अमेरिकी राष्ट्रपति से मिलने वाले बिहार के पहले उद्यमी शरद सागर
शरद ने पटना के सेंट डॉमिनिक स्कूल से 12वीं तक पढ़ाई की और 12वीं के बाद वह 100 पर्सेंट स्कॉलरशिप पर अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने सिर्फ 16 साल की उम्र में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के संगठन की स्थापना की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिलने वाले वह पहले बिहारी उद्यमी थे।
शरद सागर बताते हैं कि उनके जीवन का लक्ष्य अगली पीढ़ी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कनेक्ट करना है। इनकी संस्था डेक्सटेरिटी ग्लोबल की वेबसाइट के मुताबिक यह संस्था शिक्षा के क्षेत्र में एक शानदार प्लैटफॉर्म है, जो दक्षिण एशियाई देशों के स्कूलों के साथ काम करती है।
शरद का जीवन और काम युवा पीढ़ी को प्रेरित करता है। अक्टूबर 2016 में शरद एकमात्र भारतीय थे जिन्हें तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस आने का निमंत्रण दिया।
25 साल के शरद सागर डेक्सटेरिटी ग्लोबल के संस्थापक और सीईओ हैं। वह बिहार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने 2008 में अंतरराष्ट्रीय सामाजिक संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल की स्थापना की थी। खास बात यह है कि उनका नाम फोर्ब्स की दुनिया के 30 साल से कम उम्र के 30 प्रभावशाली युवाओं की लिस्ट में शामिल किया गया है। पिछले साल उन्हें तत्तकालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इनवाइट किया था।
सागर अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अंतरराष्ट्रीय राजनीति और कूटनीति की पढ़ाई कर चुके हैं। शरद ने पटना के सेंट डॉमिनिक स्कूल से 12वीं तक पढ़ाई की और 12वीं के बाद वह 100 पर्सेंट स्कॉलरशिप पर अमेरिका में पढ़ाई करने चले गए। फोर्ब्स ने जो लिस्ट जारी की थी उसमें फेसबुक के फाउंडर मार्क जकरबर्ग, नोबेल पुरस्कार विजेता पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई जैसे लोगों का नाम शामिल है। फोर्ब्स पत्रिका ने 4 जनवरी को '30 अंडर 30' की लिस्ट जारी की थी। शरद सागर बताते हैं कि उनके जीवन का लक्ष्य अगली पीढ़ी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कनेक्ट करना है। इनकी संस्था डेक्सटेरिटी ग्लोबल की वेबसाइट के मुताबिक यह संस्था शिक्षा के क्षेत्र में एक शानदार प्लैटफॉर्म है, जो दक्षिण एशियाई देशों के स्कूलों के साथ काम करती है। इससे पहले साल 2013 में उन्हें रॉकफेलर फाउंडेशन ने इस शताब्दी के 100 इनोवेटर्स की लिस्ट में शामिल किया था। शरद की संस्था डेक्सटेरिटी ग्लोबल 12 लाख बच्चों के साथ काम करती है।
शरद ने इंटरनेशनल सोशल इंटरप्राइज संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल की स्थापना 2008 में की थी। तब वह महज 16 साल के थे। शरद सागर को 2013 में रॉकेफेलर फाउंडेशन ने शताब्दी के 100 सर्वश्रेष्ठ सामाजिक आंत्रेप्रेन्योर की लिस्ट में शामिल किया। शरद यूएन वर्ल्ड समिट यूथ अवॉर्ड के विनर रहे हैं। उन्हें 2015 में डेविस प्राइज भी मिल चुका है। शरद का जीवन और काम युवा पीढ़ी को प्रेरित करता है। अक्टूबर 2016 में शरद एकमात्र भारतीय थे जिन्हें तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस आने का निमंत्रण दिया। उनकी संस्था नासा समेत दुनियाभर के कई संस्थानों के साथ बच्चों को शैक्षिक अवसरों से जोड़ने का काम करती है।
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