10वीं में आये थे केवल 45% नंबर, आज छत्तीसगढ़ में है IAS
मूलतः बिहार के और 2009 बैच छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी अवनीश शरण ने ट्विटर पर अपनी 10वीं की मार्कशीट की एक तस्वीर शेयर की है. उनके मार्कशीट में देख सकते हैं उन्होंने 10वीं थर्ड डिविजन से पास की है.
शेयर किए गए मार्कशीट को देखकर पता चलता है कि उन्होंने 1996 में बिहार बोर्ड से अपनी परीक्षा उत्तीर्ण की थी. इससे यह भी पता चलता है कि उन्होंने परीक्षा में 700 में से 314 अंक प्राप्त किए जो कुल 44.85 प्रतिशत होता है.
मार्कशीट के अनुसार, हिंदी में 100 में से 54 अंक, संस्कृत में 100 में से 30 अंक, गणित में 100 में से 31 अंक, फिजिक्स में 50 में से 21 अंक, केमिस्ट्री में 50 में से 18 अंक, बायोलॉजी में 50 में से 26 अंक मिले हैं। इतने कम अंक प्राप्त करने के बाद भी उन्होने हार नहीं मानी और ना ही निराश हुए और यूपीएससी परीक्षा देने का कठिन निर्णय लिया. लगन और पुरजोर मेहनत के बाद उन्होंने वो कर दिखाया जो दूसरों के लिए बस सपने जैसा था.
अवनीश शरण की 10वीं के रिजल्ट को देखकर कह सकते हैं कि एक औसत छात्र भी एक दिन देश का आईएएस अफसर बन जाएगा, यह किसी ने नहीं सोचा होगा. शायद अवनीश शरण ने अपनी मार्कशीट इसी मकसद से शेयर की थी. भारत में परीक्षा और उसके परिणाम को स्टूडेंट के भविष्य से जोड़कर देखा जाता है, जिसकी वजह से परीक्षा में अच्छे परिणाम आने पर वाहवाही तो मिलती है लेकिन बुरे परिणाम आने पर बच्चों के भविष्य को शून्य की तरह देखा जाता है. जिसके परिणामस्वरूप, बच्चे निराशा में कभी-कभी अनुचित कदम भी उठा लेते हैं.
ऐसे में अगर एक आईएएस अफसर अपने रिजल्ट शेयर करता है कि थर्ड डिविजन आने के बावजूद भी मेहनत और लगन से अपना लक्ष्य पाया जा सकता है तो यह कई बच्चों, युवाओं और अभिभावकों को निराश होने से बचा सकता है जैसा कि अवनीश शरण के ट्वीट पर किये हुए रिप्लाइज को देखकर लगता है. शेयर किए जाने के बाद से इस पोस्ट को हजारों लोगो ने लाइक और रीट्वीट किया. कई यूजर्स ने लिखा वे इस पोस्ट ने उन्हें प्रेरित किया है.
अवनीश की ट्वीट देखकर बच्चों पर नाहक दबाव बनाने वाले अभिभावक और मार्कशीट देखकर फ्यूचर तय करने वालों के नजरियों में बदलाव आने की उम्मीद है.
(फीचर इमेज क्रेडिट: @AwanishSharan twitter)