हेल्थ से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान है 'माई उपचार' के पास
माईउपचार का सबसे मुख्य काम है लोगों की हेल्थ से जुड़ी समस्या सुलझाना और मुश्किल सवालों का जवाब देना। यह वेबसाइट खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए काम करती है।
माईउपचार का दावा है कि उनके पास लगभग 3.5 करोड़ उपभोक्ता हैं जिसमें से 2 करोड़ लोग हिंदी भाषी हैं। रजत अगले पांच सालों में इसके ढाई गुना बढ़ने की अपेक्षा रखते हैं।
रजत के एक दोस्त मनुज गर्ग (35) ने भी उन्हें जॉइन किया। मनुज ने भी स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। अपनी पीएचडी पूरी करने के बद वह बीसीजी और गेट्स फाउंडेशन के लिए काम कर रहे थे।
भारतीय समाज में प्राचीन काल से घरेलू उपचार की संस्कृति रही है। आज भी जब किसी को मामूली चोट लग जाती है या कुछ छोटी-मोटी दिक्कत महसूस होती है तो सबसे पहले हम किचन की ओर भागते हैं। उसके बाद में डॉक्टर के बारे में सोचा जाता है। लगभग हर घर की यही कहानी है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि लोगों को घरेलू उपचार का सही तरीका नहीं मालूम होता है या फिर वे दिग्भ्रमित रहते हैं। इसी घरेलू उपचार के महत्व को पहचान कर 38 साल के रजत गर्ग ने 2016 में स्वास्थ्य संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एक सिस्टम की शुरुआत की। इस स्टार्टअप का नाम 'माई उपचार' (MyUpchar) है। खास बात यह है कि इसमें हिंदी भाषा में लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी जाती है।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएट रजत बताते हैं, 'मैं एक ई-कॉमर्स वेंचर चला रहा था। उसके जरिए हम हैंडीक्राफ्ट्स प्रोडक्ट बेचा करते थे। लेकिन जब हमने हिंदी में वेबसाइट लॉन्च की तो अचानक से आयुर्वेद का बिजनेस 50 प्रतिशत बढ़ गया।' इसके बाद रजत को अहसास हुआ कि हेल्थकेयर सेक्टर में ग्रोथ की अच्छी संभावनाएं हैं। उनकी माई उपचार वेबसाइट के जरिए यूजर घरेलू उपचार से लेकर मेडिकल सलाह तक की जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसमें आयुर्वेद से लेकर होम्योपैथी और एलोपैथी की भी ढेर सारी जानकारी दी जाती है। जिसमें प्रेग्नेंसी, महिला स्वास्थ्य, सर्जरी के बाद की देखभाल, योग और फइटनेस से जुड़ी जानकारी भी शामिल है।
इसके बाद रजत के एक दोस्त मनुज गर्ग (35) ने भी उन्हें जॉइन किया। मनुज ने भी स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। अपनी पीएचडी पूरी करने के बद वह बीसीजी और गेट्स फाउंडेशन के लिए काम कर रहे थे। वह अपना काफी समय हेल्थकेयर से जुड़े मॉडल्स से लोगों की सेवा में लगाते थे। जब उन्हें रजत के इस प्लान के बारे में पता चला तो उन्होंने सब कुछ छोड़कर माईउपचार को जॉइन कर लिया। अब दोनों दोस्त साथ में ही काम करते हैं।
माईउपचार कैसे काम करता है?
माईउपचार का सबसे मुख्य काम है लोगों की हेल्थ से जुड़ी समस्या सुलझाना और मुश्किल सवालों का जवाब देना। यह वेबसाइट खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए काम करती है। रजत ने कई सारे डॉक्टरों के साथ भी पार्टनरशिप की है जिनके जरिए हेल्थ से जुड़ी इन्फॉर्मेशन मिल जाती है। उस कंटेंट को फिर उनकी टीम हिंदी में ट्रांसलेट करती है। उसके बाद उसे फिर से डॉक्टरों द्वारा देखा जाता है और फिर वह वेबसाइट पर पब्लिश होती है। रजत ने बताया, 'क्षेत्रीय भाषाओं में ऐसी जानकारी का सख्त आभाव है। हमने 2016 दिसंबर में अपनी वेबसाइट लॉन्च की थी और सिर्फ 6 महीने में हमारा ट्रैफिक हर महीने 25 लाख हो गया। इसका मतलब की पाठकों में ऐसे कंटेंट की सख्त डिमांड है।'
माईउपचार का दावा है कि उनके पास लगभग 3.5 करोड़ उपभोक्ता हैं जिसमें से 2 करोड़ लोग हिंदी भाषी हैं। रजत अगले पांच सालों में इसके ढाई गुना बढ़ने की अपेक्षा रखते हैं। उन्होंने एक रिसर्चत करवाया जिससे यह मालूम चला कि हेल्थकेयर से जुड़ी जानकारी पढ़ने वालों में से सबसे ज्यादा पाठक महिलाएं हैं। वह कहते हैं, 'गावों और कस्बों में स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या का निदान महिलाओं से पूछकर किया जाता है। घर में भी जब किसी को कुछ होता है तो वह सबसे पहले अपनी मां से बताता है।' रजत का कहना है कि वह ऑरिजिनल कंटेंट पर जोर जे रहे हैं ताकि लोगों को सही और सटीक जानकारी मिल सके।
माईउपचार का रेवेन्यू विज्ञापन के जरिए आता है। उनकी एक टीम सिर्फ रेवेन्यू मॉडल पर काम करती है। अब रजत की टीम वास्तविक रूप से लोगों को सलाह देने के क्षेत्र में काम कर रही है। वह एक टीम बना रहे हैं जो ऐसे क्लाइंटों से डील करेगी। इसके लिए वे पैसे भी लेंगे। सिर्फ कुछ महीने पुराने इस स्टार्ट अप को मोहित सत्यानंद, आलोक मित्तल और राजन आनंदन जैसे इन्वेस्टर्स से 2 करोड़ का फंड मिला है। अब माईउपचार हिंदी के अलावा 6 अन्य भाषाओं में भी काम करने जा रहा है।
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