Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

IIT स्टूडेंट्स ने बनाया ऐसा प्रॉडक्ट, गंदे टॉयलट से महिलाओं को नहीं होगी बीमारी

IIT स्टूडेंट्स ने बनाया ऐसा प्रॉडक्ट, गंदे टॉयलट से महिलाओं को नहीं होगी बीमारी

Tuesday October 02, 2018 , 4 min Read

 शहरी भारत में पब्लिक टॉयलट होने के बावजूद 71 फीसदी शौचालय इस्तेमाल के काबिल नहीं हैं। शौचालय की गंदगी का सबसे ज्यादा खामियाजा महिलाओं को भुगतना पड़ता है। खासकर उन महिलाओं को जिनका ज्यादा वक्त सफर में बीतता है।

हैरी और अर्चित

हैरी और अर्चित


स्नेफ एक ऐसा स्टार्टअप है जिसे आईआईटी दिल्ली के अर्चित अग्रवाल और हैरी सेहरावत ने मिलकर स्थापित किया है। दोनों छात्र टेक्सटाइल इंजीनियरिंग के थर्ड ईयर में पढ़ते हैं।

भारत में साफ-सफाई हमेशा से एक चिंता का विषय रहा है। वॉटरऐड की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 7.4 करोड़ लोगों के पास स्वच्छता की बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। वहीं शहरी भारत में पब्लिक टॉयलट होने के बावजूद 71 फीसदी शौचालय इस्तेमाल के काबिल नहीं हैं। शौचालय की गंदगी का सबसे ज्यादा खामियाजा महिलाओं को भुगतना पड़ता है। खासकर उन महिलाओं को जिनका ज्यादा वक्त सफर में बीतता है। एक आंकड़े के मुताबिक 62 प्रतिशत प्रेग्नेंट महिलाओं को मॉडर्न टॉयलट में बैठकर शौच या पेशाब करना तकलीफदेह होता है, वहीं 50 फीसदी महिलाएं यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से पीड़ित हैं। 40 फीसदी महिलाएं तो ऐसी हैं जो गंदे शौचालय की बजाय पेशाब को मजबूरन रोककर रखती हैं

सार्वजनिक शौचालयों में यूटीआई से बचाने के लिए आईआईटी दिल्ली द्वारा स्थापित SANFE (सैनिटेशन फॉर फीमेल) ने एक ऐसा प्रॉडक्ट तैयार किया है जिससे महिलाएं बिना किसी समस्या के शौचालय जा सकंगी। स्नेफ एक ऐसा स्टार्टअप है जिसे आईआईटी दिल्ली के अर्चित अग्रवाल और हैरी सेहरावत ने मिलकर स्थापित किया है। दोनों छात्र टेक्सटाइल इंजीनियरिंग के थर्ड ईयर में पढ़ते हैं।

खास बात यह है कि इस प्रॉडक्ट की कीमत सिर्फ 10 रुपये है और यह एम्स,अपोलो हॉस्पिटल की हर फार्मेसी में उपलब्ध है। दोनों ने इस प्रॉडक्ट को तैयार करने के बाद उसका पेटेंट भी करा लिया है। यह प्रॉडक्ट बायोडिग्रेडेबल है और आसानी से डिस्पोजेबल भी है। यानी इसका पर्यावरण पर किसी तरह का बुरा असर नहीं पड़ने वाला।

इस आइडिया की शुरुआथ तब हुई थी जब अर्चित अपने फर्स्ट ईयर में एक प्रॉजेक्ट पर काम कर रहे थे। यह प्रॉजेक्ट दिल्ली में सार्वजनिक शौचालयों से जुड़ा हुआ था। इस प्रॉजेक्ट के जरिए उन्हें अहसास हुआ कि सार्वजनिक शौचालयों में गंदे टॉयलट की वजह से महिलाओं को दिक्कत का सामना करना पड़ता है। उनके प्रॉजेक्ट को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा समर्थन प्राप्त है। WHO के मुताबिक हर महिला को जिंदगी में कम से कम एक बार तो यूटीआई से दो चार होना पड़ता है।

एक कार्यक्रम में बोलते अर्चित

एक कार्यक्रम में बोलते अर्चित


अर्चित ने बाद में अपने दोस्त हैरी को भी इस प्रॉजेक्ट में शामिल कर लिया जिसमें वे एक ऑटोमेटिक टॉयलेट क्लीनिंग मशीन पर काम कर रहे थे। बाद में दोनों ने मिलकर 'SANFE' की शुरुआत की। डीएनए से बात करते हुए हैरी ने कहा, 'हमने कई सारे पब्लिक टॉयलेट का दौरा किया और हर जगह हमें गंदगी मिली। ये टॉयलेट ऐसे थे जिन्हें इस्तेमाल के काबिल नहीं माना जा सकता। हमें ये भी मालूम हुआ कि यूटीआई के पीछे सबसे ज्यादा हाथ इन गंदे टॉयलटों का होता है।'

अर्चित बताते हैं, 'सर्वे करने के दौरान हमें मालूम चला कि सबसे ज्यादा प्रॉब्लम प्रेग्नेंट महिलाओं को होती है। इसी से मुझे आइडिया आया कि ऐसा प्रॉडक्ट बनाया जाए जिससे महिलाएं खड़े होकर पेशाब कर सकें। हमें कोई ऐसा तरीका खोजना था जिससे महिलाओं के प्राइवेट पार्ट्स गंदे शौचालय के संपर्क में न आएं। हमने शुरू में कुछ डिजाइन तैयार किए और उन्हें ट्रायल के लिए महिलाओं को दिया।'

हालांकि शुरू में उन्हें इन प्रॉडक्ट के महिलाओं द्वारा इस्तेमाल करने पर संशय था। महिलाओं को इस्तेमाल करने में कोई दुविधा न हो इसके लिए अर्चित और हैरी ने डिजाइन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर श्रीनिवासन वेंकटरमन से संपर्क किया। अर्चित कहते हैं कि यह प्रॉडक्ट इस्तेमाल में काफी आसान है और इस्तेमाल करने के बाद इसे आसानी से डिस्पोज भी किया जा सकता है। इस प्रॉडक्ट का ट्रायल करने के बाद सफलता मिली और इसका उत्पादन भी शुरू हो गया। अब उन्हें दिल्ली के अलावा बाकी कई शहरों से ऑर्डर मिल रहे हैं।

यह भी पढ़ें: 34 सरकारी स्कूलों में शौचालय से लेकर स्पोर्ट्स के कपड़ों तक, सबकुछ उपलब्ध करा रहा है ये शख्स