्त 2013 से हम लोगों ने vedicvaani.com की शुरुआत की।
कल्पेश, आशीष और विक्रम तीनों कॉमर्स ग्रेजुएट हैं। इन्होंने अपने काम को दो तरह से शुरु किया। अपनी बेवसाइट के माध्यम से भी यह लोग ऑनलाइन ऑडर बुक करते हैं और लोग चाहें तो फोन पर भी इन्हें अपना ऑडर प्लेस कर सकते हैं। इनके पास पूजा से जुड़ी हर छोटी-बड़ी सामग्री उपलब्ध है जैसे - हवन सामग्री, कपूर, पूजा की थाली, लोटा, श्रीफल, पूजा का कपड़ा, रौली-मौली, धूप-दीप, सुपारी, घंटियां, धोती, मूर्तियां, रत्न आदि। वैदिक वाणी पचास रुपए से पांच लाख रुपए तक का सामान उपलब्ध कराता है। जो लोग फोन पर ऑडर देते हैं उनके लिए कैश ऑन डिलीवरी की सुविधा भी है।
काम शुरु करने के दौरान क्या फंडिंग की कोई दिक्कत आई? इस पर कल्पेश बताते हैं कि हमने अब तक इस काम के लिए किसी से कोई फंड नहीं लिया। हम लोगों ने अपना पैसा लगाकर यह कारोबार खड़ा किया है। त्योहारों के सीज़न में सामान की बिक्री बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। हमने हमेशा इस बात का ख्याल रखा कि हमारा सामान सभी को आसानी से उपलब्ध हो इसलिए हमने सभी बड़ी ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर अपना सामान उपलब्ध कराया है।
वैदिक वाणी जो भी सामान उपलब्ध कराती है वह सारा सामान भारत में ही निर्मित है। मेक इन इंडिया स्प्रीचुअल प्रॉडक्ट्स को यह लोग विश्व भर में फैला रहे हैं ताकि विश्व के किसी भी देश में रहने वाले भारतीय को पूजा पाठ करने में कोई दिक्कत न हो। उसे आसानी से पूजन सामग्री मिल जाए। विश्व के लगभग देशों में वैदिक वाणी अपने प्रॉडक्ट्स उपलब्ध करा रही है।
वैदिक वाणी की अपनी मार्किंटिंग टीम भी है जो विश्व बाजार पर नज़र रखे हुए है। जहां जिस चीज़ की आवश्यकता महसूस होती है वहां उस चीज़ को उपलब्ध करा दिया जाता है। वैदिक वाणी अभी केवल हिंदू धर्म से संबंधित पूजन सामग्री ही उपलब्ध कराती है लेकिन भविष्य में वैदिक वाणी की योजना अन्य धर्मों के धार्मिक अनुष्ठानों में इस्तेमाल होने वाली सामग्री भी लोगों तक पहुंचाना है। इस दिशा में वैदिक वाणी काम का रहा है।