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प्लास्टिक छोड़, समानवी के इस गन्ने की लुगदी से बने सामानों को आजमाओ

प्लास्टिक छोड़, समानवी के इस गन्ने की लुगदी से बने सामानों को आजमाओ

Wednesday September 13, 2017 , 6 min Read

प्लास्टिक हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गई है। एक पेन से लेकर किचन के नमक के डिब्बे तक और साबुनदानी से लेकर शुगर चेक करने वाली मशीन तक, प्लास्टिक हर जगह विद्यमान है। एक तरह से इस पर हमारा जीवन को पूरी तरह से निर्भर हो चुका है। सीढ़ी से कब्र तक हमारे दैनिक उपयोग में अधिकांश उत्पाद प्लास्टिक के साथ ही आते हैं।

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इस प्लास्टिक से भरी हुई दुनिया में बेंगलुरु से 31 वर्षीय समानवी भोगराज गन्ने की लुगदी से बने कटलरी के रूप में एक विकल्प दिखा रही हैं। समानवी बताती हैं कि मुझे कुछ ऐसा लगता है कि इस तरह का उत्पाद डिस्पोजेबल प्लास्टिक की जगह ले सकता है। 

समानवी कुछ ऐसी चीज बनाना चाहती थी जो समाज और पर्यावरण को काफी फायदा दे। 2011 में उन्होंने मकई-आधारित उत्पादों जैसे बिन लाइनर्स, वस्त्र उद्योग के लिए कवर, और कटलरी के साथ शुरू बिजनेस शुरू किया। और इन प्रोडक्ट का नाम रखा, अर्थवेयर। 

प्लास्टिक हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गई है। एक पेन से लेकर किचन के नमक के डिब्बे तक और साबुनदानी से लेकर शुगर चेक करने वाली मशीन तक, प्लास्टिक हर जगह विद्यमान है। एक तरह ले इस पर हमारे जीवन को पूरी तरह निर्भर कर दिया गया है। सीढ़ी से कब्र तक हमारे दैनिक उपयोग में अधिकांश उत्पादों प्लास्टिक के साथ आते हैं। इस प्लास्टिक से भरी हुई दुनिया में बेंगलुरु से 31 वर्षीय समानवी भोगराज गन्ने की लुगदी से बने कटलरी के रूप में एक विकल्प दिखा रही हैं। समानवी बताती हैं कि मुझे कुछ ऐसा लगता है कि डिस्पोजेबल प्लास्टिक की जगह ले सकता है। 

समानवी के घर में तीन पीढ़ी से लोग व्यवसाय कर रहे हैं। उनके दादाजी ने उनके फैमिली बिजनेस की शुरूआत की और 1963 में एक स्टील फोर्जिंग कंपनी का निर्माण किया और पिता ने उस कारोबार को आगे बढ़ाया। वो अपना बिजनेस बढ़िया बिजनेस जमाकर आसान जिंदगी बिताने में यकीन करते थे लेकिन समानवी कुछ ऐसी चीज बनाना चाहती थी जो समाज और पर्यावरण को काफी फायदा दे। 2011 में उन्होंने मकई-आधारित उत्पादों जैसे बिन लाइनर्स, वस्त्र उद्योग के लिए कवर, और कटलरी के साथ शुरू बिजनेस शुरू किया। और इन प्रोडक्ट का नाम रखा, अर्थवेयर। खाद्य उद्योग में डिस्पोजेबल टेबलवेयर की भारी मांग पर्यावरण प्रदूषण के लिए सबसे बड़ा योगदानकर्ता बन गई है। समानवी को यह एहसास हुआ कि उनका ये आइडिया और भी प्लास्टिक की चीजों की जगह पर इस्तेमाल किया जा सकता है। वो और एक विकल्प तलाशने लगी।

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गन्ने की लुगदी से सामान बनाने का प्रयोग-

