लोगों ने कहा बेवकूफ़ तो नाम रख लिया – बंच ऑफ फूल्स
छतीसगढ़ की राजधानी रायपुर में साप्ताहिक छुट्टी के दिनों में अगर किसी स्थान की नाली साफ़ करते या चौक चौराहे पर रंग रोगन करते कुछ युवा दिख जाएं तो समझिए के ये बंच ऑफ फूल्स हैं।
2 अक्टूबर 2014 को, मोदी के स्वच्छ भारत अभियान ने रायपुर के आठ युवा दोस्तों को इतना प्रभावित किया कि इन लोगों ने अपनी छुट्टियां शहर को साफ़ करने में बिताने के लिए बाकायदा एक ग्रुप बना लिया. इनका मानना है कि पढ़े लिखे बेवकूफ ही ज़्यादा गंदगी फैलाते हैं और सफ़ाई करने वालों को बेवकूफ़ कहकर मज़ाक उड़ाते हैं। इसलिए ग्रुप का नाम रखा 'बंच ऑफ फूल्स‘।
बंच ऑफ फूल्स के युवा सदस्यों की टोली पहले शहर के गंदे स्थानों का चयन करती है और फिर इसे साफ़ करने की बाकायदा योजना बनाकर काम शुरू किया जाता है. रविवार या अन्य छुट्टियों के दिन सुबह छ: बजे से ग्रुप के लोग पूर्वनिश्चित स्थान पर सफ़ाई के लिए पहुँच जाते हैं। अब इस समूह के साथ बड़ी संख्या में बुज़ुर्ग और महिलाएं भी जुड़ गए हैं।
बड़ी बात यह है कि किसी भी स्थान को साफ़ करने के बाद ये लोग उसी जगह पर नुक्कड़ नाटक या जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को उनकी गलती का अहसास कराने के साथ उन्हें इसे अच्छा बनाए रखने के लिए प्रेरित भी करते हैं. जिस स्थान पर काम किया गया था उसकी तारीख़ नोट करके रखी जाती है और नियमित रूप से बंच ऑफ फूल्स उस स्थान पर निगाह रखते हैं। जो लोग पहले इन्हें बेवकूफ़ कहकर हँसते थे, उनमें से काफी लोग अब इनकी टोली में नज़र आते हैं. बंच ऑफ फूल्स आज भी किसी से आर्थिक सहायता स्वीकार नहीं करते, हां अगर लोग साथ मिलकर श्रमदान करना चाहें,तो उनका स्वागत है. अब इस ग्रुप में डॉक्टर, वकील, सी.ए., व्यापारी सभी तरह के लोग शामिल हैं।
बंच ऑफ फूल्स को क्लीन इंडिया कैम्पेन के तहत 2015 में मुम्बई में स्वच्छता सेनानी का एवार्ड मिल चुका है. इनके कामों को सराहने वालों में ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हैं। जब बंच ऑफ फूल्स ने रायपुर शहर में चौक चौराहों पर लगी महापुरुषों की प्रतिमाओं को धोकर चमकाना और प्रतिमाओं के आसपास के क्षेत्र को साफ़ रखने की शुरुआत की और ट्विटर पर इसे पोस्ट किया तो स्वयं प्रधानमंत्री ने इनके इस ट्वीट को री ट्वीट किया. इसके बाद छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने भी इन्हें इनके मिलने बुलाया और अभियान के लिए हर संभव सहायता देने की पेशकश की. उन्होंने ही इस समूह की वेबसाईट को लॉन्च किया।
पिछले लगभग 65 हफ़्तों में इन लोगों ने 75 स्थानों को चमका दिया है और धीरे धीरे ये मुहिम तेज़ हो रही है. इलाके की सफ़ाई के बाद उस स्थान को स्पोर्ट्स या पार्किंग जैसी एक्टीविटी के लिए उपयोग किया जाता है,जिससे वहां दोबारा गंदगी होने की आशंका कम हो।
शहर में साफ़ सफ़ाई के साथ ही अब इन लोगों ने बेटी बचाओ, पानी बचाओ अभियान से भी अपने ग्रुप को जोड़ा है और छोटे छोटे दुकानदारों को डस्टबिन देने की शुरुआत की है।
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