Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

पूरी दुनिया में 75 फीसदी महिला पत्रकार ऑनलाइन हिंसा और 18 फीसदी यौन हिंसा की शिकार

यूनेस्‍को (Unesco) की रिपोर्ट में दुनिया के 15 देशों की महिला पत्रकारों का सर्वे किया गया है.

पूरी दुनिया में 75 फीसदी महिला पत्रकार ऑनलाइन हिंसा और 18 फीसदी यौन हिंसा की शिकार

Wednesday November 09, 2022 , 4 min Read

पूरी दुनिया में 75 फीसदी महिला पत्रकारों को ऑनलाइन अब्‍यूज और हिंसा का सामना करना पड़ता है. 18 फीसदी महिला पत्रकार सेक्‍सुअल वॉयलेंस यानी यौन हिंसा का शिकार होती हैं. यह कहना है यूनेस्‍को (Unesco) की एक नई रिपोर्ट का, जिसमें 15 देशों की महिला पत्रकारों का सर्वे किया गया है.

इस सर्वे में शामिल 25 फीसदी महिलाओं ने कहा कि उन्‍हें ऑनलाइन शारीरिक हिंसा से लेकर जान से मारने तक की धमकियां मिली हैं.  

 

यूनेस्‍को के द्वारा कमीशन की गई इस रिपोर्ट के लिए सर्वे और रिसर्च का काम किया है इंटरनेशनल सेंटर फॉर जर्नलिस्‍ट (International Center for Journalists) यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्‍ड (University of Sheffield) के रिसर्चर्स ने. तीन साल तक चली इस रिसर्च में कुल 15 देशों की 1000 महिला पत्रकारों का सर्वे किया गया है.

सर्वे में शामिल 48 फीसदी महिलाओं ने कहा कि उन्‍हें ऑनलाइन और सोशल मीडिया पर अवांछित भद्दी टिप्‍पणियों, कमेंट और तस्‍वीरें भेजी गई हैं. 13 फीसदी महिलाओं का कहना था कि उन्‍हें ऑनलाइन उनसे जुड़े प्रियजनों और उनके बच्‍चों को मारने और क्षति पहुंचाने की धमकियां मिली हैं. 18 फीसदी महिलाओं ने कहा कि उन्‍हें रेप और यौन हिंसा की धमकियां दी गई हैं.

15 फीसदी औरतों ने कहा कि ऑनलाइन उनकी तस्‍वीरों को एडिट करके गलत और अश्‍लील तरीके से पेश किया गया. उनके सोशल मीडिया पेज से उनकी तस्‍वीरें, वीडियो चुराकर और उसे मॉर्फ करके अभद्र और अश्‍लील कमेंट के साथ सोशल मीडिया पर फैलाया गया और ब्‍लैकमेल करने की कोशिश की गई. उनकी तस्‍वीरों को बिना अनुमति शेयर और इस्‍तेमाल किया गया.

कुल मिलाकर 75 फीसदी महिलाओं ने यह माना कि उन्‍हें किसी न किसी रूप में ऑनलाइन स्‍पेस में हिंसा, अभद्रता, अश्‍लीलता और अशोभनीय व्‍यवहार का सामना करना पड़ा है.

जैसेकि द गार्डियन की एक पत्रकार कैरोल कैडवालाडर को दिसंबर, 2019 से लेकर जनवरी, 2021 के बीच 10,400 बार ऑनलाइन अब्‍यूज और हिंसा का सामना करना पड़ा था. कैरोल उन पत्रकारों में से एक हैं, जिन्होंने फेसबुक-कैम्ब्रिज एनालिटिका डेटा घोटाले का पर्दाफाश किया था.

इस रिपोर्ट में सोशल मीडिया कंपनियों को भी अपने एल्‍गोरिद्म को बदलने, इस स्‍पेस को महिलाओं के लिए और सुरक्षित बनाने और इस स्‍पेस में महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार की हिंसा और अभद्रता करने वाले लोगों को दंडित करने की बात कही गई है.

ग्‍लोबल इंप्‍यूनिटी इंडेक्‍स (The Global Impunity Index) की 2021 की एक रिपोर्ट है, जिसमें दुनिया के उन 12 देशों का जिक्र है, जहां बड़े पैमाने पर पत्रकारों की हत्‍या हुई. इस रिपोर्ट के मुताबिक उन हत्‍याओं में से 81 फीसदी हत्‍याओं के केस में किसी का अपराध तय नहीं हुआ और किसी को सजा नहीं मिली. भारत उन 12 देशों में से एक है.  

क्‍या कहती हैं अन्‍य रिपोर्ट्स

ऑनलाइन स्‍पेस में महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा और मिसोजिनी की एक बानगी यूनिवर्सिटी ऑफ मिसूरी-कोलंबिया की रिपोर्ट से मिलती है. इस रिपोर्ट में 40,000 से ज्यादा ऑनलाइन ब्लॉग्स का अध्ययन किया गया है. रिपोर्ट कहती है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के लिखे ब्लॉग्स और आर्टिकल की ज्यादा तीखी आलोचना होती है. यह आलोचना सिर्फ उनकी लिखी बातों की नहीं होती. टिप्‍पणियों में बड़ी संख्या सेक्सुअली वॉयलेंट टिप्पणियों की भी है.

यूनेस्को ने 2018 में ऑनलाइन अब्यूज पर अपनी एक रिपोर्ट में इस तथ्य को शामिल किया कि महिलाओं की बायलाइन वाले लेखों पर तीखी और अभद्र आलोचना का अनुपात पुरुषों के लिखे लेखों के मुकाबले 56 फीसदी ज्यादा है.

प्लान इंटरनेशनल की साल 2020 की रिपोर्ट कहती है कि पूरी दुनिया में 60 फीसदी लड़कियां और महिलाएं ऑनलाइन अब्यूज का शिकार होती हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में हर पांचवी लड़की पुरुषों की गालियों, अश्लील टिप्पणियों और अभद्र व्यवहार की वजह से सोशल मीडिया से दूरी बना लेती है.


Edited by Manisha Pandey