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एडवर्टाइजमेंट हों तो Fevicol और Fevikwik जैसे हों वर्ना न हों...

फेविकोल की पेरेंट कंपनी Pidilite Industries Limited ने टीवी पर विज्ञापनों की शुरुआत 1997 से की थी.

एडवर्टाइजमेंट हों तो Fevicol और Fevikwik जैसे हों वर्ना न हों...

Saturday July 30, 2022 , 7 min Read

अमिताभ बच्चन की 'शराबी' फिल्म का एक डायलॉग है, ‘मूंछें हों तो नत्थूलाल जी जैसी हों, वर्ना न हों.’ वजह...फिल्म में अमिताभ बच्चन का कैरेक्टर नत्थूलाल कैरेक्टर की मूंछों का फैन होता है. ऐसा ही कुछ सीन हमारा और फेविकोल (Fevicol) के विज्ञापनों का भी है. जब से होश संभाला है, टीवी पर कई ब्रांड्स के विज्ञापन देखते आ रहे हैं. उनमें से कई बहुत पसंद आए लेकिन जब सबसे ज्यादा क्रिएटिव विज्ञापनों का खिताब देने की बारी आई तो बाजी फेविकोल ने मारी. वजह... फेविकोल के कोई एक या दो विज्ञापन नहीं बल्कि लगभग सारे ही विज्ञापन मजेदार और दिलचस्प हैं.

फेविकोल की पेरेंट कंपनी Pidilite Industries Limited ने टीवी पर विज्ञापनों की शुरुआत 1997 से की थी. बचपन से अब तक देखे हुए फेविकोल के विज्ञापनों को याद करूं तो हर विज्ञापन चेहरे पर मुस्कान छोड़ जाता है. फिल्म या सीरियल के ब्रेक में फेविकोल का विज्ञापन आकर आपको गुदगुदाकर या कुछ मामलों में लोटपोट करके चला जाता था. आइए जरा फेविकोल के उन कुछ विज्ञापनों के फ्लैशबैक में चलते हैं, जो हमारे फेवरेट हैं...

दम लगा के हइशा और चूना-चूना एड्स

फेविकोल के शुरुआती विज्ञापनों में फिल्म डायरेक्टर राजकुमार हीरानी थे. सबसे पहला विज्ञापन ‘दम लगा कि हइशा’ था. इस विज्ञापन में कुछ पहलवान और हाथी मिलकर, फेविकोल से चिपकाए गए लकड़ी के दो टुकड़ों को अलग-अलग करने की कोशिश करते दिखाए जाते हैं. कुछ वक्त बाद दम लगा के हइशा का एक और वर्जन आया था, जिसमें एक नेता, कुर्सी पर बैठा है और दो तरफ से कुर्सी की खींचतान हो रही है. कुर्सी के नीचे फेविकोल है और नेताजी बेफिक्र से बैठे हुए हैं. कुर्सी किसी की नहीं हो पाती है.

एक विज्ञापन चूना-चूना करके भी था. यह अक्सर दिवाली के आसपास टीवी पर दिखाया जाना शुरू होता था क्योंकि घरों में रंग रोगन अक्सर दिवाली पर ही होता है. विज्ञापन में दिखाया जाता है कि कैसे घर की रंगाई में काम आने वाले चूने/सफेदी में फेविकोल मिला देने से चूना झड़ने से बचा रहता है और आपके कपड़े और आपका शरीर गंदे होने से.

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राजस्थान का नन्हा सा छोरा और उसकी मां...

फेविकोल का यह विज्ञापन एक बच्चे के नटखटपन और उसे रोकने के उसकी मां के अनोखे सॉल्युशन की वजह से खास है. राजस्थान की पृष्ठभूमि पर बेस्ड इस विज्ञापन में दिखाया गया था कि एक मां चूल्हे पर खाना पका रही है और उसका छोटा चल सकने वाला बच्चा बार-बार उठ कर भाग जाता है. मां बार-बार बच्चे को लाकर अपने पास बिठाती है लेकिन बच्चा फिर चला जाता है. आखिर में मां, बच्चे को एक लुढ़के हुए प्लास्टिक के डिब्बे पर बिठा देती है. उसके बाद बच्चा नहीं उठता. वह खाली डिब्बा मजबूत जोड़ वाले फेविकोल का होता है.

क्लासिक ‘पकड़े रहना, छोड़ना नहीं’ एड

कुछ कारपेंटर एक फिल्म देखते हुए अपना काम कर रहे हैं. फिल्म में एक पुल से हीरो और हीरोइन लटक रहे हैं. हीरोइन पुल पकड़कर लटकी है और हीरो, उसके हाथ से..दोनों के बीच में डायलॉग चल रहा है ‘पकड़े रहना छोड़ना नहीं, पकड़े रहना छोड़ना नहीं..’ काफी देर तक फिल्म में यही डायलॉग चलता है तो एक कारपेंटर फ्रस्टेट होकर चला जाता है और साथ में ले जाता है, टीवी पर रखा फेविकोल..बस फिर क्या था, हाथ छूट जाता है और हीरो गिर जाता है. अरे, अरे..अभी मजेदार हिस्सा तो बाकी है और वह यह कि एक और टीवी पर भी वही फिल्म चल रही होती है, जिस पर फेविकोल अभी भी रखा हुआ है. उसकी वजह से हीरो-हीरोइन उस टीवी में अभी भी लटके हुए हैं और डायलॉग चल रहा है ‘पकड़े रहना, छोड़ना नहीं...’

