Bonitto.in पर आइये और आॅनलाइन खरीददारी के वक्त मोलभाव का आनंद लीजिये
पारंपरिक भारतीय परिधानों की वेबसाइट अपने उपभोक्ताओं को दे रही है दाम में सौदेबाजी की आजादीव्यापारिक घरानों से ताल्लुक रखने वाले दो मारवाड़ी मित्रों के दिमाग की उपज है यह वेबसाइटआने वाले दिनों में पारंपरिक भारतीय परिधानों के बाजार में तेजी आने की है संभावनाभारतीय उपभोक्ताओं की मोलभाव और सौदेबाजी करने की प्रवृति को संतुष्ट करती है यह वेबसाइट
आज की इस व्यस्त दिनचर्या में लोगों के पास खरीददारी करने के लिये आवश्यक समय की बेहद कमी है और और विशेषकर शहरों में रहने वाले युवा आजकल घर बैठे अपनी जरूरत की चीजों को खरीदने के लिये आॅनलाइन शाॅपिंग को चुन रहे हैं। हालांकि आॅनलाइन खरीददारी करना एक बिल्कुल अलग अनुभव है। इसमें आप घर बैठे अपनी पसंद के सामानों से संबंधित विभिन्न ब्रांडों को ब्राउज कर सकने के अलावा अपने पसंदीदा रंग और माप चुन सकते हैं, छूट प्राप्त कर सकते हैं और कई बार तो आप पसंद न आने की स्थिति में उत्पाद बदलने के अलावा उसकी कीमत भी वापस पाने के हकदार होते हैं। इसके साथ ही आप इस काम को आराम से कुर्सी पर बैठे हुए चाय के घूंट लेते हुए या कुछ खाते हुए भी कर सकते है। बस आपको सिर्फ इतनी सावधानी बरतनी होती है कि आप उत्पाद मंगाने के लिये अपना पता सही भरें। एक साथ इतनी सारी सुविधाएं मिलने के बाद भी हममें से अधिकतर इस सोच में रहते हैं कि क्या अब भी कुछ और बाकी है।
बहरहाल इतना होने के बाद भी घर से बाहर निकलकर बाजार जाकर खरीददारी करने का अनुभव ऐसा है जिससे अभी भी बहुत कुछ सीखना बाकी है। दो युवाओं, हार्दिक और रितेश ने ने सीधे भारतीय बाजारों और उपभोक्ताओं की कार्यप्रणाली से सीख लेते हुए Bonitto.in की नींव रखी और अपनी इस आॅनलाइन खरीददारी की वेबसाइट पर भारतीय बाजार की एक मुख्य विशेषता सौदेबाजी या मोलभाव करने को आॅनलाइन खरीद-बिक्री की दुनिया में लेकर आए।
हार्दिक और रितेश दोनों ही मारवाड़ी व्यापारिक घरानों से ताल्लुक रखते हैं और पांच वर्षों की जान-पहचान के बाद इन्होंने बाॅनिटो.इन शुरू करने का फैसला किया। स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद रितेश कपड़े के अपने पारिवारिक व्यवसाय का एक हिस्सा बन गए और हार्दिक लीड बिनजेस इंटेलिजेंस के साथ व्यापार विकास प्रबंधक (पश्चिम) के रूप में जुड़ गए। चार सालों तक इस काम को करने के बाद वे कुछ हफ्तों के लिये वे कपड़ों के व्यापार में शामिल अपनी पिता की एजेंसी का हिस्सा बने और उसके बाद बोनिटो.इन की शुरुआत की। कुछ समय तक अपने पारिवारिक व्यवसाय का हिस्सा बने रहने और वहां से मिलने वाले अनुभवों और लाभ के बावजूद इन दोनों युवा उद्यमियों को महसूस हुआ कि महत्वाकांक्षाएं कुद और हैं और वे जो कुछ कर रहे हैं उसमें वे अपना समय और ऊर्जा बर्बाद कर रहे हैं। उन दोनों के पिता जिस मुकाम पर थे वहां तक वे अपने दृढ़ संकल्प ओर कड़ी मेहनत के बल पर पहुंचे थे और वे स्वनिर्मित व्यक्ति थे। वे अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने की इच्छा रखने वाले दो युवा उद्यमियों के लिये प्रेरणा का स्त्रोत थे।
चाय और समोसे के साथ चली वार्ताओं के कुछ दौर के बाद कपड़ों का एक ई-बाजार शुरू करने का विचार इन दोनों के मन में आया। इन लोगों के पास संसाधानों के नाम पर पिछले चार वर्षों में बचत के नाम पर जोड़े गए कुछ पैसे, अपने लैपटाॅप और इस परियोजना को शुरू करने के लिये एक बेसमेंट था लेकिन इस जोड़ी ने सीमित संसाधनों के बावजूद इस काम को शुरू करने का फैसला किया।
बाॅनिटो.इन महिलाओं के लिये पारंपरिक भारतीय परिधानों को उपलब्ध करवाने वाला एक आॅनलाइन पोर्टल है। हालांकि इनसे पहले भी कई वेबसाइट इन पारंपरिक परिधानों को उपलब्ध करवा रही थीं लेकिन कई महत्वपूर्ण कारकों के चलते इनका व्यापार बेहद सीमित था। उपभोक्ताओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती इन परिधानों की गुणवत्ता को लेकर आती थी क्योंकि ये परिधान प्रमाणित नहीं होते थे। इसके अलावा सामने आने वाली दूसरी सबसे बड़ी दिक्कत यह होती थी कि किसी को भी यह नहीं पता होता था कि जिसे माप का कपड़ा खरीदा या बेचा जा रहा है वह पहनने वाले को फिट आएगा भी या नहीं।