व्यापक शोध के बाद उन्होंने एक और सॉलिड ख्याल आया। उन्होंने सोचा क्यों न जब गन्ने का बचा हुआ भाग इस्तेमाल किया जाए। गन्ने से रस निकालने के बाद फाइबर मिलाकर उससे चीजें गढ़ी जा सकती हैं। इस प्रकार विसफोर्टेक प्राइवेट लिमिटेड एक ऐसी कंपनी के रूप में अस्तित्व में आई जो संयंत्र फाइबर से बने सौ फीसदी जैव-संवर्धित और रिसाइकल होकर दोबारा इस्तेमाल में हो सकने वाले बर्तनों के सेट का उत्पादन करने लगी। अर्थवेयर एक ब्रांड है जिसपर पूरी तरह से विस्फोटेक का स्वामित्व है। बाजार में डिस्पोजेबल कटलरी की मांग को देखते हुए अर्थवेयर कंपनी का मुख्य व्यवसाय बन गया है। ये उत्पाद बगीस यानि कि गन्ने का रस निकल जाने के बाद बची हुई लुगदी से बने होते हैं, जो इसे उच्च तापमान पर मजबूती देते हैं। उत्पादों को डिजाइन करने के लिए कच्चा माल आदर्श रूप से एक कृषि अपशिष्ट है। अर्थवेयर प्लेट्स, कटोरे, ट्रे, और कंटेनरों जैसे टेबलवेयर बनाती है। कंपनी कॉफी कप और चश्मे भी लॉन्च आने की योजना बना रही है।

समानवी बताती हैं, शुरू में सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि लोगों को प्लास्टिक से आगे बढ़ने के लिए और इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता लाने के लिए सिखाना। अगली चुनौती मूल्य निर्धारण थी। बाजार में एक नया उत्पाद और खपत की कम मात्रा- होने के कारण प्लास्टिक की तुलना में लागत अधिक है, जो लोगों को इन उत्पादों पर जाने के लिए प्रेरित नहीं करती। हालांकि, इन उत्पादों की मांग में वृद्धि के कारण हम पिछले एक साल में कीमतों में काफी गिरावट ला पाए हैं। देश भर में कुछ राज्यों द्वारा अपनाने वाले डिस्पोजेबल प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के कदम ने आगे बढ़कर जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ अधिक पारिस्थितिकी-अनुकूल उत्पादों को आगे बढ़ाना है। आज कंपनी हर महीने लगभग 15 लाख कटलरी बनाती है और यह संयंत्र, फाइबर से बने उत्पादों के लिए दक्षिण भारत की पहली और एकमात्र विनिर्माण इकाई है।

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बड़ी दूर तक नजर है समानवी की-

अर्थवेयर अपने प्रोडक्ट की सप्लाई उन संगठनों, रेस्तरां और खरीदने वाली दूकानों को करता है जिनको नियमित आधार पर पैकेजिंग सामग्री की आवश्यकता होती है। प्रति माह 8-10 टन के बर्तन बेचे जाते हैं और अगले छह महीनों में ये पैमान बढ़कर 25 टन हो जाने की संभावना दिख रही है। समानवी भी महिलाओं के साथ काम करता है पैकेजिंग सामग्री जैसे बैग, बिन लाइनर और जूट, कागज और कपड़े से बने परिधान कवर का उत्पादन। उनकी टीम कर्नाटक में गांवों का दौरा करती है और उन महिलाओं को रोजगार देती है जो घर से काम करती हैं। बेंगलुरू टीम में 12 सदस्य हैं। समानवी बताती हैं, हमारी कंपनी महिला सशक्तिकरण में विश्वास करती है और हम ज्यादातर हमारे उत्पादों के निर्माण में महिलाओं के साथ काम करते हैं। हम बेंगलुरु के आसपास के गांवों में काम करते हैं, जैसे टुमकुर, नेलमंगला और मैसूर। और हम उन महिलाओं के साथ भी काम करते हैं जो घर पर उन्हें पूरा करके अपने उत्पाद भेजने में सहज होते हैं। मैं महिलाओं के सशक्तिकरण को जितना अधिक कर सकती हूं उतना अधिक प्रयास करने की कोशिश करती हूं जितना मुझे लगता है कि वे वास्तव में उनके परिवारों की रीढ़ हैं और वित्तीय स्थिरता उन्हें और अधिक चमकने में मदद करती है।

विसफोर्टेक शहरी बाजारों में काफी हद तक उपभोग के कपड़े, जूट और पेपर बैग के लिए ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के साथ काम करता है। अगले 2-3 वर्षों में इन उत्पादों की कुंजी है, जिसमें हम एक बड़े बाजार में प्लास्टिक से टिकाऊ विकल्पों तक पहुंचने में सक्षम होंगे। स हम एक टिकिंग टाइम बॉम्ब पर बैठे हैं। हमारे जीवन शैली और खपत के पैटर्न के बारे में हमें और अधिक जागरूक होना चाहिए ताकि कम से कम पर्यावरण को आज के दिन बनाए रखा जा सके।

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