24 वर्षीय इस लड़के के नेतृत्व में शुरू हुआ दुनिया का सबसे बड़ा समुद्री सफाई अभियान
पिछले कुछ सालों से समुद्र में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ा है और यह हम सभी के लिए चिंता का विषय है। अरबों टन प्लास्टिक कचरा प्रतिवर्ष महासागरों में जमा हो जाता है। विषैले रसायनों के रोज़ाना मिलने से समुद्री जैव-विविधता भी प्रभावित हो रही है।
इसे साफ करने के लिए विश्व का सबसे बड़ा 'ओशन क्लीनअप' अभियान लॉन्च किया जा रहा है। इस अभियान की शुरुआत करने वाले हैं डच नागरिक बोयान स्लाट।
पृथ्वी 71 फीसदी हिस्सा जल आवरण से ढंका हुआ है। पृथ्वी पर उपलब्ध पूरे जल का 96 फीसदी हिस्सा समुद्रों में पाया जाता है। वैसे तो यह पानी पीने योग्य नहीं होता लेकिन ये पानी काफी उपयोगी होता है। जीवन के विभिन्न रूपों को संजोकर रखने वाले निकाय हैं। सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण होने के कारण महासागर अत्यंत उपयोगी हैं। पिछले कुछ सालों से समुद्र में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ा है और यह हम सभी के लिए चिंता का विषय है। अरबों टन प्लास्टिक कचरा प्रतिवर्ष महासागरों में जमा हो जाता है। विषैले रसायनों के रोज़ाना मिलने से समुद्री जैव-विविधता भी प्रभावित हो रही है।
इसे साफ करने के लिए विश्व का सबसे बड़ा 'ओशन क्लीनअप' अभियान लॉन्च किया जा रहा है। इस अभियान की शुरुआत करने वाले हैंडच नागरिक बोयान स्लाट। वे जब सिर्फ 18 साल के थे तभी उन्होंने इस संस्था की शुरुआत की थी। उनकी कहानी दिलचस्प है। बोयान बताते हैं कि 8 साल पहले वह जब 16 साल के थे तब उन्होंने समुद्र मार्ग से ग्रीस की यात्रा की थी। उन्होंने कहा, 'ग्रीस जाने के दौरान समुद्र में मुझे मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक नजर आ रहा था। इससे मुझे दुख पहुंचा। विगत 8 साल से मैं इस पर काम कर रहा हूं कि समुद्र से अधिक से अधिक प्लास्टिक कैसे निकाला जा सके।'
इस वक्त उनकी संस्था में 80 लोग स्वैच्छिक तौर पर काम कर रहे हैं। बोयन और उनकी टीम का कहना है कि समुद्र को प्रदूषण और प्लास्टिक मुक्त बनाकर इसे समुद्री जीवों के लिए सुरक्षित रखने के लिए हम ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ काम करना चाहते हैं। शनिवार को 2000 फुट के यू आकार वाले कलेक्शन सिस्टम को लॉन्च किया जाएगा। इसके जरिए कैलिफॉर्निया से हवाई तक के समुद्र क्षेत्र 600,000 में से कचड़े को निकालकर पानी को साफ करना है। बोयान की टीम का लक्ष्य है कि हर साल समुद्र से 50 टन के करीब कचड़ा निकाला जा सके। साथ ही प्लास्टिक और समुद्र से निकाले गए कचड़े को रीसाइकल करने की भी योजना है।
कैसे होता है समुद्र में प्रदूषण
समुद्र में प्रदूषण के कई कारण होते हैं। सबसे ज्यादा प्लास्टिक और रसायन से समुद्र को हानि पहुंचती है। समुद्र के जल के प्रदूषित होने का सबसे बड़ा कारण है प्रदूषित नदियों के जल का समुद्र में मिलना। खेतों से नदियों और फिर समुद्र में पहुंचने वाले पानी में यूरिया घुल जाने से अमोनिया का स्तर बढ़ जाता है और इससे फिर पानी में आक्सिजन की कमी हो जाती है। आक्सीजन की कमी से समुद्र में रहने वाले जीवों की श्वसन प्रक्रिया बाधित होती है, जिससे उनकी मौत हो जाती है।
इसके अलावा अनुपयोगी प्लास्टिक का बढ़ता ढेर भी समुद्र में बहा दिया जाता है। कई बार दुर्घटना के कारण जहाजों का ईंधन समुद्र में फैल जाता है। यह तेल दूर-दूर तक समुद्र में फैल जाता है और समुद्र के पानी पर एक परत बना देता है। इसके कारण पानी में रहने वाले अनगिनत जीव-जंतु मर जाते हैं।
अगर हमें समुद्र को बचाना है तो सबसे पहले प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह पाबंदी लगनी चाहिये। इसके अलावा समुद्री जीवन को हानि पहुंचाकर निर्मित की गई वस्तुओं का बहिष्कार कर उनके निर्माण को हतोत्साहित किया जाना चाहिये। यह काम किसी एक व्यक्ति से नहीं हो सकता इसके लिए पूरी दुनिया के लोगों को आगे आना होगा।
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