ऑनलाइन शॉपिंग में अब घंटों न लगाएं, 'Hoppingo.com' पर तुरंत मनपसंद चीज़ पाएं
ऑनलाइन शॉपिंग का चलन जिस क़दर बढ़ रहा है उसने उपभोक्ताओं के लिए चीज़ें कम कीमतों पर मुहैया कराना शुरू किया तो है पर इससे एक दिक्कत भी पैदा हुई है। दिक्कत मनपसंद सामान के लिए घंटों वेबसाइट्स की खाक छानना। अपनी ऊर्जा का क्षरण करना। वजह है शॉपिंग के लिए कई वेबसाइट। उपभोक्ता हर वेबसाइट पर घंटों समय गुजारता है और तब जाकर कहीं उसे कुछ मिल पाता है जो दाम में हिट हो और मन माफ़िक फिट हो। असल में होता ये है कि जब उपभोक्ता ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए बैठता है तो उसके मन में सहज एक सवाल तैरता रहता है यही सामान फ्लिपकार्ट, स्नैपडील और अमेजॉन या अन्य वेबसाइट कितने में हासिल किया जा सकता है। ज़ाहिर है ऐसे में बेहतर प्रोडक्ट सही दाम में चुनना कस्टमर के लिए चुनौती है। उपभोक्ताओं की इसी समस्या का समाधान ढूंढा है भारत की पहली क्यूरेटेड ई-कॉमर्स साइट Hoppingo.com ने।
Hoppingo.com आपकी ऑनलाइन खरीदारी को आसान बना देता है क्योंकि यहां आपको हर कैटेगरी के बेहतरीन प्रोडक्ट आसानी से मिल जाते हैं। Hoppingo.com के बारे में हमने बात की कंपनी के फाउंडर स्वाति गाबा,भास्कर विश्वानाधाम, राहुल बुधराजा और मयूर सेठी से।
Hoppingo क्या है और ये किस तरह से काम करता है?
देखिए लोग ऑनलाइन शॉपिंग क्यों करते हैं एक बेहतरीन प्रोडक्ट खरीदने के लिए और Hoppingo ने शॉपर्स की जरूरत को समझा है। हम सभी कैटेगरी और स्टोर्स से खूबसूरत प्रोडक्ट्स को क्यूरेट करते हैं। Hoppingo पर भी कस्टमर सीधे ई-कॉमर्स साइट से ही सामान खरीदता है लेकिन हम कई बार ट्रेडिशनल सर्च के तरीकों से यूनिक डिजाइन और शानदार प्रोडक्ट नहीं मिल पाते ऐसे में हम प्रोडक्ट सर्च की प्रोसेस को आसान बना देते हैं। यानि एक ही छत के नीचे आप सभी ई-स्टोर्स से खरीदारी कर सकते हैं।
Hoppingo को बनाने का ख्याल किस तरह से आया? इससे पहले आप लोग क्या करते थे?
देखिए स्वाति को ऑनलाइन शॉपिंग करना बेहद पसंद है और वो अक्सर घंटों ऑनलाइन साइट्स पर बिताने के बाद भी उन्हें कुछ कमी खटकती थी। स्वाति को हमेशा लगता था कि जैसे Zomato.com पर जाकर आप रेस्टोरेंट ढूंढ सकते हैं वैसे मनचाहा प्रोडक्ट या वेबसाइट ढूंढना कठिन है। ट्रेडिशनल सर्च कई बार प्रोडक्ट बेचने वालों से भेदभाव करता है या फिर उसे मैनुपुलेट भी किया जा सकता है। यही वो दौर था जब अक्टूबर 2013 में स्वाति के दिमाग में एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाने का विचार कुलबुलाने लगा जहां शानदार प्रोडक्ट्स को आसानी से डिस्कवर किया जा सके। Hoppingo दरअसल लोगों की 'और दिखाओ' और सामान खरीदने से पहले कई दुकानों पर टटोलने की आदत को पूरा करता है। साथ ही स्वाति के मीडिया बैकग्राउंड के कारण सही कंटेंट पर भी फोकस रहता है।
स्वाति के विचारों को आइडिया से एक स्ट्रांग प्रोडक्ट तक लाने में मयूर ने बड़ी भूमिका निभाई है। कई ई-कॉमर्स वेबसाइट पर काम करने के बाद मयूर को ये पता था कि आने वाले वक्त में प्रोडक्ट डिस्कवरी सबसे बड़ा चैलेंज साबित होने वाला है। मयूर और स्वाति के मीडिया, टेक्नोलॉजी और मार्केटिंग के मिलेजुले अनुभव का परिणाम है Hoppingo.com
ये कितना बड़ा मार्केट है और आने वाले वक्त में क्या संभावनाएं है?
एसोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 तक भारतीय ई-कामर्स इंडस्ट्री 100 अरब डॉलर का आंकडा पार कर लेगी यानि अगले पांच सालों तक ये सेक्टर साल दर साल 35 प्रतिशत की दर से बढेगा। साथ ही कंज्यूमर की व्यस्तता लगातार बढती जाएगी और वो ई कॉमर्स साइट के बजाय ज्यादा तेजी से क्यूरेशन साइट की तरफ आएंगे।
टीम के बारे में बताएं, कैसे आप लोग जुड़े?
मयूर से मिलने से पहले स्वाति को-फाउंडर और टीम मेम्बर्स की तलाश में थी। उस समय मयूर अपनी डिजीटल एजेंसी MP09 Digital चला रहे थे। मयूर ने कई ई-कॉमर्स वेबसाइट पर काम किया और रैवेन्यू चैनल स्थापित करने में मदद की। जब स्वाति ने मयूर से Hoppingo के बारे में बात की तो दोनों ने साथ में इसे शुरू करने का फैसला कर लिया। मयूर ने इस प्रोडक्ट और बिजनेस के दूसरे पहलूओं पर काफी वक्त बिताया। टीम के अन्य सदस्यों में राहुल बुधराजा और भास्कर विश्वानाधाम शामिल है। राहुल सिंगापुर में नीलसन के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर रहे हैं वहीं भास्कर आईआईटीयन है और न्यूयॉर्क में एक फाइनेंशियल कंपनी के साथ 16 साल काम कर चुके हैं।साथ मौजूदा टीम में प्रोडक्ट क्यूरेटर्स, कंटेंट राइटर्स, सोशल मीडिया और मार्केटिंग मैनेजर्स, डिजाइनर्स, ऑपरेशन एक्जिक्यूटिव और प्रोग्रामर्स शामिल है। साथ ही इंडस्ट्री के कई मशहूर नाम मेंटर्स के तौर पर हमारे साथ जुड़े है। हालांकि अब भी हम ग्रोथ फेज़ में है और अच्छे टैलेंट की तलाश में है।
'भास्कर का कहना है कि Hoppingo एक सही वक्त पर लिया गया सही फैसला है क्योंकि हम तेजी से बढ़ते मार्केट में आज के व्यस्त कंज्यूमर को एक्सपर्ट क्यूरेटेड प्रोडक्ट, सही सूचना और लेटेस्ट ट्रेंड के बारे में जानकारी देने का काम करते हैं मैं Hoppingo की कोर टीम का हिस्सा बनकर बेहद खुश हूं।
अभी तक की आपकी यात्रा कैसी रही है, आपने क्या गलतियां की है और क्या सीखा है?
स्टार्टअप में हर दिन काफी एक्साइटिंग होता है और हमारी जर्नी भी एक रोलर-कॉस्टर राइड की तरह रही है। सराहना, आलोचना, सुझाव, अच्छी बातें : ये सब कुछ हमने देखा और अब ये जिंदगी का हिस्सा बन चुका है और हमने इसे सहजता के साथ स्वीकारा है। हमारी सबसे बड़ी सीख ये रही है कि एंड यूजर को हमारी सर्विसेज और पेशकश पसंद आनी चाहिए तो वो आपका ब्रांड एंबेसडर बन जाता है।
आने वाले महीनों में आपकी क्या योजनाएं है?
आने वाले महीनों के लिए हम काफी एक्साइटेड है। हमने अपने मौजूदा ग्राहकों का क्यूरेटेड प्रोडक्ट और कंटेंट के जरिए भरोसा जीता है और वो हमारे प्लेटफार्म पर वापिस आते हैं। हमारा इरादा ज्यादा लोगों तक पहुंचने का है और हम आॅनलाइन शॉपिंग के लिए एक सलाहकार, दोस्त और गाइड की भूमिका निभाना चाहते हैं। शॉपर्स हमेशा से सही सलाह या रिकमंडेशन की तलाश में होते हैं और हम इस रोल को सही तरीके से निभा रहे हैं। हमारा फोकस इनोवेशन और क्वालिटी सर्विस पर है। कई ई कॉमर्स कंपनियों के पास बड़े मार्केटिंग बजट नहीं है जिससे वो हमेशा यूजर के लिए संघर्ष करते रहते हैं ऐसे में हम ऐसी कंपनियों के लिए फायदेमंद प्लेटफॉर्म साबित हो सकते हैं।
एक उद्यमी के तौर पर आपको क्या प्रेरित करता है? साथ ही अभी सामने क्या लक्ष्य है जिसे आप हासिल करना चाहते हैं?
