पद्मश्री वंदना लूथरा: दो हजार रुपए से शुरू हुआ VLCC आज 16 देशों में चला रहा है सेंटर
25 साल के काम-काज में वीएलसीसी लगातार तरक्की करते हुए न केवल एशिया की सबसे बड़ी वेलनेस कम्पनियों में शुमार हो गई है बल्कि इसने भारत में वेलनेस सेक्टर के विस्तार में भी सराहनीय योगदान दिया है। वंदना लूथरा के निरंतर प्रयासों से कंपनी के सेंटर 16 देशों के 121 शहरों में 300 से अधिक स्थानों पर मौजूद है।
सही दिशा, लगन और चाह से व्यक्ति कहां नहीं पहुंच सकता, वंदना लूथरा इसको प्रमाणित करती हैं। वह महिलाओं में छुपी असीम क्षमताओं का उदाहरण हैं और रूढ़ियों को तोड़कर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। उन्हें औद्योगिक क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए 'पद्म श्री’ से भी नवाजा गया है।
वीएलसीसी अपने स्तर से महिला सशक्तिकरण के लिए योगदान भी देती है। कंपनी का 'एंटरप्रेन्याॅरशिप फाॅर वुमन प्रोग्राम’ महिलाओं में उद्यम व प्रतिभा को बढ़ावा देता है और उन्हें पुरस्कृत भी करता है। आज देश में कंपनी के 10 में से सात विभागों की प्रमुख महिलाएं ही हैं। 13 देशों में 300 से अधिक सभी रिटेल आउटलेट की लीड मैनेजर खासकर महिलाएं ही हैं।
सुंदर होना क्या है? हम एक चेहरे काे ही सुंदर नहीं कह सकते। उसकी सेहत, दांतों से लेकर बाल, त्वचा यानी ओवरऑल हेल्थ को साथ लेकर ही ब्यूटी का होना संभव है। आप अगर चेहरे पर मेकअप लगा लें और अंदर से आप ठीक महसूस नहीं कर रहे तो वह मेकअप के बावजूद चेहरे पर नजर जाएगा। स्वस्थ शरीर और मन के साथ ही सुंदर हैं। यही बात लोगों काे समझाता है वीएलसीसी। वीएलसीसी, एक ऐसी कंपनी जो लोगों को उनके शरीर और रुख के हिसाब से मेडीकेट करता है, संवारता है। वंदना लूथरा वीएलसीसी की सीईओ हैं। वीएलसीसी उन कंपनियों में शुमार है, जिन्होंने महिलाओं को रोजगार और रोजगार संबंधी तकनीक मुहैया कराने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ समझौता किया है। अपनी बचत की छोटी सी रकम से वर्ष 1989 में दिल्ली में वीएलसीसी की शुरूआत की। तब यह भारत का पहला 'ट्रांस्फाॅर्मेशन सेंटर' था। उन दिनों देश का वेलनेस मार्केट पहचान ही बना रहा था और फिटनेस व ब्यूटी मिलाकर संपूर्ण वेलनेस एक नए तरह का क्षेत्र था।
क्योंकि महिलाएं कहीं भी कमतर नहीं हैं-
वंदना कहती हैं, ’इन सब कठिनाईयों को पार करने का एक ही तरीका था कि मैं पूरी मेहनत और लगन से काम करूं ताकि लोगों को यह अहसास हो जाए कि मेरे बिजनेस में जान है। जल्द ही, मेरी मेहनत रंग लाई। मुझे सब्र का फल मिला और उसके बाद मैंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। एक सीरियल था, जस्सी जैसी कोई नहीं। उसमें हीरोइन यानी जस्सी अपने लुक्स के कारण बहुत पॉपुलर हुई थी। बाद में उसका मेकओवर किया जाता है और वो बहुत साधारण से ग्लैमरस बन जाती है। हफ्ते दर हफ्ते वह स्मार्ट होती जाती है और फाइनल तक उसे एक बहुत ही खूबसूरत मॉडर्न लड़की के रूप में देखा जाता है। हमने वह मेकओवर पहली बार टीवी पर किया था। इसके बाद यह इतना पॉपुलर हुआ कि महिलाओं ने अपने रूटीन लुक को बदलने के लिए घराें से बाहर कदम निकालना शुरू कर दिया। यह एक टर्निंग पॉइंट था। यहां से हमने जाना कि किस तरह लड़कियां खुद को बदलने के लिए तैयार हैं। जबकि पहले वे अपने सामान्य लुक्स को लेकर केवल कॉम्प्लेक्स रखती थीं बल्कि परेशान भी रहती थीं। ट्रांसफॉर्मेशन उनके लिए एक कारगर चीज साबित हुई।’