बाॅनिटो.इन इस चुनौती को पार पाने के लिये इस क्षेत्र के नामचीन और बेहतरीन निर्माताओं के साथ हाथ मिलाने का इरादा रख्ता है। इसके अलावा ये लोग तैयार हुए हुए परिधानों को उपभाक्ताओं के पास तक भेजने से पहले उसकी जांच करने के लिये एक गुणवत्ता टीम भी तैयार कर रहे हैं जो यह सुनिश्चित करने का काम करेगी कि उपभोक्ता को किसी भी प्रकार से त्रुटीपूर्ण उत्पाद का सामना न करना पड़े। इसके अलावा ये जल्द ही बाॅनिटो.इन के उपभोक्ताओं के लिये एक नयी सेवा भी लेकर आ रही है जिसमें उपभोक्ता अपनी माप आॅनलाइन देकर इनके दर्जियों से अपनी पसंद के कपड़े सिलवाने में सफल होंगे। इसके अलावा उपभोक्ताओं को फिटिंग में ठीक न आने वाले परिधानों को इन्हें लौटाने की भी आजादी रहेगी। इसके अलावा बाॅनिटो का अपना ब्रांड उपभोक्ताओं को इनकी गुणवत्ता से भी रूबरू करवाने का काम करेगा।
भारत में महिलाओं के पारंपरिक परिधानों का बाजार बहुत तेजी के साथ बढ़ रहा है। फिलहाल यह 25 बिलियन अमेरीकी डाॅलर का व्यवसाय है और आने वाले दिनों के इसके 30 मिलियन से अधिक तक पहुंच जाने का अनुमान है। वर्तमान में आॅनलाइन घरेलू बाजार 3.2 बिलियन डाॅलर का है और इनका निर्यात करीब 2 बिलियन डालर का होने का अनुमान है। यह एक विशाल क्षमता वाला बाजार है और इसके रचनात्मकता और नवीनता सफलता की सबसे बड़ी कुंजी है।
इन्हें उपभोक्ताओं से लगातार सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही है और अब बाॅनिटो.इन विदेशों में भी अपने परिधान भेजने की संभावनाओं को तलाश रहे हैं। इसके अलावा वे अपने उपभोक्ताओं को ओर अधिक सुविधाएं देने की खातिर और भी कई नई सेवाओं को बाजार में लाने की तैयारी में हैं।
उत्साही नौजवानों की टीम इसके अलावा और भी बहुत कुछ नया कर रही है और अब ये अपने आॅनलाइन शाॅपिंग के मंच को और आगे ले गए हैं। ‘‘हम भारतीयों को मोल-भाव करना पसंद होता है। चाहे हम कुद रुपये चुकाकर किराने का सामान खरीद रहे हों या बड़ी और महत्वपूर्ण रकम लगाकर कोई व्यापारिक डील फाइनल कर रहे हों, सोदेबाजी हर जगह होती है। व्यापारिक बातचीत जिसे आमतौर पर मोलभाव के नाम से जाना जाता है अधिकतर लोगों का कहना है कि यह हम भारतीयों के डीएनए का ही एक हिस्सा है और हम सबको बेहद पसंद है। हममें से अधिकतर बिना मोलीााव किये तो खरीददारी ही नहीं कर सकते। तो हमने इसे अपने मंच पर लागू करने का विचार किया ताकि उपभोक्ता भी खरीदे जाने वाले परिधान के लिये सबसे अच्छी कीमत पाने को मोलभाव और सौदेबाजी का लुत्फ उठा सकें।’’
मोलभाव की संभावनाओं को लागू करने के बाद इनकी वेबसाइट पर आने वालों की संख्या में न केवल तीन गुना की वृद्धि हुई है बल्कि बाॅनिटो.इन पर उपीाोक्ताओं द्वारा बिताये जाने वाले समय में भी 120 प्रतिशत का जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। इस सुविधा के कार्यान्वयन के बाद से बाउंस दर में 30 प्रतिशत की गिरावट आई है जबकि पेज पर सेशन में 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस सुविधा को प्रारंभ करने के पहले ही हफ्ते में हमें 2000 से अधिक प्रस्ताव मिले जिनमें से 10 प्रतिशत वास्तविक आॅर्डर में बदलने में कामयाब रहे।
‘‘हमें लगता है कि हमारे पास वास्तव में कुद दिलचस्प है जिसकी मदद से हम न केवल आॅनलाइन खरीद-बिक्री के बाजार में एक जबरदस्त बदलाव लाने में मददगार साबित हो सकते हैं। इसके अलावा हम उपभोक्ताओं को सामानय बाजार से खरीददारी करने के दौरान प्राप्त होने वाले अनुभव की अनुभूति करवाकर उन्हें आॅनलाइन खरीददारी के लिये उकसा सकते हैं।’’
यह युवा जोड़ी फिलहाल चार लोगो की एक छोटी सी टीम में बदल चुकी है। एक हैं किशन, जो पहले सूरत सेंट्रल माॅल में डिस्पैच अधिकारी के रूप में कार्यरत थे और अब वे इनके आॅपरेशन, क्वालिटी और डिस्पैच का काम संभालते हैं। इसके अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के साथ मंच सामग्री का काम संभालने वाली बंसरी इस टीम की एक अन्य महत्वपूर्ण सदस्य है।
आप मानें या ना मानें, अभी ये दोनों सिर्फ 22 और 26 वर्ष की युवावस्था में हैं और इनकी अभिव्यक्ति में अनिश्चितता की कोई अनुभूति नहीं है। इन्हें मालूम है कि वे आज से 10 साल बाद खुद को किस मुकाम पर खड़ा हुआ देखना चाहते हैं।