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द आइकॉनिक ‘बस एड’

ग्रामीण क्षेत्र में एक बस धूल उड़ाती हुई जा रही है. बस के अंदर तो लोग भरे ही हैं, साथ ही बस की छत पर, पीछे के हिस्से पर, खिड़कियों पर, आगे के हिस्से पर, हैडलैंप वाले हिस्से पर भी अंधाधुुंध लोग सवार हैं. कच्चे रास्ते पर बस हिचकोले खाती हुई जा रही है और सभी लोग बस झटके खा रहे हैं, कोई भी नहीं गिर रहा है. वजह...बस के पिछले हिस्से पर फेविकोल का विज्ञापन है.

एलियन वाला विज्ञापन

एलियन आकर पृथ्वीवासियों को अपने साथ ले जाना चाहते हैं. वे पृथ्वी से पानी सोखने लगते हैं और देखते ही देखते पृथ्वीवासी हवा में उठने लगते हैं. तभी एक आदमी के हाथ से हवा में उड़ते-उड़ते फेविकोल का डिब्बा खुल जाता है और फेविकोल कुएं में गिरने लगता है. इसके बाद पानी और आदमी तो वापस धरती पर आ ही जाते हैं, बल्कि फेविकोल की वजह से एलियन भी धरती से नहीं जा पाते हैं. कुछ सालों बाद इन्सान उनसे खेत में काम करा रहे होते हैं.

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वन ऑफ माई फेवरेट ‘मूंछ वाला एड’

यह विज्ञापन पिडिलाइट के परिचालन के 50 वर्ष पूरे होने पर आया था. एक बच्ची अपने स्कूल के ड्रामा के लिए फेविकोल लगी हुई मूंछ चेहरे पर लगा लेती है. वह मूंछ ऐसी चिपकती है कि बच्ची का बचपन, जवानी, शादी, बच्चे, बुढ़ापा...यानी पूरी जिंदगी मूंछ उसके चेहरे पर रहती है. इतना ही नहीं मरने के बाद जब वह दोबारा जन्म लेती है तो भी मूंछ उसके चेहरे पर होती है. वाह रे फेविकोल का मजबूत जोड़...

सोफा एड

फेविकोल के 60 साल पूरे होने पर आया सोफा एड भी ब्रांड के अब तक के बेहतरीन एड्स में से एक है. फेविकोल के मजबूत जोड़ से चिपका लकड़ी का एक सोफा, शादी के बाद एक लड़की के साथ उसके ससुराल जाता है और फिर न जाने कितनी पीढ़ियों तक, शादियों में दूसरे कितने ही घरों में जाता रहता है. वर्षों गुजर जाते हैं लेकिन फेविकोल के जोड़ से बने सोफे को कुछ नहीं होता. हमारा तो यह विज्ञापन और इसमें इस्तेमाल हुआ गाना इतना फेवरेट है कि जब वह आया था, तब ही न जाने कितनी बार देख लिया था. कई लोगों को शेयर भी किया था कि देखो फेविकोल के विज्ञापन आज भी कितने क्रिएटिव हैं. 60 साल पूरे होने पर क्या एड बनाया है.

Fevikwik के एड

फेवीक्विक चुटकी में चिपकाए...बचपन में सुना था कि फेवीक्विक अगर एक बार चिपक गया तो चिपक गया. इसलिए हाथ में सावधानी से लेना है. इस डर को पैदा करने में फेवीक्विक के एक विज्ञापन का भी योगदान था. विज्ञापन में एक ऐसा बॉस था, जो चुटकी बजा-बजा कर अपनी असिस्टेंट को हर काम क्विकली करने को कहता रहता है. परेशान होकर असिस्टेंट बॉस की अंगुली में फेवीक्विक की एक बूंद लगा देती है और फिर अंगूठा और अंगुली आपस में चिपक जाते हैं. विज्ञापन रेणुका शहाणे और सतीश शाह पर फिल्माया गया था. इस विज्ञापन को देखकर हमने तो फेवीक्विक से दूरी ही बना ली थी, कहीं हमारा हाथ चिपक गया तो...

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Fevikwik का कबाड़े वाली एड

फेवीक्विक का 2019 में ‘फेंको नहीं, जोड़ो’ विज्ञापन आया था. इसके एक वर्जन में एक बुजुर्ग कबाड़े वाली अचानक से हाईफाई हो जाती है. एक घर की टीनएजर लड़की, अपनी जिन टूटी-फूटी चीजों को कबाड़ समझकर फेंक देती थी, कबाड़े वाली उन्हें जोड़कर अपने पहनने और यूज के लायक बना लेती है. यह देखकर हैरानी और अफसोस में लड़की के हाथ से नया मोबाइल फोन गिरकर टूट जाता है और कबाड़े वाली की लॉटरी लग जाती है. इस विज्ञापन की जान कबाड़े वाली बनी क्यूट लुक्स वाली बुजुर्ग महिला है. फोन टूटने पर लड़की ‘ओ नो’ और कबाड़े वाली ‘ओ यस’ बोलती है, बस वह ओ यस दिल जीत लेता है.

क्या बनाता है खास

फेविकोल के विज्ञापनों को फनी स्टोरीलाइन, डायलॉग्स के साथ-साथ बैकग्राउंड स्कोर भी दिलचस्प बनाता है. फेविकोल का एक ट्रेन वाला एड भी आया था, जिसमें एक नवविवाहित दूल्हा कैटरीना कैफ के पीछे सपने में भी नहीं भाग पाता क्योंकि वह फेविकोल के कार्टन से चिपककर सो रहा होता है.