उन्होंने फिटनेस के व्यवसाय में कदम रखने से पहले इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करके बारीकियों को भी जाना था। वंदना लूथरा ने ग्रेजुएशन के बाद जर्मनी में न्यूट्रीशन एवं काॅस्मेटोलाॅजी में उच्च शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद लंदन, म्युनिख और पेरिस में ब्यूटी केयर, फिटनेस, फूड एण्ड न्यूट्रीशन और स्किन केयर में कई स्पेशलाइज्ड कोर्स और माॅड्यूल किए। जब वंदना लूथरा ने अपने बिजनेस में कदम रखा तो उन दिनों गिनी-चुनी महिलाएं ही उद्यमी के तौर पर दिखाई पड़ती थीं। खास कर गैर-व्यावसायिक परिवारों की महिलाएं तो बहुत कम थीं। जेब में दो हजार रुपए थे और सपने बेहिसाब। सपनों को तरतीब दी और चल पड़ी उन्हें पूरा करने के लिए। बैंक से लोन लिया और एक ऐसे फील्ड में पांव रखा जिसका उन्हें जरा भी अनुभव नहीं था। उनके सामने शुरूआती चुनौती आई अपनी पहचान बनाने और लोगों का भरोसा जीतने की। लोग ब्यूटी पार्लर से तो वाकिफ थे पर ट्रांस्फाॅर्मेशन सेंटर का आइडिया उनके लिए बिल्कुल नया था। इतना ही नहीं लोगों में एक महिला की बिजनेस क्षमताओं को लेकर आशंका भी रहती थी। मेहनत रंग लाई और दिल्ली सफदरजंग इलाके में खोला गया उनका पहला सैलून लोगों को भा गया। लेकिन उन्हें अपने उद्यम के लिए पैसा जुटाना में भी काफी मुश्किलें आईं।
दुनिया भर में वंदना के नाम का डंका-
25 साल के काम-काज में वीएलसीसी लगातार तरक्की करते हुए न केवल एशिया की सबसे बड़ी वेलनेस कम्पनियों में शुमार हो गई है बल्कि इसने भारत में वेलनेस सेक्टर के विस्तार में भी सराहनीय योगदान दिया है। वंदना लूथरा के निरंतर प्रयासों से कंपनी के सेंटर 16 देशों के 121 शहरों में 300 से अधिक स्थानों पर मौजूद है। भारत, श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, मलेशिया, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ओमान, बहरीन, कतर, कुवैत, सऊदी अरब और कीनिया में खुद कम्पनी अपना काम-काज करती है। साथ ही भारत और सिंगापुर स्थित इसके प्लांट में वीएलसीसी की बड़ी रेंज़ के स्किन केयर, हेयर केयर और बाॅडी-केयर प्रोडक्ट का उत्पादन भी होता है। कम्पनी में पूरी दुनिया के 39 देशों के 6,000 से अधिक लोग काम करते हैं। इनमें अधिकांश डाॅक्टर, न्यूट्रीशनिस्ट, साइकोलाॅजिस्ट, काॅस्मेटोलाॅजिस्ट, ब्यूटीशियन, फीजियोथिरेपिस्ट आदि हैं।
एक सफल महिला उद्यमी के अपने अनुभव के आधार पर वंदना कहती हैं कि एक सामान्य महिला से आज जानीमानी महिला उद्यमी बनने के बाद वंदना लूथरा अपने जीवन में आए अंतर के बारे में बताती हैं, ’वीएलसीसी को इस मुकाम पर पहुंचाने में लगे इन 25 सालों में मेरी एक शख्सियत बनी है। आज मैं बेहतर निर्णय लेती हूं। परिस्थितियों को अच्छी तरह समझती हूं। साथ ही मैं आज भी अपने पति के लिए वही पत्नी हूं। बच्चों की वही मां हूं और जानने वाले सभी के लिए वही इंसान हूं। एक महिला के लिए काम और स्वास्थ्य के बीच सही संतुलन पर ध्यान देना भी महत्वपूर्ण है। अपनी सेहत का ख्याल रखना भी जरूरी है।'
साथी महिलाओं को आगे बढ़ाने का बेहतरीन काम-
वीएलसीसी अपने स्तर से महिला सशक्तिकरण के लिए योगदान भी देती है। कंपनी का 'एंटरप्रेन्याॅरशिप फाॅर वुमन प्रोग्राम’ महिलाओं में उद्यम व प्रतिभा को बढ़ावा देता है और उन्हें पुरस्कृत भी करता है। आज देश में कंपनी के 10 में से सात विभागों की प्रमुख महिलाएं ही हैं। 13 देशों में 300 से अधिक सभी रिटेल आउटलेट की लीड मैनेजर खासकर महिलाएं ही हैं। वीएलसीसी का प्रत्येक वेलनेस सर्विस सेंटर और वोकेशनल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट लाभ कमाने वाला, अपने-आप में एक स्वतंत्र केंद्र है जो एक उद्यमी (मोटे तौर पर एक महिला), सेंटर मैनेजर की देखरेख में काम करता है। इससे उन महिलाओं के लिए आर्थिक आत्मनिर्भरता और खुद पर भरोसे का रास्ता खुल जाता है।वंदना लूथरा, ब्यूटी और फिटनेस के क्षेत्र में जानामाना नाम। उनकी कंपनी वीएलसीसी ने आज लोगों के बीच साख बनाकर भारत में अपनी विशेष पहचान बनाई है। इतना ही नहीं कंपनी के विश्वभर में कई सेंटर सफलतापूर्वक चल रहे हैं।
सही दिशा, लगन और चाह से व्यक्ति कहां नहीं पहुंच सकता, वंदना लूथरा इसको प्रमाणित करती हैं। वह महिलाओं में छुपी असीम क्षमताओं का उदाहरण हैं और रूढ़ियों को तोड़कर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। उन्हें औद्योगिक क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए 'पद्म श्री’ से भी नवाजा गया है।
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