पत्रकार की मौत के बाद भी अधिकारियों ने नहीं सुनी तो खुद पेंट किया स्पीड ब्रेकर
मुंबई के लड़कों ने एक्सिडेंट रोकने के लिए किया ये काम...
मुंबई के कुर्ला इलाके में, जहां एक सड़क हादसे में पत्रकार की जान जाने के बावजूद स्पीड ब्रेकर पेंट नहीं किए जा रहे थे। वहां के कुछ युवाओं ने मिलकर खुद ही स्पीड ब्रेकरों पर जेब्रा पेंट कर दिया।
लोगों ने वॉर्ड ऑफिस और वॉर्ड काउंसिल को पत्र लिखकर स्पीड ब्रेकर पर सफेद पट्टी बनाने का अनुरोध भी किया। दो दिन तक जब इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो लोगों ने यह जिम्मेदारी अपने हाथ में लेने का फैसला कर लिया।
इन सभी युवकों ने वहां पर न्यू मिल रोड, बेलग्रामी रोड और एचपीके मार्ग पर स्थित 6 स्पीड ब्रेकरों को पेंट किया। इसमें कुल 1,400 रुपये का खर्च आया।
हमारे देश में प्रशासनिक व्यवस्था इतनी ढुलमुल है कि छोटे से काम के लिए भी कई दिनों तक अधिकारियों का मुंह ताकना पड़ता है। इसी से फिर लगता है कि इससे बेहतर तो हम खुद ही मिलकर काम कर लें। ऐसा ही हुआ है मुंबई के कुर्ला इलाके में, जहां एक सड़क हादसे में पत्रकार की जान जाने के बावजूद स्पीड ब्रेकर पेंट नहीं किए जा रहे थे। वहां के कुछ युवाओं ने मिलकर खुद ही स्पीड ब्रेकरों पर जेब्रा पेंट कर दिया। वहां के लोगों ने बताया कि रात में स्पीड ब्रेकर दिखते नहीं हैं और इसी वजह से बीते दिनों सड़क हादसे में टीवी पत्रकार प्रशांत त्रिपाठी की जान चली गई।
दरअसल अभी पिछले हफ्ते बुधवार को न्यू कुर्ला की न्यू मिल रोड पर एक स्पीड ब्रेकर पर दो ऑटो रिक्शा में टक्कर के बाद एक के पलटने की वजह से उसमें सवार सीनियर टीवी जर्नलिस्ट प्रशांत त्रिपाठी की मौत हो गई थी। उस स्पीड ब्रेकर पर कोई निशान नहीं बने थे जिस कारण वह दिखाई नहीं दे रहा था। हादसे के बाद पुलिस ने एक ऑटो ड्राइवर को पकड़ लिया है जबकि दूसरा फरार है। लेकिन, हादसे की मुख्य वजह बने स्पीड ब्रेकर पर इसके बाद भी निशान नहीं बनाए गए। वहां रहने वाले लोगों ने वॉर्ड ऑफिस और वॉर्ड काउंसिल को पत्र लिखकर स्पीड ब्रेकर पर सफेद पट्टी बनाने का अनुरोध भी किया। दो दिन तक जब इसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो लोगों ने यह जिम्मेदारी अपने हाथ में लेने का फैसला कर लिया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ऑटो रिक्शा ड्राइवर को दिखा ही नहीं कि सामने स्पीड ब्रेकर है और इसी वजह से टक्कर हुई। हादसे के अगले ही दिन गुरुवार को लोगों ने बीएमसी को स्पीड ब्रेकर पेंट करने के लिए पत्र लिखा, लेकिन दो दिनों तक इंतजार करने के बावजूद कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। इसके बाद रोहत प्रजापति और सुभाष युवक मंडल के उनके दोस्तों ने शनिवार रात को खुद ही स्पीड ब्रेकर को रंग दिया। उन्होंने साथ ही लोगों के लिए सुरक्षित रहने का संदेश भी छोड़ दिया। प्रजापति ने बताया कि इनपर इस साल निकाय चुनावों से पहले पुताई की गई थी लेकिन वह रंग छूट गया। उन्होंने कहा कि वे लोग नहीं चाहते थे कि किसी और की जान जाए, इसलिए खुद ही यह काम कर दिया।
स्थानीय लोगों ने सवाल किया कि अगर एक पत्रकार की मौत की ही कोई कीमत नहीं है तो एक आम आदमी का क्या होगा। कैटरिंग का बिजनेस चलाने वाले रोहित प्रजापति ने मुंबई मिरर से बात करते हुए बताया, 'हमें यह अहसास हुआ कि कोई भी प्रशासन हमारी बात को गंभीरता से नहीं ले रहा है। इसलिए हमें लगा कि अब इस स्पीड ब्रेकर की वजह से किसी की जान नहीं जाने देंगे। फिर हम लोकल हार्डवेयर की दुकान पर गए और वहां से पेंट खरीदा।' इन सभी युवकों ने वहां पर न्यू मिल रोड, बेलग्रामी रोड और एचपीके मार्ग पर स्थित 6 स्पीड ब्रेकरों को पेंट किया। इसमें कुल 1,400 रुपये का खर्च आया।
उन्होंने बताया कि इससे पहले निकाय चुनावों के वक्त ही इनकी पुताई हुई थी, उसके बाद किसी ने इनकी हाल खबर ही नहीं ली। जिस वजह से रंग उड़ गया। उन्होंने बताया कि पास में स्कूल होने की वजह से ऐसा करना और भी जरूरी हो गया था। वहीं दूसरी ओर, अधिकारियों ने हादसे की जानकारी होने से ही इनकार कर दिया। सहायक नगर पालिका आयुक्त अजीतकुमार अंबी ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी नहीं है लेकिन स्पीड ब्रेकर को सोमवार तक रंग दिया जाएगा। वहीं, बीएमसी के सड़क विभाग के अधिकारी ने कहा कि सड़क बनने के बाद उनके रखरखाव की जिम्मेदारी वार्ड स्टाफ की होती है। स्थानीय नेता अशरफ आजमी ने कहा कि उन्हें हादसे की जानकारी ही नहीं थी।
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