जब स्वाति ने पहली बार Pintrest.com यूज किया तो उन्हें काफी पसंद आया। Pintrest पर उन्हें हर दिन कुछ शानदार मिलता था और स्वाति Hoppingo को भी ऐसा प्लेटफॉर्म बनाना चाहती थी जहां हर रोज लोग कहे Wow जब लोग हमें कहते हैं कि 'ये प्रोडक्ट बेहतरीन है और मैं इसे कहां से खरीद सकता हूं' तो हमें काफी खुशी होती है कि हमने एक बढ़िया प्रोडक्ट ढूंढने में उनकी मदद की। इससे हमें काफी सुकून मिलता है।
मयूर बात को आगे बढ़ाते हुए कहते हैकि 'हमारा पूरा जोर कंज्यूमर के लिए अच्छा अनुभव बनाना होता है और हम कई ऐसी साइट्स को हाइलाइट करते हैं जो यूनिक प्रोडक्ट बेचती है लेकिन ज्यादा मशहूर नहीं है। कई ई स्टोर्स है ऑनलाइन मार्केट प्लेस पर सामान बेचते हैं लेकिन अपनी पहचान नहीं बना पाए हैं।'
स्वाति इस कॉन्सेप्ट को और क्लेरीफाई करते हुए कहती हैं कि ' हम बड़े और स्थापित मार्केट प्लेस का विकल्प नहीं है बल्कि हम आॅनलाइन शॉपिंग साइट्स के लिए मार्केटिंग प्लेटफॉर्म है और हम बड़े मार्केटप्लेसेस के लिए भी उपयोगी साबित होंगे।
आपकी ग्रोथ रेट क्या रही है अब तक?
नए ग्राहकों के संदर्भ में हमने जनवरी से अगस्त तक 500 प्रतिशत की ऑर्गेनिक ग्रोथ देखी है और ये पॉजीटिव वर्ड ऑफ माउथ नतीजा है। हालांकि अब तक हमने मार्केटिंग पर निवेश नहीं किया है साथ ही हर महीने की अलग से प्रगति बताना संभव नहीं है क्योंकि इंडस्ट्री तेजी से बदल रही है।
आपका अब तक का रैवेन्यू कितना रहा है?
हमारा ध्यान अभी रैवेन्यू पर नहीं है। टीम का पूरा फोकस एक शानदार प्रोडक्ट बनाकर लोगों के ऑनलाइन शॉपिंग के तरीके को बदलने पर है। हमारा बिजनेस मॉडल बेहद मजबूत है और हमें भरोसा है कि हमारी उम्मीद से पहले ही हम रिटर्न आने शुरू हो जाएंगे।
आपने अभी तक कितना फंड जुटाया है या अभी खुद की ही पूंजी से काम कर रहे हैं?
हमने एंजल इंवेस्टर्स से फंड जुटाया है और बड़े इंवेस्टर्स तक हम लोग पहुंच रहे हैं।
क्या आप अपने क्लाइंट्स के बारे बता पाएंगे? खासकर नंबर बता पाएं?
हमें रोजाना ई कॉमर्स साइट्स से फोन आते हैं और उन्हें लगता है कि हम अच्छा काम कर रहे हैं और काफी वैल्यू एड कर सकते हैं। अभी तक का रिस्पांस जबरदस्त रहा है।
कॉम्पीटिशन के बारे में क्या कहेंगे?
बाजार में कॉम्पीटिशन होना हमेशा ही अच्छा होता है। इससे आपको इनोवेट करने की और लगातार आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। हम इसे कॉम्लीमेंट मानते हैं और ये एक तरह से हमारे बिजनेस मॉडल पर मुहर है जहां हम मानते हैं कि ऑनलाइन शॉपिंग तेजी से बदल रही है। पश्चिमी देशों में ये मॉडल काफी लोकप्रिय है और कई बड़े प्लेटफॉर्म से आप हमारी तुलना कर सकते हैं। हालांकि भारत का मार्केट काफी अलग है और मौजूदा वक्त में कोई घोषित मार्केट लीडर नहीं है। Hoppingo एक बेहद अलग कॉन्सेप्ट है और हमारी प्रतियोगी कंपनियों से हम आगे है।
आपका लॉन्ग टर्म विजन क्या है?
हमारा लक्ष्य निश्चित रुप से इस कैटेगरी में मार्केट लीडर बनना है। हम चाहते हैं कि लोग Hoppingo को ऑनलाइन साइट्स और शानदार प्रोडक्ट डिस्कवर करने वाले प्लेटफॉर्म के तौर पर देखें।
राहुल का कहना है कि 'भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता ई कॉमर्स मार्केट है। हजारों साइट अभी चल रही है और आने वाले वक्त में हजारों वेबसाइट लॉन्च होगी। Hoppingo इस तेजी से बढ़ते मार्केट की एक बड़ी मुश्किल को सॉल्व करने की कोशिश कर रही है। हम वेबसाइट और प्रोडक्ट की भीड़ में से अच्छे और ट्रेंडी प्रोडक्ट चुनने में मदद करेंगे, ये एक तरह से बूटिक शॉपिंग एक्सपीरियंस की तरह होगा। साथ ही हम मनोरंजक और सूचनाप्रद कंटेंट बनाएंगे जिसे कंपनियां अपने टारगेट ग्रुप तक पहुंचने के लिए इस्तेमाल कर सकती है।